जिंदगी की राहें

जिंदगी की राहें

Followers

Thursday, May 30, 2013

HAPPY BIRTHDAY “जिंदगी की राहें”!! (5th Anniversary)


आखिर वो दिन, वो मुकाम, मेरे इस ब्लॉग को हासिल हो ही गया, जो कभी सोचा तक नहीं था।
एक दो तीन ... नहीं पाँच साल। हाँ। मेरे इस प्यारे से अजीज पन्ने को, मेरे इस ब्लॉग को बनाए हुए आज पाँच साल हो गए।  

HAPPY BIRTHDAY “जिंदगी की राहें”!!
कभी भी दिमाग में ये बात नहीं आई थी कि ये मेरा ब्लॉग, मेरे लिए नया रास्ता खोलेगा, नए नए लोगो के बीच मेरे जैसे साधारण को एक पहचान देने का कारण बनेगा। बेशक एक लंबा अंतराल गुजर गया, मैंने इस ब्लॉग की दुनिया मैं, फिर भी सच कहूँ तो मेरी समझ कहती है की मैं बाल्यावस्था मे ही अपने सोच को सहेजे हुए हूँ, जो छोटी छोटी बातों पर तुनक जाता है, जो बहुत सी छोटी छोटी बातों पर खूब खुश भी हो जाता है।
31 मई 2008 से पहले की बात याद करूँ तो बस ये कह सकता हूँ हिन्दी भाषी क्षेत्र से आता हूँ, तो कुछ दूसरों के लिखे कवितायें, गजल, शेर की पंक्तियाँ अपने पत्रों मे बराबर इस्तेमाल करता था, मुझे पत्र लिखने का शौक था। इसके अलावा साहित्य में मेरी कोई खास रुचि थी नहीं, घर पर पापा, उपन्यास पढ़ते थे, पर वो सुरेन्द्र मोहन पाठक, वेद प्रकाश शर्मा, रानू, राजहंस, आदि के हुआ करते थे, जिनको मैं भी छिप कर पढ़ जाता। और हाँ बिहार से, स्नातक विज्ञान का छात्र था, तो एक हिन्दी का पेपर बराबर मेरे साथ चिपका रहा। 
कैसे मैं इस ब्लॉग की दुनिया से परिचित हुआ? ये भी बस एक घटना जैसा ही है।  मुझे याद है, मैं ऑर्कुट पर रश्मि प्रभा दी के पहले चार-पाँच मित्रों में से एक था । दी के एक कम्यूनिटी “मन के रथ” में पहली बार तुकबंदी करने की कोशिश की थी और फिर उनके ब्लॉग को देख कर ही वैसे ही बिना कुछ सोचे समझे खुद का ये ब्लॉग “जिंदगी की राहें” बना लिया। तो रश्मि दी का ही पहले कमेंट Are mera chhota bhai itni shaandaar feelings rakhta hai,bahut hi saral dhang se puri zindagi ka hisaab diya hai.. पर था, और उनका वही आशीर्वाद आज भी है ।
एक और शख्स की बात मैं करना चाहूँगा, जिनके कारण मेरे में ब्लॉगिंग का कीड़ा लगातार लगा रहा, मेरी एक और ऑर्कुट की मित्र, माँ समान मेरी दीदी अंजना सिन्हा हैं, जिनका कहना था मुकेश, तुम अपने इस शौक के लिए सिर्फ दस मिनट बराबर निकाला करो, कोशिश कर के देखो... और दीदी के कहे हुए दस-दस मिनट के जोड़ ने मुझे कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया ।
र्कुट के दिनों में ही ब्लॉग से हट कर कुछ ऐसे मित्र जैसे अंजना दी, संवित(प्रेम प्रकाश), पुतुल पांडे, वंदना सिंह, अभिषेक, नीलम पूरी, अभिषेक दलेला, वंदना श्रीवास्तव, एहसास(मुकुल), श्रद्धा दी, अमित केशरी,  गीता, शशि मित्तल, शुभ्रा, डिंपल, सुनीता, भावना, रितु, शालिनी गुप्ता  थे, जिनहोने मुझे झेला व सराहा।
इस ब्लॉग की दुनिया से ही मुझे अंजु चौधरी, बड़े भैया (सलिल कुमार), समीर भैया, खुशदीप भैया, सतीश सक्सेना सर, रवीद्र प्रभात जी, इन्दु दी, संगीता स्वरूप दी, राजेश भैया (राजेश उत्साही), शिवम मिश्रा, शिखा वार्श्णेय, निवेदिता दी, रंजू भाटिया, सदा, रागिनी मिश्र, नीलिमा शर्मा, आशीष भैया, अर्चना दी, विभा दी  जैसे लोगो का संसर्ग मिला जिनके कमेंट्स मेरे रचनाओं को अनमोल बना देती है। मुझे याद है एक बार मेरा ब्लॉग ही गुम हो गया था, और फिर एक अनजाने शख्स बीएस पाबला सर से मैंने अपनी आईडी/पासवोर्ड शेयर की और फिर मेरा ब्लॉग मेरे सामने था। पिछले दिनो एक कविता गोष्ठी मे अरुण शर्मा अनंत से मिला था, और फिर दूसरे दिन बातों बातों में इन्होने मेरे ब्लॉग की काया ही पलट दी, इसका आज का खूबसूरत रूप इनकी देन है। इस ब्लॉग से जुड़ी ढेरों यादें दिल में बस्ती है। शुरू के दिनो मे अगर मेरी रचना किसी और ब्लॉग पर शेयर होती थी, तो ये मेरे लिए किसी पत्रिका मे छपने जैसी बात होती । हर एक से वो लिंक शेयर करता।
एक और बात, मुझे बराबर अपनी लिखी रचनाओं को पढ़ कर लगता था और है कि इसमे सुधार की गुंजाइश है। इसके लिए मैंने बराबर शुरू के दिनो मे रश्मि दी, अंजना दी, पुतुल, राजेश भैया, वंदना सिंह, अंजु चौधरी को परेशान करता, और इनके एडिटेड रचनाओं को अपना कहना, खुशी देती...!
ये आप लोगो का स्नेह ही है की इस अंतराल में मेरी दस, हाँ दस साझा कविता संग्रह आ चुकी है। वैसे सच कहूँ तो, मेरे मे छपास का रोग है, मुझे छपना खुशी देती है। मेरे साझा कविता संग्रह:
1. अनमोल संचयन 2. अनुगूँज 3. खामोश, खामोशी और हम 4. प्रतिभाओं की कमी नहीं (2011) 5.
 शब्दो का  अरण्य (पांचों रश्मि प्रभा के सम्पादन मेँ) 6. शब्दो की चहलकदमी (सम्पादन: सत्यम 
शिवम) 7. अरुणिमा (सम्पादन: अंजु चौधरी) 8. पुष्प पंखुरी (सम्पादन: सोनिया बहुखंडी गौड़)
और फिर इनके आलावे मेरे सहसंपादन मे “कस्तुरी” (सहसंपादक: अंजु चौधरी) और “पगडंडियाँ” (सहसंपादन: अंजु चौधरी और रंजू भाटिया) आ चुकी है।

