मित्रता का दम भरता हूँ
तभी तो फेसबुक की दुनिया में
चार हजार सात सौ छयासी मित्र
हैं फ्रेंड लिस्ट में
तभी तो फेसबुक की दुनिया में
चार हजार सात सौ छयासी मित्र
हैं फ्रेंड लिस्ट में
बेशक नहीं करता सबों से संवाद
फिर भी उनके लाईक्स के क्लिक्स में
देखता रहता हूँ
सुदामा की तरह कृष्णा सा प्यार
फिर भी उनके लाईक्स के क्लिक्स में
देखता रहता हूँ
सुदामा की तरह कृष्णा सा प्यार
हाँ! सच है, बचपन व जवानी में
जिन दोस्तों के दिल पर राज करता था
नहीं रहा उनके लिए खास, तभी तो
नहीं दिखते आस-पास,
न ही सपने में होते हैं करीब
जिन दोस्तों के दिल पर राज करता था
नहीं रहा उनके लिए खास, तभी तो
नहीं दिखते आस-पास,
न ही सपने में होते हैं करीब
तभी तो मैं ढूंढता हूँ, इन्ही
चार हजार सात सौ छयासी मित्रों के
स्माईलिस,
जिससे अकेलापन दूर करता हूँ
चार हजार सात सौ छयासी मित्रों के
स्माईलिस,
जिससे अकेलापन दूर करता हूँ
तभी तो फेसबुक भी कहता है
बहुत सोशल हो गया हूँ
बहुत सोशल हो गया हूँ
हूँ न .......!!
~मुकेश~
31 comments:
so true ..mere bhi jo bachpan ke frnds the vo to pta nhi kahan hain sab..magar fb ne bhut nice frnds diye muje bhi jinhone ek baar fir se smile karna sikha diya :)
Bahut khoob!
:-)
हमने तो सहेज रखे हैं बचपन के सभी मित्र अब तक....मगर फिर भी आभासी मित्रों का स्नेह भी सर माथे :-)
अनु
दोस्त सच्चे हों... भले कम हों...!
आपको इनमें सच्चे दोस्त मिलें... यही दुआ है हमारी...
~सादर!!!
बहुत खूब
आपको इनमें कुछ सच्चे दोस्त मिलें,सुन्दर प्रस्तुती।
सच्चे दोस्त किस रूप में मिल जाये यह कहा नही जा सकता, शुभकामनाएं.
रामराम.
बधाई!
सच्चे दोस्त किस रूप में मिल जाये यह कहा नही जा सकता,
@ एकदम सही कहा ताऊ जी से सहमत हूँ
हमारी शुभकामनाये है आपको सच्चे दोस्त मिले ...!!
@ दोस्त
संजय भास्कर
एक दम सच ....दोस्ती को लेकर तुम पर ईश्वर की कृपा बनी रहें
सच में .....
बीस तरह के चेहरे लिए दोस्त तो आपने लिंक किये ही हैं ,
अनेकों और भी प्रकार होते होंगे !
लेकिन जब तक हम किसी को परख ना लें ,
सच्चा दोस्त कह पाना शायद मुमकिन नही है ,
आपकी रचनाओं ने तो आपको हम सभी का चहेता बना दिया हैं इसमें कोई शक नही !
जीवन बन विस्तार फैलता..
.उम्दा प्रस्तुति आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...
ये दोस्ती बनी रहे !
मैं भी कितना भुलक्कड़ हो गया हूँ। नहीं जानता, काम का बोझ है या उम्र का दबाव!
--
पूर्व के कमेंट में सुधार!
आपकी इस पोस्ट का लिंक आज रविवार (7-7-2013) को चर्चा मंच पर है।
सूचनार्थ...!
--
:):) यूं ही दोस्ती बरकरार रहे
hahahaha......so true....bhagwan kare apke sabhi dost sada apka sath dey
yun hi dosti barkarar rahe... best wishes (y):):D
best wishes
मित्रों की संख्या में इज़ाफा होता रहे .....शुभकामनाये
वैसे बात सटीक कही पुराने मित्र जाने क्यों फेसबुक मित्रों से भिन्न होते हैं ....कम नज़र आते हैं आसपास
मित्र तो दोनों ही जरूरी हैं .. आभासी भी और वास्तविक भी ...
बहुत ही खुबसूरत अहसासों से भरी रचना....ये दोस्ती यूँ ही बनी रहे सदा..... :-)
sachche aur achche dost dilon mein baste hain...bole yaa naa bole...milein yaa naa milein
maine 'time pass' karne ke liye facebook mein account khola tha magar is abhaasi duniya ne kab kaise meri duniya badal dali pata hi nahi chala... real aur virtual mitron se bohat pyar aur samman mila hai mujhe...aaj jo bhi likhti hoon in doston dwara diye gaye protsahan ka hi nateeja hai...
aapke mitron ki suchi issi tarah badhati rahe ....jo aap ko khush rakh sakein... dost bhale hi kam ho par sachhe hon ....god bless you with such friends :)
बहुत खुबसूरत अहसास... सच्चे दिलवालों के ही दोस्त भी होते हैं शुभकामना,. .
बहुत खुबसूरत अहसास... सच्चे दिलवालों के ही दोस्त भी होते हैं शुभकामना,. .
bahut khoob
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