गुलाबी फ्लेमिंगो सी उम्मीदेंउनकी रंगीली चमकीली लौ जैसीजैसे ढेरों गुलाबी पक्षी लम्बी गर्दनें उठा करगुलाबी कतारों में चलते हुएएकाएक इधर उधर फ़ैल जाते होंविस्तार पाने के लिए, जल परिधि के बीच..
ठीक वैसे ही पल-प्रतिपलक्या-क्या न कर जाऊं,क्या-क्या न पा जाऊंकुछ ऐसे ही मेरी उम्मीदेंमेरी सोच की लम्बी गर्दन थामे चाहती है,पा जाऊं वो सब कुछ जो चाहता/सोचता रहा अब तक..
मेरी उम्मीदें भी फ्लेमिंगो सीघंटो एक पैर पर होकर खड़ीमौन सोचती है, चाहती हैकैसे भी बसपूरी हो हर चाहतजैसे फ्लेमिंगो 'टप' से पकडती है निवालालम्बे चोच में
गुज़रती जिंदगी और उम्र के साथ सतरंगी उम्मीदें,किसी भी स्थिति का करने को सामनाचाहती है
फ्लेमिंगो के तरह माइग्रेट करके ही बेशक
कर ले पूरे अरमानऔर पा जाए वो हर कुछजो संजोये है मन में
फ्लेमिंगो लौट गयी हैंपुनःप्रवास का समय बीत रहा हैशायद मेरी उम्मीदों ने भी सोना सीख लिया हैया फिर ऐसे कहेंमेरी उम्मीदों को मिल गया महापरिनिर्वाण.