जिंदगी की राहें

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Tuesday, June 9, 2015

मोर



मैं
मेघ की आहट में
मचलता मोर
मेरे रंगीले सपने
जैसे मोर के सुनहले पंख
मेरी उम्मीद
जैसे छोटा सा उसका
तिकोना चमकता मुकुट
मेरी वास्तविकता
नाचते मोर के भद्दे पैर
नजर पड़ी जैसे ही
उन कुरूप पैरों पर
रुक गया नाचना थिरकना
मैं एक मोर
उम्मीद सपने और वास्तविकता के साथ
जी रहा हूँ बस !
~मुकेश~