हाँ !
तुम्हारा
वो पहला
स्पर्श
!!
है मेरी
में
कहीं
समाहित
संयोजित
सहेजा
हुआ !!
जो देती
है
एक बहुत
अलग सा कंपन
तरंग !!
वैसे ही
जैसे
केहुनी पर
कभी कभी
टन्न से
कुछ लगता है
तो झनझना
उठता है
पूरा
शरीर !! सर्वस्व!!
पर मैं
इस
झन्नाहट को
महसूसना
चाहता हूँ
बराबर!
हरदम !!
संभव है ??
ए जिंदगी! तू खुद एक तरंग है
कंपकंपी देती रहती है !!
17 comments:
बहुत खुबसूरत अनुभूति की अभिव्यक्ति -अति सुन्दर
नई पोस्ट हम-तुम अकेले
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की इस प्रविष्टि की चर्चा शनिवार 02/11/2013 को आओ एक दीप जलाएँ ...( हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : 039 )
- पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर ....
umda post
बहुत सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...
बहुत सुंदर !! दीपावली कि हार्दिक शुभकामना.....
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने....
प्रेम का ये पहला स्पर्श याद रहता है सभी को ...
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
prem ! bas yahi to poorn hai
अति सुन्दर-
पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
sundar prastuti
apne manobhavon ki itni pyari abhiwyakti....itne khubsurat shabd...wah..
wah bhai sinha ji bahut khoob likha hai apne badhai .
prem hi vah bhav hai jis par granth likhe jate hain . har vidha men isane apane paanv pasar rakhe hain.
bahut sundar dhang se chitrit kiya hai.
स्पर्शों की भाषायें बडी निराली हैं,
जहां,कोई और भाषा की जरूरत ही नहीं.
Nice and Loving Poem Added by You Ever. Read Love Stories and प्यार की स्टोरी हिंदी में aur bhi bahut kuch.
Thank You For Sharing.
सुन्दर
बहुत सुनसार कोमल अभिव्यक्ति बिलकुल स्पर्श सा कोमल और मुलायम
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