और मैं खुश हो कर बता सकता हूँ की मेरे द्वारा संपादित दोनों कविता संग्रह बेस्ट सेलर भी रही। यहाँ तक की इंडिया टूड़े ने इस बात को तसदीक किया है, और इसकी समीक्षा भी छापी।

मैं 'कस्तुरी' और 'पगडंडियाँ' के अपने साझा कवि/कवियात्रियों यथा स्व. रजत श्रीवास्तव, रश्मि प्रभा दी, नीलिमा शर्मा, डॉ. वंदना सिंह, डॉ. रागिनी मिश्रा, डॉ. गुरमीत सिंह, नीलम पूरी, गुंजन अग्रवाल, गुंजन श्रीवास्तव, मीनाक्षी मिश्रा तिवारी, कुमार राहुल तिवारी, मुकेश गोस्वामी, बोधमिता, अमित आनंद पांडे, जेसबी गुरजीत सिंह, पल्लवी सक्सेना, वाणी शर्मा, रंजू चौधरी, अंजु चौधरी, हरविंदर सलूजा, रेखा श्रीवास्तव दी, वंदना गुप्ता, वाणी शर्मा दी, नीता पौदवाल
, उपासना सियाग, ऋता शेखर दी, अनुपमा त्रिपाठी, रूमी बग्गा, अंकित खरे, रजनी नैयर मल्होत्रा, कमल शर्मा, शेफाली गुप्ता, प्रियंका राठोड, सोनिया बहुखंडी गौड़, शिखा वार्श्णेय, अजय देवगिरे, मीनाक्षी पंत, राहुल सिंह का दिल से आभारी हूँ, जो सबने मेरे पर विश्वास बनाए रखा। और एक  प्रकाशक एवं मित्र के रूप मे शैलेश भारतवासी का सहयोग तो अतुलनीय था....!

