थी
उम्रदराज
बस थोड़ी
होंगी उम्र में बड़ी
यानि
संभावनाएं....
मित्रता
के साथ
थी, मिलने
वाली सलाह की
उम्मीद
तो रहती ही है
पर ये
उम्मीद हुई भी पूरी
कभी मिली
सलाह
कभी की
उन्होने खिंचाई
कुछ
साहित्यक त्रुटियाँ भी बताई
हमने भी
सीखा व सराहा !
एक बार, अनायास ही हुआ उजागर
उनके
व्यक्तित्व का नया अनबूझा सा पन्ना
नितांत वैयक्तिक उपलब्धियों की लालसा में
चतुराई से
किया हुआ
जोड़, घटाव, गुणा भाग का
एक अलग गणित
संबंधो के
धरातल पर
क्योंकि वो
गढ़ रही थी
रिश्तों के
नए प्रमेय
जो था नए
संबंधो पर आधारित!
तभी तो “दो
सामानांतर रखाओं को
जब
त्रियक रेखा काटे तो
होते हैं, एकांतर कोण बराबर”
इसी
सिधान्त पर समझा रहीं थी
ढूंढ रही
थी, मेरी गलतियाँ
ताकि, दिख पाये, सब बराबर
आजमाए गए
गणितीय सूत्र
ताकि
सिद्ध हो पाये कि
रिश्तों
के प्रमेय
का गढ़ना
है उचित !!
माफ करो
यार !!
ऐसी
मित्रता को दूर से सलाम
एक
गणितीय सिद्धान्त और है
“समानान्तर
रेखाएँ
मिलती
हैं अनंत पर जाकर”
तो एक
स्पेसिफिक स्पेस
बना लिया
है मैंने
हर समय
के लिए
28 comments:
waah mukesh ji kya likha hai aapne :) accha ganitiye sidhant :)
वाह भाई क्या बात है
लगता है आप रिश्तों के गणितीय सिद्धांत से काफी परेशान हैं
क्या हो गया ? :)
कौन है वो ? बोलो बोलो कौन है वो ? :)
वैसे मित्रता किसी सिद्धांत की मोहताज़ नहीं होती मुकेश
गणित के गुना भाग और घटा जोड़ , रिश्तों की मिठास ख़तम कर देते हैं सच है !!!
गूढ़ अर्थों को समेटे रिश्तों की गणितीय प्रमेय - वाह
ye kaisa ganit hai ..!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन किस रूप मे याद रखा जाएगा जंतर मंतर को मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जीवन में सब कुछ सिद्धांतों पर आधारित नहीं होता...बहुत अच्छा लिखा है आपने...
Rishte bhi yadi koi shart,sidhant pe aadharit ho to we rishte kahan...bahut achha likha aapne...
मित्रता का प्रमेय यह भी कहता है कि समद्विबाहु त्रिभुज के आधार पर के कोण बराबर होते हैं. दो मित्र तो वैसे भी दो भुजाओं की तरह होते हैं, बराबर होना ही चाहिए! ऐसे में रिश्तों के कोण बड़े छोटे नहीं होते! एक पुरानी कहावत हमेशा याद रखनी चाहिए
निन्दक नियरे राखिए आँगन कुटी छवाए,
/
कविता का प्लॉट बहुत सुन्दर है!!
दोस्ती विश्वास पर टिके होते है... विश्वास टूटने से तकलीफ तो होती है... बहुत अच्छ लिखा आपने.
रिश्तों में भी गणितीय सिद्धांत ..... ऐसा क्या ???
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
मित्रता में गणित का क्या काम .....??
बहुत सुंदर रचना..गणितीय सिद्धांत के साथ. यही दिक्कत है, हम विज्ञान वालों की..कविता में भी खींच ही लेते हैं अपना विषय :) मैं भी यही कर बैठती हूँ, देखिए इसे :P
http://agyaatpreeti.blogspot.in/2014/01/blog-post_8.html
जब भी गणित परेशान करती है, एक विमा ऊपर चला जाता हूँ।
हिसाब किताब रिश्तों को प्रभावित करने लगते हैं
ये तो सरल रेखा है
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