नजरों के सामने
फड़फड़ाते पन्नों में
झिलमिलाते शब्दों के समूह
जिनमें कभी होता प्यार
तो कभी सुलगता आक्रोश
कभी बनता बिगड़ता वाक्य विन्यास
कह उठता अनायास
“मैं कवि नहीं हूँ”
सफ़ेद फूल में, चमकते तारे में
धुंधले दर्द में, सुनहले मुस्कुराहट में
गुजरे यादों मे, अखरते वर्तमान में
ढूँढता हूँ कवितायें
पर, पता है खुद को
“मैं कवि नहीं हूँ”
छंदों में, गीतों में,
गजल में, शेर में,
यहाँ तक की हाइकु-हाइगा में भी
देखता हूँ खुद का अक्स
पर हर बार सुगबुगाते एहसास
“मैं कवि नहीं हूँ”
मेरे अंदर की कोशिकाएं
उनके समूह उत्तक
या फिर हर एक अंग व अंगतंत्र
मेरा जिस्म भी, खिलखिला कर कह उठा
“मैं कवि नहीं हूँ”
अंततः !!
धड़कते साँसो व
लरजते अहसासों के साथ
करता हूँ मैं घोषणा
“मैं कवि नहीं हूँ”
कहा न – मैं कवि नहीं हूँ” !!
फड़फड़ाते पन्नों में
झिलमिलाते शब्दों के समूह
जिनमें कभी होता प्यार
तो कभी सुलगता आक्रोश
कभी बनता बिगड़ता वाक्य विन्यास
कह उठता अनायास
“मैं कवि नहीं हूँ”
सफ़ेद फूल में, चमकते तारे में
धुंधले दर्द में, सुनहले मुस्कुराहट में
गुजरे यादों मे, अखरते वर्तमान में
ढूँढता हूँ कवितायें
पर, पता है खुद को
“मैं कवि नहीं हूँ”
छंदों में, गीतों में,
गजल में, शेर में,
यहाँ तक की हाइकु-हाइगा में भी
देखता हूँ खुद का अक्स
पर हर बार सुगबुगाते एहसास
“मैं कवि नहीं हूँ”
मेरे अंदर की कोशिकाएं
उनके समूह उत्तक
या फिर हर एक अंग व अंगतंत्र
मेरा जिस्म भी, खिलखिला कर कह उठा
“मैं कवि नहीं हूँ”
अंततः !!
धड़कते साँसो व
लरजते अहसासों के साथ
करता हूँ मैं घोषणा
“मैं कवि नहीं हूँ”
कहा न – मैं कवि नहीं हूँ” !!
14 comments:
इतना अच्छा लिख गये और ये दावा .....
वाह !
वाकई आप नहीं हैं :)
हम तो मानेगें ... भावाभिव्यक्ति बहुत उम्दा है
Good poem.Very well presented.loved reading it twice:)
छंदों में, गीतों में,
गजल में, शेर में,
यहाँ तक की हाइकु-हाइगा में भी
देखता हूँ खुद का अक्स
पर हर बार सुगबुगाते एहसास
कवि हैं तभी तो छंदों में गीतों में ..... अक्स नज़र आता है :)
बहुत अच्छा लिखा है
मन के भावनावों की सुन्दर अभिव्यक्ति |
नई रचना मेरा जन्म !
ये खुस का दावा है या मन का आक्रोश ...
लाजवाब रचना ...
आप एक बेहतरीन कवि हैं
बहुत सुन्दर लिखा है आपने
आपने जिस तरह से रचना रखी बहुत ही उम्दा व जोशपूर्ण वाकई एक बेहतरीन कवि हो....:)
ditto Anju ji.. sahaj.. saarthak.. simple.. shabdon ke mayajaal se pare.. darshan ke gherav se door.. sachchi seedhi baat kehne wale..
bahut achhi kavita..behad bhavpurn...
बहुत सुन्दर..
हम सब लिखने वालों में से ''कवि'' कौन
बेहद खूबसूरत शब्दों से मन की अभिव्यक्ति
मन से अभिव्यक्तियों से कवि होता कोई भी ॥ वास्तव मे सभी कवि होते है
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