सड़कों पर मिलने वाले स्टोपर्स
और फिर ड्राइव करते गाड़ियों के
बदलते गियर्स व ब्रेक्स पर
रिदम के साथ चलते हाथ-पांव
अजीब सा स्टॉप-स्टार्ट!!
बढे चलो!
अरे भाई रुको न
क्यों हो जल्दी में!
हर मोड़ पर मिलते
उपदेश और सलाह
जिंदगी तो जैसे
1980 के जमाने का
दूरदर्शन !!
हर दस-बारह मिनट बाद ही
ब्लिंक करता दृश्य
रुकावट के लिए खेद है !
काश जिंदगी और सड़कें
होती राजमार्ग !
बिना रुके
फर्राटेदार ड्राइविंग के साथ
पा जाते डेस्टिनेशन!!
हाँ वहां भी मिलता
टोल या हाफ वे ढाबा
जिंदगी फिर होती
सिर्फ मुस्कान और भरी जेब के नाम
हे भगवान बचा लो
इस स्टॉप स्टार्ट से !
कहीं जिंदगी का पेट्रोल/इंजन आयल
ख़त्म न हो जाये वक़्त से पहले
हो न जाये ब्रेक डाउन
फिर चौकुठे बक्से में बंद मैं
इन्तजार करूँगा
तुम्हारे चढ़ाये जाने वाले
रीथ का ....!!
----------
तब भी रहेगी उम्मीद !!
आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा