पल पल
हर क्षण
जर्रे जर्रे में
तुम
सिर्फ तुम !
मेरे सपने
मेरे सपने
मेरी हसरतें
मेरी शर्तें
मेरी जरूरतें
मेरी शरारतें
मेरी रातें
मेरे फलसफे
मेरी डायरी
मेरे शब्द
मेरा दिल
मेरी धड़कन
मेरी जान
मेरी तन-मन-धन !
हर जगह तो
बसने लगी हो
तुम
सिर्फ तुम
पर
इनमें
मैं कहाँ हूँ ?
कैसे ढूँढूँ ?
कब-कब ?
कहाँ-कहाँ ?
किधर ?
उफ़्फ़!!
मैं हूँ भी ??
या नहीं ??
37 comments:
बहुत सुन्दर..
तुम ....''सिर्फ तुम'' में छिपे हो
खूबसूरत अहसास तुम्हरी इस कविता के बहुत खूब
Jo aapke mann mein iss kadar basaa ho ..uske mann mein aapke liye bhi kuch to ahsaas hote hi hain...bahut achi abhivyakti ...God bless u always!!!!!!!
मैं कहाँ हूँ ?
कैसे ढूँढूँ ?
कब-कब ?
कहाँ-कहाँ ?
किधर ?
उफ़्फ़!!
मैं हूँ भी ??
या नहीं ??
लाजबाब
बेमिसाल
जबाब मिलना बहुत मुश्किल
हार्दिक शुभकामनायें
sirf tum .........
बहुत सुन्दर
सुन्दर.. सिर्फ तुम
सिर्फ तुम में बसी सुन्दर रचना...
:-)
मेरा मुझ में कुछ नहीं.... बस ...तू ही तू ..
ढूंढो......यहाँ वहां सब जगह....
सोचो कि तुम हो कि नहीं....
रहस्य प्रेम को और गहरा करते हैं :-)
अनु
जब ये " तुम " मिल जाए तो फिर " मैं " कहाँ बचा जो तुम खोज पाते ...... बहुत अच्छा लिखा :)
pyar mey aisa hi hota hai
waah! behad khoobsurat ... itna saara tum .. fir main raha hi kahan ? kya karenge dhoondh kar .. jaane do .. samvednaaon ke taar yun hi to nahi jud jaate ... too gud Mukesh ji
नमस्कार आपकी यह रचना कल रविवार (08-09-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
बहुत खूब
बहुत खुबसूरत लिखा .....
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
कहाँ रहे तुम..
कहाँ नहीं तुम..
बहुत बढिया ...
पूर्ण समर्पण ...!!!!
nivedita ji ki baat se sahamat hoon :)
बहुत खूब
सुन्दर !!!!
बहुत सुंदर....
kuch chote-chote shabdon se abhiwyakti de dena....sirf wah..
मैं कहाँ हूँ ?
कैसे ढूँढूँ ?
कब-कब ?
कहाँ-कहाँ ?
किधर ?
उफ़्फ़!!
मैं हूँ भी ??
या नहीं ??
बहुत खुबसूरत .....
समर्पण के सुंदर भाव
Hum-tum ke darmyan sabkuch,chote-chote shabdon se abhiwyakti de dena.....sirf wah..
जब तुम ही तुम हो ... मैं हो भी कहां सकता हूं ... ओर मेरा होने के मायने भी क्या ...
खुद को न देख पाओ ..दिखे सिर्फ तुम ही वही तो प्रेम है:). सुन्दर रचना.
बहुत सुन्दर अहसास.
सुन्दर रचना
बहुत ख़ूबसूरत रचना...
समय समय की बात है ..
बहुत सुन्दर रचना
उफ़्फ़!!
मैं हूँ भी ??
या नहीं ??
बहुत खुबसूरत ..... !!!!
बहुत ही सुन्दर.........भावपूर्ण।
Post a Comment