ख़्वाब तो हर आँखों के लिए होते हैं और हर आँख में अच्छे लगते हैं बस उन्हें पूरा करना उस इंसान के हाथों में होता है जो ख़्वाब को मंज़िल समझ कर चलते हैं और पाना चाहते हैं। :)
आपने लिखा.... हमने पढ़ा.... और लोग भी पढ़ें; इसलिए शनिवार 25/05/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र .... लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
एक नए और खूबसूरत अंदाज़ से परिचय करती आपकी रचना बहुत भाई.... रूमानियत कविता का अहम हिस्सा है... और एहसास ख्वाब जैसी मखमली सोच उसकी परछाई जैसे.... आपने अच्छे से निभाया :)
37 comments:
जो दिला रही थी याद
हर आँखों में
खवाब प्यारे नहीं लगते !!
है न........
kya baat hai bahut khoob ..
Khwaab to pyaare hi hote hain ,jo pyaare na ho vo khwaab nhi hote :)
टूटते खवाबों की कतरन ही तो थी, वे बूंदें
जो दिला रही थी याद हर आँखों में खवाब प्यारे नहीं लगते !!
बेहतरीन प्रस्तुति, साधुवाद.
ख्वाब तो हमेशा ही जो सुन्दर हो प्यारे लगते हैं ..बहुत सुन्दर रचना शुक्रिया
ख्वाब ... वक़्त के साये में नित नये रूप लेते रहते हैं ...
अनुपम भाव संयोजन ...
सुन्दर रचना भावों से ओत प्रोत गहन अभिव्यक्ति | आभार
ख्वाब पूरे हों तो प्यारे लगते हैं....
सुन्दर रचना.
अनु
अधूरे ख़्वाबों की कसक हमेशा आँखों में करकती रहती है ! बहुत सुंदर पंक्तियाँ !
टूटते ख्वाबों की कतरन .... अश्क की बूंद ...खूबसूरत कल्पना । भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।
ख़्वाब तो हर आँखों के लिए होते हैं और हर आँख में अच्छे लगते हैं बस उन्हें पूरा करना उस इंसान के हाथों में होता है जो ख़्वाब को मंज़िल समझ कर चलते हैं और पाना चाहते हैं। :)
bahut sundar rachna, khwab to khwab hote hai, behad hasin lagte hai
ज़ज्बात दिल-ए-नादान के
आपने लिखा....
हमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए शनिवार 25/05/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
मुकेशजी.. आप के इस संजीदा रूप से साक्षात्कार पहली बार हुआ है मेरा.. और बहुत ही भा गयी ये उदास सी कविता.. ये भी जीवन का एक रंग है.
Har aank waqayee khabon ke liye liye nahee banee hotee...aansoo banke bah nikalte hain khwab!
बहुत खुबसूरत रचना!!
बहुत खुबसूरत रचना!!
खूबसूरत ख़याल.. सुन्दर शब्द .
अच्छी अभिव्यक्ति...
सही कहा आपने .......बहुत सुन्दर लिखा
hridaysparshi sundar rachna ...!!
एक नए और खूबसूरत अंदाज़ से परिचय करती आपकी रचना बहुत भाई.... रूमानियत कविता का अहम हिस्सा है... और एहसास ख्वाब जैसी मखमली सोच उसकी परछाई जैसे.... आपने अच्छे से निभाया :)
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.
ख्वाब जब टूटता है आंसू में बदल जाता है
हर आंखो मे ख्वाब अच्छे नहीं लगते...
सचमुच..............
बहुत खूब
khawaab.....to jeene ka sahara hai ..pure hote hain to khushi hoti hai ..pyaari rachna ...
सुंदर ख्याल...
वक़्त को हर स्पर्श… ख्वाब को हर रास्ता पता है ...अश्क उसे बहा के कहीं भी ले जाएँ ..यादें भीगती ही रहेंगी ...
अच्छा लगा ये नया अंदाज़ तुम्हारा ....उसी सादगी से दिल की बात ... शुभकामनाएं ...
वक्त की वक्त से क्या शिकायत करें,यह वक्त ही तो है,जो वक्त को बदल देता है.
अच्छी प्रस्तुति.
सच है हर ख्वाब हर आंख को प्यारे नहीं लगते... भावपूर्ण रचना, बधाई.
समय बदल देता जीवनक्रम
टूटे ख्वाब कतरन बन के बिखर जाते हैं ...
गहरा एहसास लिए ....
वाह, बहुत ही लाजवाब.
रामराम.
Bahut khoobsurat hai ye kwabon kee kataran. Iseese naye khwabon ke poshak banenge.
ख्वाब भी जानते है आँखों का मौसम
भीगी रात में हो जाते हैं वो भी नम...
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