एक बार फिर आया मौसम
बल्ले और बाल के बीच युद्ध का
जमीनी चौकों और उड़ते छक्को का
विकेट के ऊपर से उडती गिल्लियों का
"हॉउस देट: के सम्मिलित अपील का
अपने ग्यारह नौजवानों के हौसला अफजाई का ...........
बहुत हुआ इंतज़ार
"धोनी" जल्दी से हो जा तैयार
ताकि हम देख सकें तुम सबो को
जीत के घोड़े पे सवार...
पता नहीं कब तुम सब हमारे मन में बसे
क्योंकि तुम्हारी जीत हम आम भारतियों में
लती है खुशियों का संचार....
तभी तो आटा गुंथती अम्मा का चेहरा
भी चहक उठता है...
जब "सचिन" तुम्हारा बल्ला बोलता है....
हमारे दिल की बजे मृदंग
यदि "सहवाग" का बल्ला बोले "हुर्र हुर्र दबंग"
"विराट, रैना व गंभीर"
जिनके शाट बताये ये हैं वीर, शुर वीर
"युसूफ और युवराज"...तुम इतने मरो चौक्के छक्के
की पूरा स्टेडियम गूंजे "चक दे, चक दे फट्टे"
"हरभजन-पियूष" अपनी फिरकी के दिखा दे जलवे
ताकि हम नाचते हुए कहेँ "बल्ले बल्ले"
"जाहिर, मुनाफ और नेहरा"
काश! तुम बालर्स पर बांध जाये जीत का सेहरा...
अंततः
हम सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों का सपना
ये प्यारा विश्व क्रिकेट का कप कर दो अपना.............
यही है हमारी दिली तमन्ना.........:)
आप सबो से गुजारिश है ...अपनी शुभकामना सन्देश जरुर पोस्ट करें...........:)