ब्लॉग की दुनिया से जुड़े अपने सभी मित्र यथा, सत्यम शिवम, विभा श्रीवास्तव दी, जेनी शबनम दी, संध्या जैन, पूनम दी,अमित श्रीवास्तव, निवेदिता श्रीवास्तव दी, शशि पुरवार, हरकीरत हीर,  शेखर सुमन, रेवा, अरुण चन्द्र रॉय, सरस दरबारी दी, दिगंबर नासवा,  अर्चना चावजी दी, डॉ. दराल, संतोष त्रिवेदी जी, शलिनी रस्तोगी, प्रीति मेहता, राजीव तनेजा, माया मृग, रश्मि नाम्बियार, सुनीता शानू दी राजेश कुमारी, अंजु अनन्या, सोनल रस्तोगी, आराधना (मुक्ति), संध्या शर्मा, रचना दीक्षित, मनोज सर, आलोक खरे, तुषार रस्तोगी, सहनवाज़, सखी सिंह, सरिता भाटिया, इन्दु, आशीष भैया, कैलाश शर्मा, नीता महरोत्रा, अपर्णा अनेकवर्णा, अजय झा, शिवम मिश्रा, डॉ. जाकिर, प्रवीण पांडे, यशोदा अग्रवाल, अनूप शुक्ल, यशवंत, रश्मि मौर्य, किरण आर्य, इस्मत जैदी, रंजना वर्मा, अपर्णा बोस, साधना वैध, वंदना श्रीवास्तव, अक्षय, अनंत कुमार अरुण, अरुण राय, संगीता स्वरूप दी, संजय भास्कर, केवल भाई, किशोर खोरेन्द्र, अरुणा कपूर, मधु सिंह, सदा, आशा सक्सेना, काली प्रसाद, श्रधा जैन, रंजना वर्मा,  रचना आभा, लक्ष्मण बिसनोई, मदन, क्षमा, अजीज जौनपुरी, शलिनी रस्तोगी, कविता वर्मा, रूप चंद शास्त्री, राजेंद्र स्वर्णकार, अनुलता राज नायर, अरुणा सक्सेना, पूनम मटिया, डॉ. नूतन गइरोला, रविकर, दीपक बाबा, रश्मि रविजा,सिंघेश्वर सिंह जी, अल्पना वर्मा,  नीता महरोत्रा, ताऊ रामपुरिया, कालीप्रसाद, प्रतिभा सक्सेना, रीना मौर्या, ललित शर्मा, आशा जोग्लेलकर, दीपक बाबा, सुमन कपूर मीत आदि सबका मैं आभार प्रकट करता हूँ, जिनहोने वक़्त वक़्त पर मुझे पढ़ा, मुझे सराहा, मैंने उनका दिल से आभारी हूँ, जिनहोने मेरी गलतियों बताई। इन नामों के अलावा भी बहुत से नाम हैं, जिनको शायद मैं अपने कमजोर याद के वजह से भूल गया हूँ, पर, फिर भी उन्हे मेरी दिल से शुक्रिया !

