जिंदगी की राहें

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Saturday, July 9, 2016

विंड चाइम




विंड चाइम की घंटियों सी
किचन से आती
तुम्हारी खनकती आवाज का जादू
साथ ही, तुम्हारा बनाया
ज्यादा दूध और 
कम चाय पत्ती वाली चाय का
बेवजह का शुरुर !!

सर चढ़ कर जब बोलता है !
तो बंद आँखों में तैरने लगते हैं
कविताओं के खिलखिलाते शव्द
बेशक लिख न पाऊं कविता !!
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कल इतवार की छुट्टी 
कल काफी बनाना :-)

2.

टूटे बटन के साथ हाफ पेंट
था एक हाथ से पकडे हुए
बह रही थी लार क्यूंकि
दूसरे हाथ की उँगलियाँ
थी लॉलीपॉप जकड़े हुए
हैं न सौंदर्य नैसर्गिक ??

(मुख़्तसर का शब्द: सौन्दर्य)
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