तुम्हारा गुस्से से कहना कि
“कभी वक़्त है तुम्हारे पास,
सिर्फ मेरे लिए !”
“कभी वक़्त है तुम्हारे पास,
सिर्फ मेरे लिए !”
तुम्हारा
अपने लिए समय का मांगना
मेरे अंदर की
जलती प्रेम की मोमबत्ती से
तुम्हारे प्यार के हलचल से
डबक कर मोम के गिरने सा
देता है अनुभव
अपने लिए समय का मांगना
मेरे अंदर की
जलती प्रेम की मोमबत्ती से
तुम्हारे प्यार के हलचल से
डबक कर मोम के गिरने सा
देता है अनुभव
आखिर ये अतिरेक प्रेम ही तो कहता है
“हर दम चाहिए साथ"
“हर दम चाहिए साथ"
काश! तुम ताजिंदगी
ऐसे ही मेरे साथ की
रखो चाहत !
ऐसे ही मेरे साथ की
रखो चाहत !
वैसे भी, प्रेम के सिक्के के
दूसरी ओर ऐसे ही होता है
गुस्सा व क्षोभ
पर सिक्का उछलने पर
जीत की संभाविता
प्रेम का ही है !
दूसरी ओर ऐसे ही होता है
गुस्सा व क्षोभ
पर सिक्का उछलने पर
जीत की संभाविता
प्रेम का ही है !
विशुद्ध प्रेम !!
“लव यू”
“लव यू”
(चमकती स्मृति और प्रेम पुराना थोड़ी होता है)
~मुकेश~
12 comments:
प्रेम को समर्पित भाव ... सुन्दर रचना ...
pyar to pyar hai...isme kuch bhi atirek kahan..jod-ghatav,guna-bhag ke bad bachta hai to sirf....pyar
बहुत बढियां जज़्बातों का उल्लेख
''“हर दम चाहिए साथ”
बिलकुल गाड़ी एक पहिए से नहीं चलती कभी
एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''जज़्बात ग़ज़ल में कहता हूँ''
यह भी प्रेम की एक अभिव्यक्ति !
लेटेस्ट पोस्ट कुछ मुक्तक !
so lovely feelings ...God bless you Mukesh ji :)
sundar ..:))
वाह बहुत सुन्दर बेहतरीन
प्रेम से सराबोर शब्दों की रचना।
प्यार की अहमियत व प्यार से लबालब सुन्दर भाव...:)
meri maa..........pyari maa..........
प्यारी सी कविता, पत्नी जी भाग्यवान हैं :) जोड़ी सलामत रहे !
प्यारी कोमल सी अभिव्यक्ति ...
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