इन बीते हुए सालों के मध्य मुझे अपने लिए दो बार तालियों की आवाज़ सुनने को मिली। वर्ष 2011 के लिए तस्लीम परिकल्पना ब्लोगुत्सव द्वारा सर्वश्रेष्ठ युवा कवि का पुरस्कार, और फिर वर्ष 2012 के लिए शोभना काव्य सृजन सम्मान, जो मेरे लिए हर्ष का विषय रहा है।

अगर आंकड़ें की दृष्टि से देखें तो ये मेरा 100 वां पोस्ट है, मेरे ब्लॉग को 312 ब्लॉगर/रचनाकर/पाठक फॉलो करते हैं, जबकि फेसबूक के माध्यम से 43 लोग फॉलो करते हैं। ब्लॉग की इंडि रंक समान्यतः 75 से 80 के बीच होती है, अब तक करीब 56000 विजिटर्स ने इस ब्लॉग को देखा है,  5000 से ऊपर कमेंट्स की संख्या है, जो एहसास दिलाती है की, हिन्दी ब्लोगस की दुनिया में मेरी भी हैसियत है। धन्यवाद।

अंत मे, मैं खुश हूँ, अपने धर्मपत्नी अपनी हमसफर अंजु के सहयोग से, तभी इस लंबे अंतराल तक आप सब से जुड़ कर रह चुका हूँ। अपने दोनों बेटों यश-ऋषभ की चमकती आंखे मुझे हौसला देती है, जब वो मेरे हाथो कोई नई पुस्तक, या कोई अवार्ड देखते हैं...


जानता हूँ
अपने को
समझता हूँ
खुद को
नहीं हूँ नगीना
पर तुम सबका
प्यार व आशीर्वाद
कर चुका चमत्कार
हूँ अचंभित
फिर भी हूँ खुश
बरसाना ऐसा ही प्यार
बार बार !!


63 comments:

Anonymous said...

बहुत-बहुत बधाइयाँ और असीम शुभकामनायें ।

सदा said...

पाँच वर्ष 100वीं पोस्‍ट के साथ 10 कविता संग्रह में रचनाओं के प्रकाशन के साथ ही पुरस्‍कार अर्जित करने की उपलब्धियाँ हासिल कर निश्चित रूप से चमत्‍कृत एवं अचंभित कर रहे हैं :)
सभी को, यह प्रगति अनवरत ज़ारी रहे इन्‍हीं शुभकामनाओं के साथ अनंत-अनंत बधाई !!!!

Madan Mohan Saxena said...

cong

शिवम् मिश्रा said...

मुबारक हो सरकार ... :)

अरुन अनन्त said...

वर्ष पांचवा ब्लॉग का, बहुत मुबारकबाद ।
माता रानी आपकी, पूरी करें मुराद ।।

कोमल मन है आपका, उच्च कोटि की सोच ।
सच्ची बातें बोलते, बिना झिझक संकोच ।।

वर्ष पांचवा आ गया, सजा धजा है ब्लॉग ।
मूल्य समय का आपने, उचित किया उपयोग ।।

आदरणीय मुकेश भाई "जिंदगी की राहें" ब्लॉग का पांचवा शतक सफलता से पूर्ण एवं 100 वीं पोस्ट हेतु आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं. माता रानी आपको दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की दें आप सफलता की एक नई बुलंदी को छुए छोटे भाई की तरह से यही शुभकामनाएं है.

shalini rastogi said...

मुकेश जी , आपको ब्लॉग की पांचवीं सालगिरह मुबारक हो ... आपका ब्लॉग यूँही उन्नति करता रहे और आपकी रचनाओं से हमारा मन मोहता रहे यही शुभकामना है !

vandana gupta said...

कम अन्तराल में इतनी उपलब्धियाँ वाकई तुम्हारे पास खुश होने का और सबको चमत्कृत करने का मौका है और ऐसे मौके तुम्हें बराबर मिलते रहें यही कामना है। बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें।

Sadhana Vaid said...

बहुत बहुत बधाई मुकेश जी एवँ अनन्त शुभकामनायें ! आपका ब्लॉग बहुत सारा यश एवँ ढेर सारी प्रसिद्धि अर्जित करे यही मंगलकामना है ! आपको भी सफलता के नए कीर्तमान स्थापित करने के लिये ढेर सारा साधुवाद !

रंजू भाटिया said...

