कर रहा था इंतज़ार
ऑपरेशन थियेटर के बाहर
तभी नर्स ने निकल कर पकड़ाया
और था, हाथो में, नन्हा सा नाजुक सा
होगा सिर्फ डेढ़ या दो बितता
था, अंडर वेट भी
पर था, पहली नजर में ही दिल
का टुकड़ा
एक क्षण में समझ आ गया था
क्या होता है, बनना पापा .......
पहले आता था गुस्सा, अपने पापा
पर
क्यों? करते हैं इतना इंतज़ार
इतनी ज्यादा बात बात पर देखभाल
पर क्षण भर मे , चल गया था पता
क्या होता है दर्द, पापा बनने का
हुक सी लगी थी
जब वो नर्स की हाथों में चिंहुका ...
अन्तर्मन से निकली थी आशीष
बेटा! है बस एक तमन्ना
तू मेरे नाम से नहीं
मैं तेरे नाम से जाना जाऊँ.........
40 comments:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार।
इस प्रस्तुति ने निशब्द कर दिया
बहुत खूब ...माँ-पापा का बच्चों से और बच्चों का अपने माँ-पापा से ऐसा ही स्नेह बना रहें :)
अच्छे पापा बने रहना...
very nice ... this shows that u are a good, loving and caring father.
खूबसूरत अनुभूति का खूबसूरत प्रस्तुतिकरण।
तू मेरे नाम से नहीं
मैं तेरे नाम से जाना जाऊँ...
ऐसा ही हो...बच्चे माँ-पापा का नाम रौशन करें...शुभकामनाएँ !!
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार।
lovely post....
bahut khub...
बहुत सुन्दर बात की आपने , हर पिता की यही ख्वाहिश होती है कि वह अपनी संतान के नाम से जाना जाये
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-06-2013) के चर्चा मंच 1277 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
पिता बनने के आनंदपूर्ण पल का जश्न मनाती सी बहुत ही सुंदर रचना ! बहुत स्खूब !
आमीन ....
हार्दिक शुभकामनायें ...
बेटा! है बस एक तमन्ना
तू मेरे नाम से नहीं
मैं तेरे नाम से जाना जाऊँ......
...हर पिता की दुआ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
पिता और संतान:वृक्ष हैं पिता फलों में पोसते आगत भविष्य को, सारा संसार समाया है जिसमें !
पिता को समर्पित एक शानदार रचना ...
आपकी यह उत्कृष्ट रचना कल दिनांक १६ जून २०१३ को http://blogprasaran.blogspot.in/ ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है , कृपया पधारें व औरों को भी पढ़े...
माता पिता बन कर ही समझा जा सकता है उनकी चिन्ता को , प्यार को ... सुंदर प्रस्तुति ।
bahut khoob mukesh ji
सुंदर
माता पिता के लिए गर्व का क्षण होता है जब वे अपनी संतान के सुकर्मों से जाने जाते हैं !
बहुत सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति!
latest post पिता
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति आभार . मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"
बहुत ही प्यारभरी और कोमल प्रस्तुति..
aapke bete to aapke nam se jaane hi jate hain ..i wish ki ap bhi unke badhe hone pe unke naam se jaane jaaye :)...
God bless u n ur sons ...
Happy Father's Day!!!!!!!!!!!
हर पिता की यही कामना होती है ... बेटे के नाम से जाने जाने की ...
बधाई इस दिन की ...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....बहुत शुभ कामनाएं
ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुंदर कोमल भावाभिव्यक्ति ..माता-पिता के
मन को और उनके भावों को माता-पिता बनने के
बाद ही महसूस किया जा सकता है...
एक पिता के भावनाओं को दर्शाती सुंदर रचना
दिल को छूती रचना !
पापा बनने का सुख ही अलग है .....
दिल की बात कहती सुन्दर रचना ..
सच पिता जी ऐसे ही होते हैं
मन के भीतर पनपती सुंदर और सच्ची अनुभूति
पिता को नमन
सादर
man key bhavon ko sidhey sarlta say kaha.....rachna chu gayi man ko..
बढ़िया
har pita ke shandar or koman anubhavon ko bayan karte shabd....
अन्तर्मन से निकली थी आशीष
बेटा! है बस एक तमन्ना
तू मेरे नाम से नहीं
मैं तेरे नाम से जाना जाऊँ।
आशीष फले फुले
तथास्तु
खूबसूरत तमन्ना...
एक सुन्दर ख्वाहिश .. एक सुन्दर रचना
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