"अगे मैया
मर जइबे"
छाती की बढती धड़कन
का दर्द
या,
कभी कभी न पढने का बहाना !
फिर
मचा देती थी
कोहराम......... मेरी दादी माँ!
.
आज पूरी रात
अथाह परेशानियों के दर्द तले
सो जाते हैं
सिसकते हुए, बिना आंसू के
और फिर नयी सुबह
"टिंच" पैंट शर्ट के साथ
हल्की मुस्कराहट के साथ
पहुँच जाते हैं ऑफिस ! ऑफिस !!