बहुत बहुत बधाई मुकेश खूब आगे बढ़ो और हमें तालियाँ बजाने का मौका मिलता रहे यही दुआ है दिल से ..:)

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

ब्लॉग की पाँचवीं सालगिरह पर तुमको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें .... यूं ही अनवरत लिखते रहो .... पुस्तकों के प्रकाशन से जुड़ कर साहित्य सेवा करते रहो .... तुम्हारी यह उपलब्धि औरों को भी उत्साहित करती है ....

संध्या शर्मा said...

बहुत - बहुत बधाई के साथ अशेष शुभकामनायें...

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं मुकेश जी ,आगे और भी नई नई कीर्तिमान स्थापित करें यही हमारी दुआएं .
latest post बादल तु जल्दी आना रे (भाग २)
अनुभूति : विविधा -2

Saras said...

मुकेश तुम्हारी उपलब्धियों के बारे में पढ़कर बेहद ख़ुशी हुई ...तुम्हारा स्वभाव..तुम्हारा लेखन ...सभी कुछ बहुत अच्छा लगा...तुमसे तो हाल ही में मिलना हुआ ....लेकिन मिलकर लगा जैसे वर्षों पुरानी पहचान है ...तुम्हारा वह प्यार से 'दी' कहना ...वह आदर ...बहुत अच्छा लगा..ईश्वर करे तुम इसी तरह लेखन की ऊँचाइयाँ छूते रहो....हम सबका स्नेह और आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ है ...याद रखना 'स्काई इस द लिमिट' ...और तुम्हे वहाँ तक पहुंचना है ....इन सक्केस्फुल ५ वर्षों के लिए ढेरों बधाईयाँ और आने वाले वर्षों के लिए ढेरों शुभकामनाएं

निवेदिता श्रीवास्तव said...

अरे मैं तो एक दिन देर से आयी हूँ :( असल में मैं तुम्हारी दावत का इंतजाम कर रही थी :)
इस सफल और हरदिल अज़ीज़ सफर की लिए शुभकामनाएं ....
ब्लॉग जगत और व्यक्तिगत दोनों ही "ज़िन्दगी की राहें" बहुत खुशनुमा हों !!!!!
..........अब बधाई भी दूँ क्या :)

ताऊ रामपुरिया said...

आप यूं ही प्रगति के सोपान तय करते रहें, हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

रामराम.

Kailash Sharma said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें!

nayee dunia said...

बहुत -बहुत बधाई मुकेश जी , आप हमेशा सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहें ...

shikha varshney said...
This comment has been removed by the author.
shikha varshney said...

जय हो ..वीर तुम बढे चलो. :)

विभा रानी श्रीवास्तव said...

5 साल पूरे हो जाने से तुम तो अग्रज हो गए बबुआ ....
हार्दिक शुभकामनायें आनेवाले ऐसे अनगिनत पल के लिए
और ढेरों आशीर्वाद ....

ashish said...

ब्लॉग्गिंग का पहला पंचवर्षीय कार्यक्रम उत्कृष्ट रूप से पूरा करने की बधाई .ऐसे ही मौज मस्ती करते हुए अच्छा अच्छा पढ़ाते रहो . बधाई और शुभकामनाये .

Archana Chaoji said...

बहुत बड़ी ब्लॉग हस्ती बनकर भी अपनी छोटी दी को याद रखा ...आभारी हूँ ...:-)...
मुझे लगा था झगड़े के बारे में न लिख दे कहीं ... :-)
छोटी होकर भी स्नेहाशीष देना मेरा कर्तव्य समझती हूं.... खूब आगे बढो मुझसे लड़-लड़ कर यही आशीष ....:P

Unknown said...

पाँच वर्ष पूरे होने पर बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएँ ....ये ब्लॉग उत्तरोत्तर तरक्की करता जाय और तुम्हारी लोकप्रियता बढ़ती जाय .. :)

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

बधाइयाँ भाई

Pallavi saxena said...

badhai ho aapko yun hi likhte rahiye...:)

Guzarish said...

