जिंदगी की राहें
Followers
Thursday, May 11, 2017
लजाती भोर
सुखी टहनियों के बीच से
ललछौं प्रदीप्त प्रकाश के साथ
लजाती भोर को
ओढ़ा कर पीला आँचल
चमकती सूरज सी तुम
मैं भी हूँ बेशक बहुत दूर
पर इस सुबह के
लाल इश्क ने
कर दिया मजबूर
तुम्हे निहारने को !!
_______________
सुनो ! चमकते रहना !
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)