जिंदगी की राहें

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Thursday, May 9, 2013

पोस्टर !!



10 फरवरी को विश्व पुस्तक मेला में लोकार्पित हुई मेरे सह सम्पादन मे साझा कविता संग्रह "पगडंडियाँ" से मेरी एक रचना आप सबके लिए... J

पोस्टर !!
नाम सुनते ही, बस
बस आ जाते हैं फिल्मी दृश्य
जेहन मे, है न !
पर सोचना, क्या है जुड़ा नहीं ये
जिंदगी के हर पड़ाव से ...

याद है मुझे
मिक्की-डोनाल्ड या कार्टून के पोस्टर्स
जो होते थे काफी
हम नन्हें दिल को खुश करने के लिए ...

मुझे याद है वो दिन भी
जब क्रिकेट करती थी पागल हमें
और मेरा कमरा पटा होता था
"कपिल द जबाब नहीं " व
गावस्कर की बैटिंग स्टाइल से ...
खेल मे बेशक नहीं थे पारंगत
पर पोस्टर्स, थे न हर दीवाल पर ...

हंसी आती है उस याद पर
जब अमिताभ के पोस्टर्स को देख कर
आईने मे बनती थी "हेयर स्टाइल"
तभी तो कानो के ऊपर
लहराते थे लंबे बाल...

हाँ मैं भूल गया बताना
कालेज मे था, किसी इंस्टीट्यूट
का प्रचार का पोस्टर
बस तो हो गई थी जरूरी
वहाँ नामांकन पढ़ाई के लिए
ऐसा असर देता था पोस्टर .... 

वो बनने वाली थी माँ
किसी ने कहा, सुबह जो वो देखेगी
उसका असर होगा गर्भ पर
और फिर, थे चारो और पोस्टर्स पोस्टर्स
कृष्णा, राम, लक्ष्मी बाई के भी ....
मोटे तंदुरुस्त खूबसूरत बच्चो के भी
काश हुआ हो, उसका असर...

आप भी जब गुजरते होंगे सड़कों पर
दिख जाता होगा
हर तरह का पोस्टर्स
कभी प्रॉडक्ट तो कभी मॉडल
खींच लेता है अपनी ओर
किसी भी व्यवसाय को
बढ़ा देते हैं ये खूबसूरत पोस्टर्स

तो फिर क्या कहते हैं
है न जिंदगी के हर लम्हे से जुड़ा
पोस्टर्स, हर तरह का पोस्टर्स ....
जिंदगी के हर रूप को रु-ब-रु कराते पोस्टर्स..............

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28 comments:

Guzarish said...

bahut khub kaha aapne poster ke sath judi hain yaaden

रंजू भाटिया said...

ज़िन्दगी में पोस्टर की आवश्यकता वाकई यह सोच लाजवाब है ...बुक में भी पढ़ी थी तब भी यही ख्याल आया था ..बेहतरीन सोच ,.:)

दिगम्बर नासवा said...

सच देखो तो जिंदगी भी तो एक पोस्टर ही है ... कुछ साँसें चिपका दी हैं ऊपर वाले ने जिसम के साथ ...

Pallavi saxena said...

बिलकुल ठीक कहा आपने ज़िंदगी की हर खट्टी मीठी यादों से जुड़े होते हैं पोस्टर ... :)

डॉ. मोनिका शर्मा said...

जीवन से जुड़े से पोस्टर, एक अलग से विषय पर संजीदा प्रस्तुति

Bodhmita said...

wah kya soch hai... bahut khoob da...

Anju (Anu) Chaudhary said...

जिंदगी के हर लम्हें से जुड़ी कविता ...

पर अब तो सडकों पर पोस्टर लगाने के लिए सरकार ने मना कर दिया है ...लगे हुए पोस्टर सड़क किनारे से फाड़े जा रहें हैं ....:(

kavita verma said...

postar ka jindagi par gahn prabhav ko vyakt karti sundar rachna ..

sandhya jain said...

सच में बहुत ही सुंदर लिखा....आपकी सोच वाकई बेहतरीन हैं मुकेश जी....लाजवाब.... :-)

Aparna Bhagat said...

poori zindagi ke posters jod len to ek rochak film hi ban jayegi.. bilkul anokhi soch hai Mukeshji..

Anju said...

बिलकुल अलग सी पर बहुत कुछ हकीकतों का बयाँ करती ....

अरुणा said...

हाँ जिंदगी की आवशयकता ही है पोस्टर शायद !
सुन्दर रचना मुकेश जी

Tamasha-E-Zindagi said...

बढ़िया

shashi purwar said...

bahut sundar mukesh , jindagi ek postar hi hai , badhai

अज़ीज़ जौनपुरी said...

umda, jindgi ki deewar par kahi nahi dikhti koyee darar,har kisi ki zindgi se chipke hain hazaroo isthar

Sadhana Vaid said...

एक बेहतरीन प्रस्तुति ! बहुत खूब !

ANULATA RAJ NAIR said...

फटा पोस्टर ...निकला हीरो...
:-)

अच्छी रचना...
अनु

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

पोस्टर के साथ जुड़ी कितनी ही यादें आपने समेट लीं....

Dr. Vandana Singh said...

कविता के लिए मुद्दा क्या हो.... ये तो कोई आप से सीखे.... बहतरीन प्रस्तुति :)

Dr. Vandana Singh said...

कविता के लिए मुद्दा क्या हो.... ये तो कोई आप से सीखे.... बहतरीन प्रस्तुति :)

सदा said...

पोस्‍टर इतना भाया मन को कि ... इतनी सुन्‍दर रचना कर डाली ... बहुत खूब

Vaanbhatt said...

पोस्टर का काम ही है लोगों का ध्यान आकृष्ट करना...हम भी तो अपने व्यक्तित्व-पहनावे से लोगों का ध्यान बटोरना चाहते हैं...शायद इसीलिए अमिताभ की नक़ल करने का प्रयास होता है...

nayee dunia said...

बहुत सुन्दर

गिरिजा कुलश्रेष्ठ said...

सचमुच पोस्टर जिन्दगी से गहरे जुडे होते हैं । किसी अनजान शहर में सडकों पर लगे पोस्टर ही तो सबसे बडे दिग्दर्शक होते हैं ।

Rajendra kumar said...

वाकई,लाजबाब रचना.

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रेरक पोस्टर प्रेरित करते हैं।

shikha varshney said...

जिन्दगी का पोस्टर ..न जाने क्या क्या समाहित है.

कालीपद "प्रसाद" said...

जिंदगी ही पोस्टर या पोस्टर ही जिंदगी कहना मुश्किल हो गया है

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