सबसे पहले मुकेश भाई आपकी शतकीय पोस्ट के लिए बधाई
फिर आपके ब्लॉग के पांचवें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ आपने जो मुकाम पाया है और ब्लॉग को नया रूप दिया है बहुत ही काबिले तारीफ है
आपके दस साँझा काव्य संकलन के लिए आपको तह दिल से बधाई
आपको जो 2 अवार्ड्स मिले उसके लिए पुनः बधाई
आपने इतना अच्छे से पांच वर्षों को describe किया है कि पूरी post पढ़े बिना रुका ही नहीं गया
ढेरों दोस्त मिलें इस सफ़र में ढेरों ईनाम आप पाओ
जल्दी से ब्लॉग्गिंग का शानदार दशक आप मनाओ
अब पार्टी तो बनती है न भाई

प्रतिभा सक्सेना said...

बधाई,बहुत-बहुत बधाई !पोस्टों का शतक, दस कविता-संग्रह और कितने पुरस्कार समेटे पूरे पाँच वर्ष - उपलब्धियों की राह पर अभी तो बहुत आगे तक जाना है अभी.
मुकेश जी,यात्रा उद्देश्य एवं आनन्दपूर्ण रहे !

Unknown said...

बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें ।

अज़ीज़ जौनपुरी said...

hardik badhayee ,pragati ke path par badhte rahiye

Unknown said...

बहुत - बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें...

Unknown said...

बहुत - बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें...

Unknown said...

बहुत - बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें...

Poonam Matia said...


मुकेश जी ...पिछले कुछ महीनो से आप के साथ संपर्क बढ़ा है ब्लॉग .फेसबुक और काव्य गोष्ठियों के माध्यम से ...ब्लॉग की पांचवी सालगिरह बहुत बहुत मुबारक ...अपने अभिन्न मित्रों में मेरा नाम शामिल करने के लिए हृदय से आभार .......१०० वी पोस्ट और दो अवार्ड्स के लिए पुन: बधाई ......
बिना रुके पढ़ डाला एक एक शब्द
आपकी सोच और सरल शब्दावली ने किया निशब्द
एक ही आवाज़ आये दिल से मनाये आप दशम सालगिरह भी हम सबके संग ........आगे बढे चले ......:)

Jyoti khare said...

जिदगी की राहें-- वाकई आपने सार्थक पहल के साथ अपनी राहें तय की हैं
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

आग्रह है पढें,ब्लॉग का अनुसरण करें
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.in

Tamasha-E-Zindagi said...

हार्दिक बधाई जनाब |

कविता रावत said...

यह सफ़र यूँ ही अनवरत चलता रहें ..
५ साल पूरे करने की ख़ुशी हेतु बहुत बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनायें !

संतोष त्रिवेदी said...

शुभकामनायें:)
साल मत गिनिए, बस लिखते जाइये।:)

Anupama Tripathi said...

पांच वर्ष पूर्ण होने पर ढेर साडी शुभकामनायें एवं बधाई .उपलब्धियां मिलतीं रहें ...साहित्य सेवा चलती रहे ...!!

Er. सत्यम शिवम said...

A lot of congrats Mukesh ji...yuhi hardam aage badhte rahiye...yahi humnari subhkaamna hai....tahe dil se shukriya aur abhinandan :)

Er. सत्यम शिवम said...

A lot of congrats Mukesh ji...yuhi hardam aage badhte rahiye...yahi humnari subhkaamna hai....tahe dil se shukriya aur abhinandan :)

shashi purwar said...

bahut bahut hardik badhai aur shubhkamnaye mukesh , hamne google par bhi badhai di shayad nahi dekhi , belated happy , b;day , tumhara yah safar padhkar bahut prasannata hui ....yah safar behad yaadgaar hai tumhare liye aur use behad khoobsurti se bayan kiya hai , hamari dili shubhkamnaye hai tumhe .nirantar pragati karo. -- shashi

ANULATA RAJ NAIR said...

अरे हमारी टिप्पणी कहाँ गयी.....आज लिंक भेजा तो लगा कि शायद हमारी शुभकामनाएं पहुँची नहीं????
ढेर सारी शुभकामनाएं...बहुत सारी बधाई......
रचनात्मकता दिनों दिन बढ़ती रहे....
खुशियों से "जीवन की राहें" आबाद रहें....

सस्नेह
अनु

Aparna Bhagat said...

