जिंदगी की राहें

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Wednesday, September 4, 2013

ये सेलफोन !


कमबख्तये सेलफोन!
जब आया तो लगा
जैसे संपर्क सूत्र बढ़ाएगा..
हर अपने को..
बतियाते हुए
और करीब लाएगा
पर विज्ञान का
एक साधारण आविष्कार..
उस छुरी-चाकू की तरह है
जो काटता है फल..
वो काट सकता है गरदनें..
इस मुए सेलफोन ने
छिन ली मिलने की लालसा..
बस बतिया कर,
पूछ कर क्षेम-कुशल..
रह जाते हैं,
स्वयं को सिमेट कर
खुद अपने ही खोल मे !
जिन रिश्तों के लिए मरते थे
वो अब 'हाय! हैलो!'
 में लगा है मरने..

कहीं ऐसा तो नहीं
किइस मोबाइल के
कारण ही रिश्ते भी
लगे हैं रिसने..
मुट्ठी में भरे रेत की तरह
भरभराने लगे हैं...
है न... सच.. कुछ ऐसा ही !!

काश,
सेलफोन-रिचार्ज की तरह
रिसते हुए रिश्ते
भी हो पाते रिचार्ज..
पुल बांधता ये सेलफोन..
ले आता रिश्तों में सामिप्य..

काश!
जैसे तरंगे भर देती हैं
मुर्दे में भी जान..
ठीक वैसे,
सेल फोन की ध्वनि तरंग
से भीबज उठती मन के भीतर...
आनंद की एक मृदंग..
काश!
हम वाकई महसूस कर पाते

एक मोबाइल की सार्थकता.....


32 comments:

Asha pandey said...

kash ristye bhi recharge ho sakte ..........bahut khub

Asha pandey said...

Kaash rishte bhi recharge ho sakte........bahut khub

Asha pandey said...

Kaash rishte bhi recharge ho sakte........bahut khub

Asha pandey said...

Kaash rishte bhi recharge ho sakte........bahut khub

BS Pabla said...

बहुत खूब

Anju (Anu) Chaudhary said...

सच कहा आज रिश्तों के रिचार्ज होने की ज्यादा जरुरत है

तिलक राज कपूर said...

व्‍यवहारिक पक्ष पर खूबसूरत बयान।

Pallavi saxena said...

काश ....लेकिन हमारे लिए तो यही एकमात्र सूत्र है आफ्नो के करीब रहने का हम क्या करें ...:)

विवेक रस्तोगी said...

वाह बहुत खूब कही है, आपने बात!!

जब से ये जीवन में है आया
मैमोरी लॉस जीवन में पाया

Unknown said...

सच कहा आपने रिश्तो को रिचार्ज की ज्यादा जरुरत हैं

Unknown said...

सच कहा आपने रिश्तो को रिचार्ज की ज्यादा जरुरत हैं

Unknown said...

सच कहा आपने रिश्तो को रिचार्ज की ज्यादा जरुरत हैं

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...





प्रिय बंधुवर मुकेश कुमार सिन्हा जी
जन्मदिवस के मंगलमय अवसर पर
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

-राजेन्द्र स्वर्णकार
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Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...


☆★☆★☆


मोबाइल के कारण ही
रिश्ते भी लगे हैं रिसने..
मुट्ठी में भरे रेत की तरह भरभराने लगे हैं...

सच कहा आपने
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
बधाई और शुभकामनाएं !

मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार

Asha Joglekar said...

मिलते रहिये मिलाते रहिये
रिश्तो को संजोये रहिये ।
सेल फोन पर बतियाते रहिये
पर उसी पर निर्भर ना रहिये ।

बहुत सुंदर लेख .

प्रवीण पाण्डेय said...

रिश्ते नाते भी सेल में चले गये।

Unknown said...

वाह सटीक सम-सामयिक लेखन , सच ही कहा
रिश्तों का दुश्मन है ये मोबाइल और जान लेवा भी मगर बेहद जरूरी भी

राजीव कुमार झा said...

रिश्तों का रिचार्ज ..... बहुत खूब !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सेल फोन आज की ज़रूरत तो है पर इसका दुरुपयोग ज्यादा होने लगा है .... रिश्तों को रिचार्ज करने के लिए स्नेह की बैटरी बड़ी सीमित सी रह गयी है ।

Rewa Tibrewal said...

aaj ka lekhan aaj key vichar....par hum kahan ye sochte hain hum tho bas latest technology wale cell phone chahte hain....rishton ko tho humne tak par rakh diya hai

HARSHVARDHAN said...

कल की बुलेटिन फटफटिया …. ब्लॉग बुलेटिन में आपकी इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर .... आभार।।

वाणी गीत said...

तकनीक कितनी मददगार होगी , यह उपयोग करने वाले पर निर्भर करता है।
बहुत काम की चीज है सेलफोन जिसे लोग बेकाम का करने पर जुटे हैं !!

Bhavna....The Feelings of Ur Heart said...

Rishtey recharge karne ka ek jhariya bhi to ban sakta hai ye cell phone ...

सु-मन (Suman Kapoor) said...

बहुत खूब

आभा खरे said...

sach kaha! rishton ke recharge hone ki behad aavshaykta hai ...achchhi prastuti

ज्योति-कलश said...

सुन्दर चिंतन ...

Aparna Bhagat said...

सत्य वचन कवि महोदय.. जीवन की आप-धापी भी हमारी ही बनायीं हुयी है.. और ये गैजेट्स भी.. कभी सुविधा के लिए बने इन खिलौनों ने जन मानस को ही गुलाम कर दिया है.. नया मॉडल.. एक और नया मॉडल... उसके पास क्या है.. मेरे पास क्या नहीं है.... और हमारे बच्चे.. वो तो जैसे इन्हें हाथ में लिए धरती पर अवतरित हुए ....

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...

अरुण चन्द्र रॉय said...

kisi bhi chhoti si baaton ko kavita me rach dena koi aapse seekhe ....

anilanjana said...

rishte jodne aasaan hote hain unhe sahejne ke liye lagaataar mehnat karni padti hai .... ye wahi tarange hain jinse aap jhankrit bhi hote ho saath hi jhatke dekar apne hone ka ehsaas bhi karati hain.......hamesha ki tarah ...rozmarra se judi cheeson se nikalagaya jeevan satya....bahut khoob..god bless

Ranjana verma said...

बिल्कुल सही कहा......

विभा रानी श्रीवास्तव said...

मंगलवार 05/11/2013 को