कर रहे थे मेहनत
जी रहे थे कुछ रोटियों के साथ..
जो कभी कभी होती
थी बिना सब्जी के साथ...
पर रात की नींद
होती थी गहरी
होती थी
रंग बिरंगे सपने के साथ
पर इन्ही सुनहरे सपनो ने
फिर उकसाया
मेहनत की कमाई
महीने में एक बार मिलता वेतन
नहीं दे पायेगा..
ऐश से भरी जिंदगी
कैसे पाओगे
"क्वालिटी ऑफ़ लाइफ"
क्या करोगे तो
पा जाओगे ऐसा जीवन
कि हर सांसारिक सुख
हो जाये हासिल
जिसकी हो तमन्ना!!
चाहत थी बड़ी
पर कोशिश में नहीं था दम
चाहिए था धन..
इसलिए किया
जीवन मूल्यों से खिलवाड़
लिप्त हो गए
करने लगे भ्रष्टाचार
लगाई सरकारी खजाने में
घुसपैठ
हो गए वो सब अपने
जिसके देखे थे सपने...
पर जो न मिल पाया
वो था चैन
उड़ गयी थी घर कि शांति
फिर नहीं देख पा रहा था सपना
क्यूंकि नींद भी तो उड़ गयी थी अपनी .
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
75 comments:
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ चुकी थी चेहरे कि रंगत............?????.
एक अच्छे जीवन को जीने के लिए पैसो की आवश्कता तो होती हैं ..पर अपनी आत्मा को मारकर,अपने मन की शांति को भंग करके, जीने से क्या फायदा ???
ऐसी क्वालिटी लाइफ किस काम की .......
वाह......क्या लिखा आज तुमने मुकेश ...बहुत खूब..उम्दा...
बधाई के हक़दार हो आज .....
चैन की नींद के लिए ....आत्मा का जागे रहना जरुरी है ..
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
sahi kaha mukesh ji ye to hota hi hai jab ham kisi aprapy ki aur bhagte hain tab .bahut sundar bhavabhivyakti badhai
आधुनिक भौतिकवादी जीवन प्रवृत्ति पर सुन्दर चिंतन करती कविता... बढ़िया !
very nice..bhut achaa likha hai aapne:)
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पाने कि चाहतने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगतउड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
उफ्फ! बहुत गहरी बात कह गये हैं आप
कमाल ......लीक से हटकर , आप अपनी बात समझाने में कामयाब रहे हैं मुकेश जी ! शुभकामनायें !!
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ…………गहन चिन्तन का समावेश किया है और एक सच को उकेरा है…………इस उम्दा रचना के लिये हार्दिक बधाई मुकेश्।
क्वालिटी ऑफ लाइफ केवल पैसों से नहीं होती ... अच्छा सन्देश देती है आपकी रचना मुकेश जी ...
@Darshan jee...ham jo kahen, lekin har ki jarurat quality of life...beshak uske karan sapne udd jate hain...!
@Anu... aisa lagta hai aaj khuch khas umda laga tumhe:) dhanyawad!
@Shalini, Arun jee, Satyam......thanx!
बहुत सटीक!
बहुत उम्दा!
bahut khoob...aabhar...
bahut sahi baat likhi hai apane
bahut sahi likha hai aapne
पर जो न मिल पाया
वो था चैन
उड़ गयी थी घर कि शांति
फिर नहीं देख पा रहा था सपना
क्यूंकि नींद भी तो उड़ गयी थी अपनी .
Hmmm......zindagee khwab bhee dikhatee hai aur neende bhee udatee hai!
बहुत सच कहा आपने, साध्य का सुख साधन में ही ढल जाता है।
सही कहा है...पर आत्मा को मारकर कुछ हासिल भी हुआ तो क्या फायदा...जीवन तो आत्मा के साथ है...
बहुत सुंदर...
'क्वालिटी ऑफ लाइफ' का यह भी एक पहलू है ,एक सच है मगर इस सच को समझना कितने लोग चाहते हैं?
अच्छे विचार हैं कविता में.
जिन्दगी के सच से रूबरू करा दिया आपने...
क्या करोगे तो
पा जाओगे ऐसा जीवन
कि हर सांसारिक सुख
हो जाये हासिल
जिसकी हो तमन्ना!!
bahut sundar rachna
.
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ----महीने में एक बार मिलता वेतन
नहीं दे पायेगा..
ऐश से भरी जिंदगी
कैसे पाओगे
"क्वालिटी ऑफ़ लाइफ" बहुत अच्छा लिखा है मुकेश जी जिन्दगी की सच्चाई लिखी है hmmmmmmmm
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत.
बहुत सही...यही हो रहा है आजकल....
जिंदगी के सच को बखूबी बयां किया है आपने।
............
प्रेम एक दलदल है..