बधाई मुकेश जी!! अधिक दिन नहीं हुए हैं आपसे परिचय हुए.. पर आपका लेखन अपनी सादगी, साफगोई और 'बूँद में सागर' की खासियत लिए मन छू जाता है. आपका ये सफ़र मुझ जैसों के लिए प्रेरणा दायक है.. इस मील के पत्थर को छूने पर अनेक बधाई.. और इसी प्रकार के सृजनात्मक भविष्य के लिए शुभकामनाएं!!

Aparna Bhagat said...

बधाई मुकेश जी!! अधिक दिन नहीं हुए हैं आपसे परिचय हुए.. पर आपका लेखन अपनी सादगी, साफगोई और 'बूँद में सागर' की खासियत लिए मन छू जाता है. आपका ये सफ़र मुझ जैसों के लिए प्रेरणा दायक है.. इस मील के पत्थर को छूने पर अनेक बधाई.. और इसी प्रकार के सृजनात्मक भविष्य के लिए शुभकामनाएं!!

खोरेन्द्र said...

बहुत-बहुत बधाइयाँ और असीम शुभकामनायें ।

दिगम्बर नासवा said...

बधाई ... बधाई ..... बधाई ...
मुबारक ...

प्रवीण पाण्डेय said...

आपको ढेरों बधाइयाँ, हम तो सदा ही आपको पढ़ सकने को लालायित रहते हैं।

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma said...

kuch bhi kahungi to kam hoga na tumhaare liy ....... bas tum dost ho or rahoge .likhte raho or likhne ko prerit karte raho bahut bahut shubhkamnaye

Dr. Vandana Singh said...

बहुत बहुत बधाइयाँ आपकी उपलब्धियों के लिए....और आगामी सफलताओं के लिए हार्दिक शुभकामनायें.... ।

इस्मत ज़ैदी said...

ब्लॉग की सालगिरह आप को बहुत बहुत मुबारक हो ख़ुदा करे आप की ज़िन्दगी की ये ख़ूब्सूरत राहें बहुत दूर तक जाएं और आप अपनी मंज़िल को पा सकें,
न ये कि आप सफलताओं के शिखर छुएं बल्कि वहीं ठहरे भी रहें (आमीन)

ऋता शेखर 'मधु' said...

srijan anvarat jari rahe bhai...dheron badhai & shubhkamnayen !!

के. सी. मईड़ा said...

आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।

Asha Joglekar said...

बधाई बधाई बधाई बहुत बहुत बधाई ।

Anju (Anu) Chaudhary said...

दिल से बहुत बहुत बधाई :)

Bhavna....The Feelings of Ur Heart said...

tumhare liye kuchh bhi kehna kam hi hoga .....aise hi aage badhte rahein ....many more congtats for the fifth birthday of your blog ....keep growing like this only

anilanjana said...

हाँ मार्ग दिखने के लिए एक नहीं अनेक मिल जाते हैं परन्तु राह को चुनना और उसपर चलना ...स्वयं पर ही निर्भर करता है ....और तुम न सिर्फ चले बल्कि साफगोई से चले ..अपनी निजता और अपनी खासियत ..को बरकरार रखते हुए चले ..स्व को जीना और उसको पहचान दिलाना अपने में एक मिसाल है ..अपनी इस खूबी को सहेजे रहना
.पांच कदम साहित्याकाश पर सफलता पूर्वक चलने के लिए हार्दिक बधाई मुकेश .....तुम्हारे हर बढ़ते कदम केलिए स्नेहाशीष के साथ हार्दिक शुभकामनाएं ...... ...

Neeraj Neer said...

बहुत बहुत बधाई ...

डॉ. जेन्नी शबनम said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ! यूँ ही ज़िंदगी में मनचाहा मुकाम हासिल हो, बहुत आशीष!

संजय भास्‍कर said...

मुकेश जी , आपको ब्लॉग की पांचवीं सालगिरह मुबारक हो ..!!!!

संजय भास्‍कर said...

बहुत-बहुत बधाइयाँ

annapurna said...

मुकेश भाई जी बहुत बधाई , लेकिन आप हमे तो भूल ही गए ।

Unknown said...

too good....speechless...

Unknown said...

too good....speechless...