जिंदगी की राहें

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Wednesday, September 18, 2013

परिकल्पना ब्लाग गौरव युवा सम्मान 2012


दो ढाई महीने पहले परिकल्पना ब्लाग गौरव युवा सम्मान 2012 के लिए संतोष त्रिवेदी के साथ मेरे नाम की संयुक्त रूप से घोषणा हुई थी। फिर आखिर वो दिन आ ही गया, 13 सितंबर के सुबह -सुबह स्पाइसजेट की फ्लाइट, जो आठ बजे आईजीआई एयरपोर्ट से उड़ने वाली थी, एयरपोर्ट पर ही शैलेश भारतवासी, रमा द्विवेदी, सुनीता यादव से मुलाक़ात हुई। संतोष त्रिवेदी और अविनाश वाचस्पति का दूर दूर तक पता नहीं चल पा रहा था, तभी संतोष जी ने एसएमएस किया, अपरिहार्य कारणों से वो नहीं जा रहे, शैलेश जी ने बताया आपके फ्लाइट से ही नमिता राकेश (फ़रीदाबाद) भी जा रही हैं, बोर्डिंग लेते समय उनसे मुलाक़ात हुई । तो खैर, एक से भले दो लोग इस फ्लाइट से काठमांडू के लिए उड़ चले।



विदेशी धरती नेपाल के तराई मे बसे काठमांडू पहुंचे, शैलेश, रमा जी, सुनीता, मुकेश तिवारी अपनी धर्म पत्नी के साथ पहले ही पहुँच चुके थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही पता चला राजीव मिश्रा बनारसवाले पहले से हम सबको लेने आए हैं। अच्छा लगा ऐसा देख कर। हम सब एक साथ होटल रिवर व्यू, पहुंचे, होटल बहुत बेहतरीन नहीं था, पर हिन्दी के विकास से जुड़ी संस्थाओं के पास कहाँ इतने पैसे होते हैं, ये हमे समझना होगा। खैर शैलेश के साथ मैंने कमरा शेयर किया। खाना खा कर हमें समारोह स्थल लेखनाथ साहित्य सदन तक पहुँचने का निर्देश मिला जो होटल से करीब 500 मीटर दूर था। मुख्य अतिथि श्री अर्जुन नरसिंह केसी, पूर्वा मंत्री (नेपाल सरकार) तथा संविधान सभा के अध्यक्ष के पास ज्यादा समय नहीं था, उन्हे किसी सर्वदलीय समिति के बैठक मे जाना था, पर ये नेपाली-हिन्दी भाषा के संबंधो का असर था जो वे पूरे समारोह में बैठे रहे। बहुत से विजेता अपने अपने निजी कारणों के वजह से नहीं पहुँच सके, पर मुझे खुशी थी मैं डायस पर मुख्य अतिथि से अपने सम्मान को ग्रहण कर रहा था । पूरे सम्मेलन में अवधी साहित्यकार तथा अवध ज्योति के संपादक डॉ. राम बहादुर मिश्रा को सुनना अच्छा लगा । पूरा समारोह शांतिपूर्ण और गरिमामय तरीके से सम्पन्न हुआ। वैसे मुझे लगता है इस अंतर राष्ट्रीय स्तर के समारोह को और ज्यादा चमक दमक की जरूरत थी, और थोड़ी से मेहनत से ऐसा किया भी जा सकता था ।



अन्य कार्यक्रमों के अलावा दूसरे दिन रात्रि मे श्री सनत रेग्मी, सचिव, नेपाली प्रज्ञा परिषद के अध्यक्षता मे एक कविता गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमे बहुत से कवियों ने अपने रचनाओं को सुना कर शमा बांधा, अंत मे सरोज सुमन को सुनना सुखद रहा।


अरे हाँ, सारे ब्लागर्स के साथ एक डीलक्स एसी बस में काठमांडू की सैर जानदार रही। हम सबने पशुपतिनाथ, बुढ़ा नीलकंठ, स्वयंभू नाथ, पाटन व नगरकोट का भ्रमण किया, और खूबसूरत नेपाल का मजा लिया।


अंतिम दिन बहुत से ब्लागर्स जा चुके थे, पर जो बचे थे (उनमे से मैं भी एक था) वे इस सम्मेलन के अंतिम सत्रह के रूप में नेपाली प्रज्ञा परिषद के शानदार महल में पहुंचे। जहां नेपाली-हिन्दी-अवधि के कवियों के सोच का आदान प्रदान हुआ। साथ ही हमें वहाँ भी सम्मानित किया गया।

