जिंदगी की राहें

जिंदगी की राहें

Followers

Monday, April 7, 2014

मेरा घर



की रे छौरा !! अब अयलिंह ??”

(क्या रे, अब आए तुम?)

मेरे घर की बूढ़ी आवाज कौंधी

जैसे ही दाखिल हुआ, पुराने घर में

गाँव की सौंधी मिट्टी, उड़ती धूल

बड़ा सा कमरा, पुराने किवाड़

ठीक बीच में, बड़ा सा पुराना पलंग

सब शायद कर रहे थे इंतज़ार

लगा, सब एक साथ ठठा कर हंस पड़े, भींगी आंखो से

मुककु !! आए न तुम ! इंतज़ार था तुम्हारा !!

खुशियों से आंखे छलकती ही है

अंगना, बीच में बड़ा सा तुलसी चौरा (पिंडा)

जो देती थी, बचने का मौका, मैया के मार से
 
वो भी मुसकायी

भंसा घर (किचन) में, चूल्हे के धुएँ से

काली पड़ चुकी दीवारें

जिसने देखा था मुझे व दूध रोटी की कटोरी

छमक कर हो गई सतरंगी

कमरे के सामने का ओसरा, वहाँ लगी चौकी

यहाँ तक की घर के पीछे की बाड़ी

बारी में झाड व लहराती तरकारी

अमरूद, नींबू, नीम, खजूर के वो सारे पेड़

चहकते हुए खिलखिलाए

लगा, जैसे, वैसे ही चिल्लाये

जैसे खेलते थे बुढ़िया कबड्डी

और होता था मासूम कोलाहल !!


आखिर एक आम व्यक्ति भी

होता है खास, जब होता है घर में

खुद-ब-खुद कर रहा था अनुभव

नम हो रही थी आँखें, खिल रही थी स्मृतियाँ

मैंने भी मंद मंद मुसकाते हुए

इन बहुत अपने निर्जीव/सजीव से कहा

कईसन हो ?? :) 


16 comments:

sandhya jain said...

बेहद खुबसूरत अभिव्यक्ति.....loved it :-)

Unknown said...

waah..bahut shaandaar abhivyakti ..sach hai jo mazaa chajju ke chaubaare , vo na balkh na bukhare :)...ghar aisa hi hota hai !!!!!!!!

Unknown said...

waah..bahut shaandaar abhivyakti ..sach hai jo mazaa chajju ke chaubaare , vo na balkh na bukhare :)...ghar aisa hi hota hai !!!!!!!!

ब्लॉग बुलेटिन said...


ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन उपलब्धि और आलोचना - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Unknown said...

purani yaden yesi hi dilkash hoti hai.....sundar abhiwyakti...

sushma said...

bahut bahut sajeev rachna......ek aam vyakti bhi hota hai khas, jab hota hai ghar me.

विभा रानी श्रीवास्तव said...

तुम्हारी बातें
आँखें नम कर देती हैं
हार्दिक शुभकामनाएँ

Anju said...

reality ko sabdo me badhna bahut mushkil hota hai.....बेहद खुबसूरत :) :)

Kailash Sharma said...

बहुत भावमयी अभिव्यक्ति...

प्रवीण पाण्डेय said...

वाह, सुन्दर रचना।

shashi purwar said...

sundar abhivyakti , man ke bhav sahajta se uker diye hai , cute se badhai aapko

प्रतिभा सक्सेना said...

पुलकित शब्द और छलकती व्यंजना !

abhi said...

ये तो फेसबुक पर पढ़ लिया था...loved it ! :)

abhi said...

ये तो फेसबुक पर पढ़ लिया था...loved it ! :)

Aditya Tikku said...

utam-***

Suchitra said...

Very good website, thank you.
Odia Story Book Sasthasati
Order Odia Books
Odia Books Online