अंततः एक कविता लिख ही डाली
मैंने
तुम पर !
कल रात ही तो
खबावों के पन्ने पर
मन के कलम से.……
सच में !
बंद आँखों से
कुछ मानव जोड़े
लगते हैं बड़े खुबसूरत
प्यारा सा अहसास
प्यारी सी खुशबू
प्यारी सी फिजा
मैं तो हो गया फ़ना.!
काश !
किसी फ्रेम में टांक सकता
चलो कोई नहीं
कल गजल लिखूंगा
"प्रेम गजल"
सुनोगी न …………. ?
21 comments:
awesome ...bahut khub likha
चलो कोई नहीं
कल गजल लिखूंगा
"प्रेम गजल"
सुनोगी न …............. इंतज़ार रहेगा आपकी प्रेम ग़ज़ल का .उम्दा पोस्ट
ख़ूबसूरत कविता ... तेज़ धूप में घने पेड़ की छाया सी ... साथ में चित्र भी लाजवाब .... बधाई :)
प्यारी सी अहसास
प्यारी सी खुशबू
प्यारी सी फिजा
इत्ती अच्छी गज़ल
आज तक पढ़ी ना थी
बहुत ख़ूबसूरत रचना...
सुन्दर रचना...
:-)
"खबावों के पन्ने पर
मन के कलम से"
कुछ खास निश्चित है
बहुत सुन्दर!
Latest post हे निराकार!
latest post कानून और दंड
bahut khoob
बहुत बढ़िया
लिखो लिखो हम इंतज़ार कर रहे हैं :)
अंततः एक कविता लिख ही डाली
मैंने
तुम पर !
wah....atmiyata se bhari hui bahut hi khoobsurat pangtiyan......
'करत करत अभ्यास.. जड़मत होत सुजान'.. पर ये तो मेरे जैसे नौसिखियों के लिए है मुकेशजी... इत्ती प्यारी सरिता सी प्रवाहित कविता सीधे ह्रदय से निकली है.. और कल वाली भी बहुत खूब थी... अभी से उत्सुक हूँ.. कल कौन सी आने वाली है.. प्रेम-ग़ज़ल का इंतज़ार रहेगा...
. इंतज़ार रहेगा आपकी प्रेम ग़ज़ल का..... बेहतरीन प्रस्तुति ..
. इंतज़ार रहेगा आपकी प्रेम ग़ज़ल का..... बेहतरीन प्रस्तुति ..
प्रेम से सजे मन के शब्द ...वाह बहुत खूब
जब भी मन बह निकले, लिख लो।
"काश !
किसी फ्रेम में टांक सकता
चलो कोई नहीं
कल गजल लिखूंगा
"प्रेम गजल"
सुनोगी न …………. ?"
बहुत खूबसूरत
वाह्ह्ह ..."प्रेम-गज़ल" निहायत खुबसुरत रचना .. पुरी गज़ल का इंतेज़ार रहेगा ..
बेहतरीन रचना !!
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