तुम हाँ तुम !! मेरे लिए हो रोटी-चावल-दाल जैसे ठोस जरूरी खाद्यान जीने के लिए जरूरी, अहम ! तुम मेरे लिए, मेरे अंदर पिघलता द्रव हो लाल बहते रक्त प्रवाह के तरह या फिर आंखो से बहते खारे पानी की जलधारा जो दर्द/खुशी हर समय बह निकलती है
तुम आक्सीजन हो साँसो में हर क्षण अंदर – बाहर जिया ही नहीं जा सकता तुम बिन ! तुम पदार्थ की हरेक अवस्था की तरह हो जरूरी ठोस-द्रव-गैस
तुम मेरी जरूरत मेरी शकसियत मेरी जिंदगी बस तुम ही तो हो !!
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मेरी धर्म पत्नी अंजू का आज जन्मदिन है, उसको शुभकामनायें !!
16 comments:
:) :)
पत्नि को समर्पित प्रेम भरी सुन्दर रचना, जन्मदिन के शुभकामनाएं स्वीकार करें..
हार्दिक शुभकामनायें-
यही स्नेहिल प्रगाढ़ता ऐसे ही बनी रहे। आप दोनों को शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर!!!
अंजू को ढेर सारी शुभकामनाएं.....
मरुस्थल से सागर तक ये साथ सदा बना रहे.....
सस्नेह
अनु
जन्मदिन की शुभकामनाएं !
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
बधाई अंजू जी को जनम दिन की .... और आपके इस प्रेम भरे उपहार की ...
बिलेटेड हॅप्पी बर्डे भाभी जी ... :)
जन्मदिन की विलंबित शुभकामनाये .मेरे बेटे का भी जन्म दिन था कल बहुत व्यस्त रही इस लिय ............बहुत प्यारी शुभकामनाये
बहुत सुन्दर शुभकामनाएं और बधाई :)
भावो का सुन्दर समायोजन......
जन्मदिन की मुबारक हो भाभी जी को....बाकी तो आपने तोहफे में कविता दी है .साथ ही अहमियत भी बता दी है....बेहतर
चित्र और आपके भाव दोनों अच्छे लगे ..... आप दोनों को शुभकामनायें
behud komal bhav liye rachna...ye sath or yun abhiwyakti sadaiv bani rahe......
बहुत प्यारी रचना नेह भरी...इस चाहत को सलाम!
सादर/सप्रेम
डॉ. सारिका मुकेश
Dr. Sarika Mukesh
http://sarikamukesh.blogspot.com
http://hindihaiku.blogspot.in
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