हाइकु - ये जापानी
काव्य प्रकार है । हाइकु अकसर कुदरत वर्णन के लिए लिखे गए हैं । जिसे " कीगो " कहते हैं । जापानी हाइकु , एक पंक्ति में लिखा जाता है और 19 वीं शताब्दी पूर्व इसेहिक्को कहा जाता था ।
हाइकु , कविता में 3 पंक्तियाँ
होतीं हैं । जिनका अनुपात है, प्रथम
पंक्ति में 5
अक्षर , दूसरी में 7 अक्षर और फ़िर तीसरी
पंक्ति में 5
अक्षर हों -- अकसर , संधि
अक्षर भी एक अक्षर ही गिना जाता है ।
(लोगो को जो पढ़ कर जाना, ये
बता रहा हूँ.. और अब कुछ अपने और से प्रस्तुत करना चाहता हूँ ....)
(1)
हमसफ़र
हमसफ़र
फिर काहे का डर
चल जिधर
(2)
महानगर
मानवीय जंगल
अकेला चल
(3)
देहरी पार
वो चली ससुराल
रो जार जार
(4)
टेबुल कुर्सी
कर मिजाज पुर्सी
है लाटशाही
(5)
राजनीतिज्ञ
राजनीतिज्ञ
काश होते मर्मज्ञ
देश कृतज्ञ
(6)
बिटिया रानी
है बड़ी सायानी
नेह बरसी
(7)
माँ की महता
नहीं बता सकता
भाग्य विधाता
(8)
समप्रभुता
सबका है सम्मान
राज धर्मिता
(9)
कमप्यूटर
है आभासी दुनिया
कमप्यूटर
है आभासी दुनिया
लाती खुशियाँ
(10)
गरीबी रेखा
नहीं करना पार
पालनहार
(11)
गुलमोहर
है लाल लाल फर
ग्रीष्म बेअसर
(12)
यश-रिषभ
दोनों छुएंगे नभ
विनती रब !!
(यश रिषभ मेरे बेटों का नाम है)
(जानकारी के आभाव में मैंने पहले गलत हाइकु पोस्ट की थी, अब सुधार दी है...)
56 comments:
हाइकु के रास्ते भी ठोस
सुन्दर सन्देश ...सुन्दर हाइकु ...!!
behtareen hain sabhi ke sabhi...
+++++
आत्मसमर्पण
वाह ... बहुत ही बढिया प्रस्तुति।
गज़ब ..पहले प्रयास में ही चौका ...
दूसरा,पांचवां और आखिरी खासतौर से बहुत अच्छे लगे.गहरे अर्थ लिए.
बहुत सुन्दर हाईकू ! बहुत खूब !
वाह कमाल बहुत सुन्दर पहला ही प्रयास बहुत सार्थक है ...बेहतरीन ...
वाह . भैये क्या मस्त लिखा है इन छुटकू फोर्मेट में . हमको भी सीखा दो .
क्या बात है..बहुत शानदार हाइकु हैं. हाइकु के बारे में दी गयी जानकारी भी बढ़िया है.
बेहतरीन हाइकू...
सुन्दर संदेश देती बढिया हाईकु..५,७,५ का रेशो है मैं भी कोशिश करुंगी..
Vandana jee, ye jankari maine ek aur blog se li... naam yaad nahi...!
जानकारी के साथ बहुत बेहतरीन हाइकु
बहुत बढ़िया...
:-)
यश-रिषभ
वो दोनों छुएंगे नभ
विनती रब !!
मेरा भी आशीर्वाद और प्यार आपके विनती में शामिल हो ....
आपकी रचना उत्तम रची है :)
वाह जी ...हर हाइकु में जान हैं :)))
बेहतरीन
है आपका हाईकू
हम आभारी ||
सुन्दर हाइकु.
सुन्दर और सार्थक हाइकु...
बहुत ही रोचक..
पहली बार हाइकु का मतलब समझ आया...खूबसूरत अभिव्यक्ति...
अच्छे भाव हैं .....
कुछ में मात्राओं की गडबडी है सुधार कर लीजिए..
(3) देहरी पार
वो चली ससुराल
रोई जार जार (यहाँ ६ वर्ण हो गए..)
(4) टेबुल कुर्सी
कर मिजाज पुरसी (यहाँ ८ वर्ण हुए..)
है लाटशाही
6) बिटिया रानी
हो गई बड़ी सायानी ८
नेह बरसाई ६
(9)
कमप्यूटर लेकर
आती खुशियाँ
आभासी दुनिया
(11) गुलमोहर
लाल लाल फर ६
ग्रीष्म बेअसर ६ ....
कृपया अन्यथा न लें :-)
पहले प्रयास में त्रुटियाँ जायज़ हैं.
अनु
बहुत अच्छा प्रयास .... कुछ त्रुटियाँ दिखीं वो अनुलता जी ने बता दी हैं ...
भाव बहुत सुंदर
सुंदर हाइकू और सही कहूं मुझे हाइकू के विषय में इतनी अधिक जानकारी नहीं थी जो तुमने प्रदान की. आभार !
--
बढिया प्रयास
ये राजनीति
कुल की अव -नीति
कर ले प्रीती .
मार दिया तुक्का हमने भी भाई .
बढ़िया हाइकु लाये हो .
