योग साधना की
चक्र संकल्पना पर
शरीर में अवस्थित
मेरु दंड के हाई वे पर
आधार से माथे तक
दौड़ते भागते
शिराओं
धमनियों
तंत्रिकाओं
में स्थित ऊर्जा बिन्दु
जैसे दूर तलक सफर के दौरान
फास्ट टैग लगी टैक्सी
बिना थमे
पार करती हुई
विभिन्न टोल टैक्स काउंटरों को
यथा,
मूलाधार
स्वाधिष्ठान
मणिपुर
अनाहत
विशुद्धि
आज्ञा व
सहस्त्रार
फास्ट टैग लगी टैक्सी
बिना थमे
पार करती हुई
विभिन्न टोल टैक्स काउंटरों को
यथा,
मूलाधार
स्वाधिष्ठान
मणिपुर
अनाहत
विशुद्धि
आज्ञा व
सहस्त्रार
हर टोल के बाद
तय किए गए मार्ग की दूरी
होती है अलग
क्योंकि
मानव प्राण ही,
देह
ऊर्जा क्षेत्र और
चक्र तंत्र का आधार है
तय किए गए मार्ग की दूरी
होती है अलग
क्योंकि
मानव प्राण ही,
देह
ऊर्जा क्षेत्र और
चक्र तंत्र का आधार है
आखिर मानव चेतना के
सीमा को निर्धारित करता हुआ
अचेतन मन
थमता - भागता
बेध्यानी में भी
रखता है ध्यान में
शिव का
आदि का
अनंत का
सीमा को निर्धारित करता हुआ
अचेतन मन
थमता - भागता
बेध्यानी में भी
रखता है ध्यान में
शिव का
आदि का
अनंत का
जय भोले !
7 comments:
सम्पूर्ण दर्शन
बहुत सुन्दर
सार्थक प्रस्तुतिष
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 13 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बढ़िया
वाआआह बहुत बढ़िया... 👌
जीवन का दर्शन. बहुत सुन्दर रचना. बधाई.
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