’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।
बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की है आपने!
क्वालिटी ऑफ लाइफ की परिभाषा बड़ी पेचीदी हो चली है....
@संजय भाई ....अच्छी लगती है आपकी कमेंट्स..
@वंदना जी...इतना गहन भी नहीं है...पर शुक्रिया...!
@दिगंबर सर...धन्यवाद्..
@डॉ. शास्त्री, प्रियंका , मनु ............धन्यवाद..
खूबसूरत रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.
एक बेहतरीन कविता रचने के लिए बहुत बहुत ध्न्यवायद सर ।
सादर
ज़िंदगी को खूबसूरत बनने के लिए गलत धनद से पैसा कमाना ज़रूरी नहीं ..पर लोंग केवल दिखावा ज्यादा पसंद करते हैं ..
अच्छी प्रस्तुति
क्वालिटी ऑफ लाइफ के फेर में बंधुआ मजदूर बन गए हैं!!
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत...........
सच है ...बिलकुल सच.... प्रासंगिक भाव लिए रचना
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ उम्दा रचना लिखा है आपने !ज़बरदस्त प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
bahut kadari likhi hai......ekdam samyik,bahut pasand aayee.
शुष्क और नीरस हो रही इस
ज़िन्दगी को क्वालिटी से संवारिए
चार पल हंसी और ख़ुशी के
बीवी बच्चों के साथ गुज़ारिए!!
वक़्त के साथ कदम मिलाने ..बल्कि उससे आगे निकल जाने की मानसिकता नें ...quality of life...की परिभाषा ..को materialistic things तक ही सीमित कर लिया है...संस्कारों ,विचारों भावनाओं का ...संवेदनाओं का अवमूल्यन हो चुका है..क्यूंकि अपाहिज सोच..मात्र ..''रंग बिरंगे सपने के साथ ..सांसारिक सुख''..को ही सफल जीवन मान रहा है...काश..'' क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पाने कि चाहत'' में अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को गम न होने दें...
एक गंभीर विषय..जो प्रबुद्ध वर्ग को कम से कम सोचने पे मजबूर करेगा ही...बधाई
सार गर्भित रचना...शब्द चयन मोहित कर गया विचार और सोच तो प्रभावक हैं ही..... आपकी परिपक्वता का बोध कराती रचना... बहुत खूब!!!
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ...आभार ।
क्या बात है
बहुत सुंदर
by email:
Indu Puri to me
show details 3:53 PM (1 hour ago)
baba! blog pr comment post nhi ho rha.ye lo
' baba! apni kavita me tumne us soch ko hawaa di hai jo vyakti ko sochne pr majboor krta hai.yh sthiti hr vyakti ke mn me vichar paida krti hai wo kya kre kya na kre?ek taraf wo dekhta hai beimani se kma kr log sampann jiwn jiite hain aur ek taraf imaandaari se uska mhina bhi bahut mushkil se ktataa hai.aise me apni aatma ko girwi rakh kr wo sb kuchh haasil kr lene ko galat jante hue bhii galat nhi manta.maine aaj tk kisi imaandaar vyakti ko(midium class ke) ko us oonchai pr nhi dekha.kintu............isme koi shk nhi ek imaandaar vyakti me itna aatm vishvaas hota hai ki..... hjaaron be-imaan usse khauf khaate hain. imaandaari me ek sukun hai.uski aankhon me ek chmak hoti hai wo nidar hota hai.duniya ki koi baat use bhybheet nhi krti.
baba!hm jaison ke liye yhi paryaapt hai.sapne aur mn to chaand ko paa lena chahta hai.pr....
hmari imaandari ne hme ek achchha sukun bhra jiwn jiine kaabil to bnaya hai n? bs bahut hai.hmare bchche yogya bn jaaye....ishwr imaandari ka fl deta hai aisa na hota to sb beimaan bn chuke hote ha ha ha '
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ चुकी थी चेहरे कि रंगत...
...sabkuch aachha-achha hamesha mere liye ho..isi ke chakkar mein chehre kee rangat kab ud jaati hai pata hi nahi chalta...bahut badiya aadhunikta kee andhi daud mein daudte bhagte logon ko samjhti prastuti..aabhar!
bahut badhia ..
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
-सच कहती रचना!!!
सही कहा आज के ज़माने के हिसाब से क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पाना बड़ा मुश्किल है, ज़मीर बेच दो तो शान्ति, सपना वो भी गायब, इसलिए ज़मीर साथ है तो सब है. बहुत अच्छी विचारशील रचना, बधाई मुकेश.
@क्षमा जी...अच्छा लगा आपका कमेन्ट.