,
ram ram bhai
मुखपृष्ठ
मंगलवार, 25 सितम्बर 2012
आधे सच का आधा झूठ
ये तो 'कराटे' टाइप हैं भाई , देखन में छोटे लगें घाव करे गंभीर |
...... बेहतरीन हाइकु
Ye haiku fir raha hi nahi... mujhe jankaari hi galat thi... mujhe lagta tha, ya mujhe jo jankari thi, uske anusar swar shabdo ko nahi gina jata hai.... ab unko hataya nahi ja sakta .mere anusar sirf ek line me galti rah gayee thi...लाल लाल फर ६..sorry!!
ab jo bhi ban pada jhel len... aage is iss vidha me main koshish nahi karunga...:)
shubh din!
बढिया प्रयास
शब्द की सीमा
अर्थ समुचित हैं
विधा प्रभावी
विधा में जो थोड़ी बहुत त्रुटियाँ हैं..उन्हें सुधार जा सकता है किन्तु आपके भाव और सामर्थ्य पर बेहद गर्वानुभूति हो रही है.... आगे नहीं लिखेंगे ऐसा ना कह कर यदि ये कहें कि आगे और बेहतर लिखूंगा तो सभी को प्रेरणा मिलेगी....शुभकामनाएं...:)
:)
प्रियवर मुकेश कुमार जी
नमस्कार !
आपकी इस प्रविष्टि की जितनी प्रशंसा की जाए , कम है …
सभी हाइकु सुंदर भाव और सुंदर शब्दों से सजे हैं …
बहुत खूबसूरत !
बहुत सुंदर … बधाई !
पढ़ते हुए, जो चूक मुझे ध्यान आई उसकी ओर अनु जी ने इशारा कर ही दिया …
आपने स्पष्टीकरण भी कर दिया …
डॉ वंदना सिंह जी की प्रतिक्रिया पथ प्रदीप्त करने के लिए पर्याप्त है …
और … यश-रिषभ दोनों के लिए मेरी भी हृदय से मंगलकामनाएं हैं !
…आपकी लेखनी से सुंदर रचनाओं का सृजन ऐसे ही होता रहे , यही कामना है
शुभकामनाओं सहित…
बहुत बढ़िया हाइकु रचने का प्रयास एक से बढ़कर एक अनु जी की बात पर गौर करें
मुकेश,
कुछ तो बहुत अच्छे हाइकु हैं, एक दम पूर्ण. जिनमें वर्ण ज्यादा हैं वे भी बहुत भावपूर्ण हैं, इन्हें हाइकु न कहकर क्षणिका कह सकते हैं. पहले प्रयास में बहुत अच्छा लिखा है. बहुत बधाई.
सभी हाइकू बहत धारदार हैं!
सुंदर |
मेरी नई पोस्ट:-
♥♥*चाहो मुझे इतना*♥♥
बहुत खूब!
यश-रिषभ
वो दोनों छुएंगे नभ
विनती रब !!
hammari bhi vinati aapke sath hai ...waise achha prayas kiya aapne ....very nice
हाइकू लिखना अत्यधिक श्रमसाध्य कार्य है क्योंकि कम शब्दों में भावनाओं को पिरोना कठिन होता है. अच्छी लगी आपकी हाइकू रचनाएँ.
अच्छे हैकु ....बस कहीं कहीं अक्षरों के गिनती गड़बड़ी गयी है ..उसे ठीक कर दें ...लेकिन सुन्दर प्रयास.....और हाँ यश रिषभ ज़रूर छुएंगे नभ
अच्छे हाइकु के लिए बधाई...।
प्रियंका
बना है खास
ये प्रथम प्रयास
यश रिषभ
दोनों छूएँ आकाश
दिल में रखो आस|
इसे ताँका कहते हैं...हाइकु के बाद दो और पंक्तियाँ ७+७ में|
jaankaari ke liye dhanyabad, bahut sundar haiku.
बहुत बढ़िया मुकेश जी....
आप तो मास्टर हो गए :-)
बधाई बधाई...
लिखते रहिये......और भी नयी विधाओं में हाथ आजमाइए..जैसे तांका..चोखा वगैरह.
सस्नेह
अनु
बधाई हो! बढिया प्रयास है आपका!इसी तरह हर विधा में अपने हस्ताक्षर कीजिए!!
मंगल कामनाओं सहित,
सादर/सप्रेम
सारिका मुकेश
http://sarikamukesh.blogspot.com/
DHANYAWAD AAP SABO KA:)
rachnaaye achchhi lagi ..aur blog bhi pasand aayaa ..aapka lekhan bhi alag sa aur pathniiy hain
kishor
कमप्यूटर
है आभासी दुनिया
लाती खुशियाँ ... bohat achha prayas. seekhte rahiye..sikhate rahiye :)
सुन्दर हाइकू
ek say badh kar ek hiku
सभी हाईकू बहुत प्रभावी एवँ शानदार ! सभी सार्थक संदेश देते हुए चिंतन के लिये विवश करते हैं ! बहुत खूब !
बहुत सुन्दर हाइकु..
बहुत सामयिक ...सुन्दर हाइकु !!
...शुभ कामनाएं
ज्योत्स्ना शर्मा
खूबशूरत अहसाह , सार्थक प्रस्तुति ,बहुत सुन्दर रचना
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