
बचपन में सात रंगो को
हम सतरंगा या इन्द्रधनुष पुकारा करते थे ..
पर शिक्षक हमें ...इसे बेनिआह्पीनाला बताते थे
{बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल}
किन्तु आज जाना,
जब इन सभी रंगो को मिलाते हैं
तो एक रंग को उद्भव होता है ....
वो एक रंग ही इन सातो को मिश्रण है ...
यही वह रंग है जो सबको अपने में समेटे है
यही वह रंग है जो शांति का रंग है
जो सद्भाव का रंग है
जो उजाला है, जो सफ़ेद है, जो प्रकाश है ....
अर्थात , चाहे हम हो हिन्दू ,
सिख मुस्लिम हो या इसाई .....
हमें बन के रहना है भाई भाई ...