कभी सुना
आवाजें मर गई ?
आवाजें मर गई ?
आवाज तो,
सन्नाटे को चीरती है
बहते मौन हवाओं के बीच
हमिंग बर्ड की तरह..
आवर्ती गति के साथ आगे बढ़ती है
सन्नन्नन्न की गूँजती आवाज़ !!
.
सुनो!
अगर मेरे जाने के बाद
कभी भी
सुनना चाहो मेरी आवाज
मेरी स्मृतियों की खनखनाहट से
तो, लगा देना अपनी कान
फिर उस गुड-गुड करते शोर को
ब्रेल लिपि सी कुछ लिपिबद्ध कर के
अनुभव करने की करना कोशिश
सन्नाटे को चीरती है
बहते मौन हवाओं के बीच
हमिंग बर्ड की तरह..
आवर्ती गति के साथ आगे बढ़ती है
सन्नन्नन्न की गूँजती आवाज़ !!
.
सुनो!
अगर मेरे जाने के बाद
कभी भी
सुनना चाहो मेरी आवाज
मेरी स्मृतियों की खनखनाहट से
तो, लगा देना अपनी कान
फिर उस गुड-गुड करते शोर को
ब्रेल लिपि सी कुछ लिपिबद्ध कर के
अनुभव करने की करना कोशिश
देखना..
मेरी आवाज और मैं
मिलेंगे, बहुत पास ही
बस महसूस करना
और उन पलों में एक बार फिर
जी लेना मुझे...
मेरी आवाज और मैं
मिलेंगे, बहुत पास ही
बस महसूस करना
और उन पलों में एक बार फिर
जी लेना मुझे...
~मुकेश~