जिंदगी की राहें

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Wednesday, September 4, 2019

जन्मदिन


जब सैंतालीस,
धप्पा करते हुए बोले अड़तालीस को
जी ले तू भी उम्मीदों भरा साल
है भविष्य के गर्त में कुछ फूल
जो बींधेंगे उंगलियों को
क्योंकि है ढेरों काटें भरे तने
तब तुम सब हैप्पी बड्डे कहना।
जब सैंतालीस
करे याद छियालीस की झप्पी को
जो सर्द निगाहों से ताक कर
नम हो चुकी आवाज में
पिछले बरस थी, बोली
स्नेह पापा का भी समेटो
बरस भर ही तो हुआ
जब गए थे पप्पा इसी दिन
बेशक मम्मी के फोन पर झिझक कर
थैंक यू कह लेना
पर तुम सब मुझे हैप्पी बड्डे कहना
जब सैंतालीस
के सपने में
पैंतालीस ने सिसकते हुए
पापा की जलती चिता की गर्मी को महसूसा
जिसने नम आंखों से था देखा
ऊष्मा में आशीर्वाद
समय बीत गया अब तो
सुनो तुम सब हैप्पी बड्डे जरूर कहना।
जब सैंतालीस
आने वाले उनचास और
फिर खिलखिलाते पचास को
आसमां के सितारों में ढूंढे
और जाते जाते कह दे मुस्कुरा कर
बेशक मर जाना, पर मुक्कू तुम न बदलना
तुम, तुम्हारा बचपना
तुम्हारी सुनहरी छवियां जो अब बता रही उम्र
फिर भी ख़ुश ही रहना
इसलिए मैं खुद कह रहा हूँ
तुम सब, सब सब
हैप्पी बड्डे जरूर कहना।
कहोगे न।
~मुकेश~

6 comments:

संजय भास्‍कर said...

जन्मदिन के शुभ अवसर पर अनन्त शुभकामनाएं मुकेश जी

अजय कुमार झा said...

कहेंगे जी जरूर कहेंगे और कहते रहेंगे हैपी बड्डे जी खूब सारा हैपी बड्डे | कभी सीखेंगे आपसे यूँ कविता लिखना भी

Samta sahay said...

जरूर मुकेश ,
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं मुकेश 💐
तुम जिओ हजारों साल और माँ सरस्वती की कृपाबनी रहे ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (06-09-2019) को    "हैं दिखावे के लिए दैरो-हरम"   (चर्चा अंक- 3450)    पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
आपका जनम्दिन और
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Nitish Tiwary said...

जन्मदिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।
मेरे ब्लॉग पर भी पधारिए।

Rahul said...

बहुत खूब. हार्दिक शुभकामनाएँ!