@@प्रवीण जी, आपके एक पंक्ति का कमेन्ट क्या कहने हैं, उसके...:)
@धन्यवाद् अल्पना जी, वीणा जी, सुषमा, डॉ. दिवा ...:)
@शुक्रिया माधवी, डॉ. शरद, जाकिर भाई, डोरथी , यशवंत.....
@ रश्मि दी., संगीता दी ..बहुत देर कर दी आपने...:डी
@ बड़े भैया......प्रणाम!
@डॉ. मोनिका, मृदुला जी, व बबली हमारा शुक्रिया स्वीकार करें..
@मनोज सर, बहुत सही कहा आपने
@अंजना दी, हम जो भी कहने, सच कहूँ हम सब इस लाइफ को पाने के लिए भाग रहे हैं....:(
Brajrani Mishra:
bahut achhi rachana.
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ…………गहन चिन्तन का समावेश किया है..सार्थक लेख...
हमारी ज़िन्दगी किसी की चाहत होगी.... हमें किसी और की ज़िन्दगी की चाहत..... क़्वालिटी ऑफ लाइफ़ पाने की चाहत का कोई अंत नहीं...
क्या मुकेश तुम भी ...कहा देख ली तुमने भ्रष्टाचारियों के चेहरे की उडी रंगत ?? उनकी क्वालिटी लाइफ वही है , इसलिए वे उसी में खुश और परमसंतुष्ट होते हैं ...
अपनी आत्मा को नहीं मार पाने वाले आप हम जैसे लोग अपने मुताबिक क्वालिटी लाइफ जीते हैं ...हमारे पास जो है , जैसा है, मेहनत का है ...हमारी आत्मसंतुष्टि इसमें है ...
अपना अपना नजरिया सबका !
quality of life pane ki jugat me jindagi ka sukun kho dena ...sach ghate ka souda hai.....sunder rachna...
bahut achhi soch..bahut chha lekhan...
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
bahut sundar ,darshan ji ke vicharo se main bhi sahmat hoon .daudne par yahi haal hota hai .
बहुत खूब....
शुभकामनायें !!
मुकेश ,देर से आयी हूँ पढ़ने .(
बहुत अच्छा लिखा .... और उससे भी अच्छा सोचा ..... शुभकामनायें !!!
आहा क्या सही बयां किया है आपने..
लोग इसी चक्कर में अपना ईमान भी दांव पर लगा देते हैं..
पैसे हैं पर चैन नहीं.. ऐसी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी कहाँ?
hi,,your pos is very good
क्वालिटी लाइफ के चक्कर में लोग अपने संस्कारों,अपने उसूलों,अपने परिवार और खुद अपनों की परिभाषा भूलते जा रहे हैं...कुछ भी कर गुज़र जाना उनकी फितरत में शामिल होता जा रहा है....बहुत खूब. !!
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आज के चर्चा मंच पर भी आपकी चर्चा है!
आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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नमक इश्क का हो या..
इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्थर।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
Belated happy b'day ..
have loads of fun.
Many many happy returns of the day !!
जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाइयां एवं शुभकामनाएं।
आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें ....आप जीवन में सभी प्रकार की खुशियाँ हासिल करें यही कामना है ....!
बहुत बहुत मुबारका जी....
बहुत सुन्दर प्रभावशाली प्रस्तुति| जन्मदिन की ढ़ेरो शुभकामनाएं|
waah...
zindagi ki jaddo-jahad yahi hoti hai... kitne sanjeeda vishya ko itne achhe se varnit kar diya aapne...
सार्थक!
आशीष
--
मैंगो शेक!!!
क्वालिटी ऑफ लाइफ
को पाने के जद्दोजहद में बीत जाती है ज़िन्दगी ,
ज़िन्दगी के अंत में क्वालिटी मिलती जरुर है , बाकिर
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मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है
ड्रैकुला को खून चाहिए, कृपया डोनेट करिये! पार्ट-1
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क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत
ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत
उड़ा चुकी थी चेहरे कि रंगत..............
पैसा आवश्यक तो है पर आत्मा को मार कर कदापि नही ।
आज के जीवन के आपाधापी का गहन विश्लेषण है यह कविता...
उड़ गयी थी घर कि शांति ,फिर नहीं देख पा रहा था सपना
क्यूंकि नींद भी तो उड़ गयी थी अपनी ,क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत ने उड़ा दी थी चेहरे कि रंगत ,
"क्योकि"
करने लगे भ्रष्टाचार,लगाई सरकारी खजाने में घुसपैठ
हो गए वो सब अपने,जिसके देखे थे सपने...
अब दुःख क्यों.... ??
आज 21/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत खूब...
एक सार्थक लेखन..
सादर.
क्वालिटी ऑफ़ लाइफ
पाने कि चाहत ने ही बंठा ढार कर दिया है...
अच्छी रचना...
Quality of Life needs Quality of Thoughts...nice post :)
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