जिंदगी की राहें

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Wednesday, August 14, 2013

"आल इज वेल"


एक आम भारतीय को
सुनाई पड़ती आवाज़
उसकी वाणी से निकालता
विवश स्वर
और दिल के किसी कोने में
एक मासूम सी दमित इच्छा
काश सच हो जाये
कहना सुनना
और बोलना
"आल इज वेल"

अरे बाबा !
आतंकवादियों की गोली
नेताओं की टोली
और बोली
आश्वासन की रंगोली
हो जाये सच
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"

जाति वाद का दंगा..
या फिर हो खाकी वर्दी से पंगा
बुद्धि विवेक को मित्र बनाओ
बनाओ मंदिर राम लाला का
या फिर मस्जिद में करो अजान
या फिर सोचो और बनाओ..
विद्या दान का मंदिर महान
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"

आतंक वाद को दे दो फांसी..
चलने न दो दाउद का धंधा
चाहे पड़े विदेशी फंदा..
अनमोल है रक्त हमारा
समझे नहीं इन्हें कोई मंदा
अमन का पैगाम..
तब फैलेगा
जब मिट जायेगा
कथनी करनी का अंतर
पहला कदम जब होगा खुद का
फिर तो
होगा ही होगा
"आल इज वेल"
"आल इज वेल"
"आल इज वेल"
___________________________________________________________
अंत में सौ बात की एक बात...काश हम सब भारतीय ये शपथ लें की हम अमन और शांति के समर्थक रहेंगे...........
HAPPY INDEPENDENCE DAY !!!
— feeling सुंदर और खूबसूरत भारतवर्ष के सपने के साथ :)

14 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

कहाँ कुछ सुधरा है, बोलते बोलते। कुछ करना हो।

विभूति" said...

आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ.

kshama said...

Jaisebhi hain,aazaad hai....mubarak ho....

Anju (Anu) Chaudhary said...

''yes all is well''
एक खूबसूरत सपना

स्‍वतंत्रता दि‍वस की शुभकामनाएँ

Pallavi saxena said...

All is well :)and wish you a very happy Independence day...

इस्मत ज़ैदी said...

बहुत अच्छी और सच्ची कविता ,,बधाई हो स्वतंत्रता दिवस की भी और कविता की भी

दिगम्बर नासवा said...

देश के हालात तो ऐसे हैं पर फिर भी देश तो देश है ...
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ...

Unknown said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ.

Ranjana verma said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ......

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही सुन्दर रचना.....
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ...
:-)

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...





वंदे मातरम् !
==–..__..-=-._.
!!==–..__..-=-._;
!!==–..@..-=-._;
!!==–..__..-=-._;
!!
!!
!!
!!
हम अमन और शांति के समर्थक रहेंगे !
"आल इज वेल"

Unknown said...

Desh ke jaise bhi halat ho,desh to pyara hamara desh hai..aage sab achha hoga ki aasha ke sath shubhkamnayen

डॉ. मोनिका शर्मा said...

भीतर से सब बिखरा सा है..... हम अब तो चेतें...

सुंदर, समसामयिक विचार .....

Rohit Singh said...

मुकेश जी कविता तो शानदार है....स्वतंत्रता दिवस की बधाई देर से ही सही..बधाई हो....अगर आधा देश भी ऐसा सोच कर शपथ ले ले तो क्या पाकिस्तान ..क्या चीन..क्या दाउद..क्या नेता..क्या कौन.....सब धराशायी हो जाएंगे..औऱ भारत सिरमौर होगा..दुनिया का..पर क्या करें..आधा भारत तो भूखे पेट सोता है....समस्या यही तो है