पूरे सम्मेलन मे सुशीला पूरी, रमा द्विवेदी, सुनीता यादव, के के यादव, आकांक्षा यादव, पाखी, अंतर सोहील, विनय प्रजापति, मनोज भावुक, सरोज सुमन, मुकेश तिवारी, बीएस पाबला, गिरीश पंकज, मनोज पांडे, राम बहादुर मिश्रा, राजीव मिश्रा बनारस वाले, सम्पत मुरारका, कुमुद अधिकारी आदि से मिलना सुखद था । 




फिर जब मेरे और नमिता राकेश को एयरपोर्ट छोडने की बात आई तो नेपाली प्रज्ञा समिति के सचिव श्री सनत रेग्मी ने स्वयं अपनी कार से एयरपोर्ट तक छोडने आए, ये क्षण अविस्मरनीय था।


और फिर .......... दिल्ली हमारा इंतज़ार कर रही थी... 15 के रात अपने बच्चों के साथ डाइनिंग टेबल पर खाना खाना सबसे सुखद !! पर एक और बहुत बेहतरीन न्यूज़ मेरा इंतज़ार कर रही थी, मेरे छोटे बेटे ऋषभ ने NAO Astronomy Olympiad (journey to NASA) के परीक्षा में प्रथम रेंकिंग प्राप्त की !! जियो मेरे लाल !!



23 comments:

vandana gupta said...

hardik badhai aur shubhkamnayein ..........tumhein aur bete dono ko.

Pallavi saxena said...

हम तो पहले ही बधाई दे चुके थे आपको और बेटे को भी किन्तु पूरी यात्रा का विवरण पढ़कर भी अच्छा लगा। काश इस बार भी हमें कुछ मिला होता :)

संजय भास्‍कर said...

बधाई बधाई बधाई बधाई !!

संतोष त्रिवेदी said...

बाप-बेटे दोनों को बधाई।

शिवम् मिश्रा said...

आप के साथ साथ पूरे परिवार को इस डबल खुशी के मौके पर डबल मुबारकबाद !

shikha varshney said...

आपको और ऋषभ को दोनों को बधाई:).

Asha Lata Saxena said...

आपको हार्दिक शुभ कामनाएं |लेख बहुत बढ़िया है और चित्र भी |
आशा

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत-बहुत बधाई हो..
:-)

प्रवीण पाण्डेय said...

आप सबको इस सुन्दर सम्मेलन के लिये ढेरों शुभकामनायें।

Unknown said...

yatra vritant padhke ghum lene ki anubhuti hue,bete or aapko dono ko badhai.....

Sadhana Vaid said...

बहुत-बहुत बधाई एवँ शुभकामनायें !

Anupama Tripathi said...

dono ko hardik badhai evam shubhkamnayen .

अन्तर सोहिल said...

सबसे पहले तो ढेरों बधाईयां और रिपोर्ट के लिये धन्यवाद। मुझे भी आप सब से मिलना बहुत अच्छा लगा। बेटे को भी मुबारकबाद और शुभकामनायें
आयोजन सराहनीय था। दूसरे देश में जाकर आयोजन करना बेहद मुश्किल कार्य है। कुछ छोटी-मोटी कमियां, असुविधायें और फेरबदल हर आयोजन में होना सामान्य है। इन्हें नजरअन्दाज किया जाना चाहिये।
इस आयोजन से जुडे हर शख्स, परिकल्पना टीम, रविन्द्र प्रभात जी और उनके परिवार, मनोज पाण्डेय, रामबाबू गुप्ता जी, राजीव मिश्रा जी, रामबहादुर मिश्रा जी के हम आभारी हैं।

प्रणाम

दिगम्बर नासवा said...

इतनी सारी खुशियां एक साथ मिल गयीं इससे ज्यादा ओर क्या चाहिए ... आपको बहुत बहुत बधाई .. रात्र संस्मरण रोचक लगा ...

दिवेंद्र सिंह 'देव' said...

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

रंजू भाटिया said...

आपके जीवन में यूँही खुशियाँ भरपूर दस्तक देती रहें ..बहुत बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं

Kailash Sharma said...

हार्दिक बधाई और शुभकामनायें !

Darshan jangra said...

बहुत-बहुत बधाई

ANULATA RAJ NAIR said...

बधाई बधाई....ढेर सारी बधाई.....
आपको और ऋशभ को भी.
जीवन में ऐसे पल बार बार आयें ऐसी कामना करती हूँ.....

सस्नेह
अनु

Anju (Anu) Chaudhary said...

बहुत बहुत बधाई

सुनीता अग्रवाल "नेह" said...

badhayi :)

Satish Saxena said...

बच्चों को भी साथ ले जाते मुकेश तो वे भी घूम लेते ...

डॉ. जेन्नी शबनम said...

दो दो खुशखबरी एक साथ. ब्लॉग सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई मुकेश. सफलता के लिए पुत्र को शुभ आशीष.