दो काफी मग
साथ मे फिफ़्टी-फिफ़्टी
के बिस्किट
दोनों और सोफ़े पर
मैं और तुम
सुनो ! एफ़एम भी लगा दो
अरे वाह, शानदार संगीत भी
“हम तेरे बिन रह नहीं सकते
तेरे बिना क्या वजूद मेरा ........”
कितना रोमांटिक सीन
हो गया न क्रिएट !!
चलो अब तेजी से
गटक लेते हैं काफी
बिस्किट भी डुबो कर
खा ही लो
हम दोनों को ऑफिस भी तो जाना
है न !!
(ये समय भी न, शादी-शुदा प्रेम की ऐसी की तैसी कर देती
है :D )
12 comments:
प्रेम का एहसास और हकीकत की काफी ... टेस्ट तो दोनों का एक सा ही है ...
कभी सपना सच लगता हैं कभी सच सपना ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-12-2013) को "जब तुम नही होते हो..." (चर्चा मंच : अंक-1455) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रेम रचना..
:-)
बहुत ही अच्छी लगी मुझे रचना........शुभकामनायें ।
सुबह सुबह मन प्रसन्न हुआ रचना पढ़कर !
जिंदगी का एक सच :))))
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने..
Mohak or sundar prastuti...wyakul prem rachna..
चुराना चाहो तो इसमें से भी कुछ पल चुराए जा सकते हैं रोमांस के लिए :)
अरे भईया इसके बावजूद भी 'प्रेम' तो है न यही बहुत है...:D
ये छोटे छोटे पल भी सदा याद रहते हैं....प्रेम को जिंदा रखते हैं...
प्यारे एहसास!!!
अनु
Interesting Rachna Shared.by You. Thanks A Lot For Sharing.
प्यार की कहानियाँ
Post a Comment