'मैं हो चुकी किसी और की'..
कहते कहते फफक पड़ी थी
जब दिखाया था उसने..
मुझे अपने मेहँदी रचे हाथ..
था, साल रहा.. अब उम्र भर की
जुदाई का ख्याल
तभी तो ज़ोर से पकड़ा
हुआ था अंतिम बार मेरा हाथ !!
वो निशानियाँ प्यार की..
वो चिट्ठियाँ.. तोहफे..
सब धू-धू कर जल रहे थे
मेरे सामने.. मेरे साथ !!
खुद थी अश्कों से सराबोर..
और मुझे दिला रही थी दिलासा,
'अगले जनम में, पक्का-पक्का
रहेंगे न साथ-साथ!!'
था, मुझसे ज्यादा ग़म,
बिछड्ने का उसे..
तभी तो वक्त-ए-रुखसत पर
भाग गयी थी.. छुड़ा कर मुझसे अपना हाथ!!
34 comments:
प्यार के कोमल भाव लिए अत्यंत भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
सुन्दर ,भावपूर्ण सृजन अनुभूति की पराकाष्ठा
मन को सब समझाये कौन।
.बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति . आभार मुसलमान हिन्दू से कभी अलग नहीं #
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प्यार का सबसे दुखद पल होता है ये.....प्यार कुर्बानी मांगता है....पर कैसी कुर्बानी..सिर्फ समाज के चंद लोगो के अह्म को संतुष्ट करने के लिए। कोई कर्तव्यवेदी पर कुर्बानी दे तो समझ में आता है..पर हमारा समाज हजारों साल बाद भी प्यार से जाने क्यों डरता है। जिन के नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा वो राजा भरत भी तो प्यार की ही देन थे.....उस देश के वासी आखिर कबतक इस तरह प्यार पर पहला बिठाते रहेंगे पता नहीं?
दर्द बिछड़ने का कम हो शायद अगले जन्म के दिलासे से.
बहुत भावपूर्ण लिखा हैं .......
प्रेम के कोमल एहसास लिए भावपूर्ण रचना
सजीव चित्रण इस पल का .... सुंदर रचना
bahut khubsurat rachna mukesh bhai
बढ़िया है !
sundar bhavpurn rachna
मनोभाव साफ़ झलक रहे हैं, बहुत सुंदर रचना.
रामराम.
बहुत ही खुबसुरत रचना लिखी है आपने मुकेश ....बेहतरीन
lajawab -***
pyar hai to judai bhi hai,milan hai to vichhoh bhi hoga....yese pyar me phir alag hone ka kashat kaha jo rooh ko chu gae ho......hamesha ki tarah komal bhavon se otprot rachna....
खुबसुरत रचना मुकेश जी
बहुत संवेदनशील प्रस्तुति...
प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.....
प्यार की खुबसूरत रचना.....
प्यार की खुबसूरत रचना.....
एक चलचित्र सा खिंच गया सामने ! सुंदर भावभीनी प्रस्तुति !
khoobshurat prastuti
khoobshurat prastuti
खूबसूरत प्रस्तुति
आह
सबको उनका प्यार मिले
बहुत सुन्दर.....
उम्मीद नहीं थी ऐसी रचना की :-)
सस्नेह
अनु
वाह....
क्या बात है......
सिन्हा जी...आभार
ए मेरे हम नवां .. तू नही ... फिर भी साथ चलते हैं साये तेरी यादों के ... सुन्दर रचना !
एक प्यार का दुखद अंत ...ये ही नियति है
ओह्ह... बस अब सिर्फ यादों में ... बहुत भावपूर्ण रचना.
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