अपने अजीज मित्रों के द्वारा दिए गए शुभकामनायें, उनकी प्रेरणा से मेरे अन्दर जागने वाला जज्बा या कुछ करने की की कोशिश और साथ में कुछ अच्छा चल रहा समय ..... इन सबको जब आप मिलकर मेरे पॉकेट में जबरदस्ती डाल देंगे तो पिछले 22 अगुस्त का "कस्तूरी" साझा काव्य संग्रह का शानदार विमोचन और 27 अगस्त को लखनऊ में मुझे मिले "वर्ष 2011 के लिए मिला सर्वश्रेष्ठ युवा कवि का पुरुस्कार" और इनके साथ मेरा चमकता चेहरा (बेशक खुबसूरत नहीं है) दिखेगा....:)
जानता हूँ
अपने को
समझता हूँ
खुद को
नहीं हूँ नगीना
पर तुम सबका प्यार
व आशीर्वाद
कर चूका चमत्कार
हूँ अचंभित
फिर भी हूँ खुश
बरसाना ये प्यार बार बार:)
श्रीमती रश्मि प्रभा (दी) के हौसला अफजाई के कारण 2008 में तुकबंदी से शुरू की गयी की कोशिश और उसकी परिणति मुझे लखनऊ में दिखी जब अन्तराष्ट्रीय ब्लागेर सम्मलेन में मेरे जैसे नौसिखिये के लिए तालियाँ बज रही थी .
सबसे पहले तो "कस्तूरी" के संपादन के लिए श्री शैलेश भारतवासी (हिंद-युग्म) द्वारा मेरे में विश्वास जगना की आप ये कर सकते हैं, फिर श्रीमती अंजू चौधरी का कहना की मुकेश आप आगे बढ़ो हमारा साथ आपके साथ है मेरे मुख में अमृत की तरह था. और फिर सब कुछ पल दर पल बेहतर होता चला गया. ब्लाग जगत के कुछ नामचीन चेहरों ने अपनी रचना मुझे बिना कोई हिल-हुज्जत के हवाले कर दी . विश्वास नहीं करेंगे, मैंने श्रीमती रश्मि प्रभा "दी" से रचनाएँ बिना कस्तूरी में प्रकाशन के बारे में बताये ले ली. "दी" क्षमा करना, ये गलत था . इस पुस्तक के लिए सबको शामिल करते समय बस मैं सबकी रचनाएँ खुद से तुलना करता था, और हर बार मुझे बाकि 23 प्रतिभागी कवि/कवियत्री बेहतरीन लगे.. और यही सबसे खास वजह है इन सबका मेरे साथ होने की. इस पुस्तक के संपादन के लिए श्रीमती अंजू चौधरी ने जितनी मेहनत की, अगर मैं उसका 10% भी खुद करता तो बात अलग होती लेकिन इसकी जरुरत ही नहीं पड़ी, मेरे बिना मेहनत के सभी प्रतिभागी रचनाकारों, मेरे अभिन्न मित्रों और प्रकाशक श्री शैलेश जी ने इस पुस्तक को सके नजर का प्यारा बना दिया . ऐसा मुझे लगता है .
इस पुस्तक का क्या नाम हो, इसके लिए भी मैंने बहुतों से सलाह ली, और उनमे से ही मेरी एक और दीदी श्रीमती अंजना सिन्हा( ये ब्लागेर नहीं हैं, पर एक बेहतरीन रचनाकार हैं ) द्वारा सुझाया नाम "कस्तूरी" मन में बैठ गया . दिल बाग-बाग हो गया जब श्री नामवर सिंह जी ने कहा - जिसने भी ये नाम सुझाया, बहुत बेहतरीन है .
विमोचन के मुख्य आतिथ्य के लिए श्री नामवर सिंह, जो एक महान आलोचक हैं, ने श्रीमती अंजू से किये हुए वादे के अनुसार मेरे सामने सहमती दी थी, आने की. फिर भी दिल कह रहा था क्या वो आयेंगे ? वो सच में हिंदी भवन के सभागार में आये और साथ में श्री श्याम सखा श्याम, अध्यक्ष, हरियाणा साहित्य अकादमी, श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, निदेशक, आकाशवाणी और श्री मदन सहनी जी का भी सान्निध्य मिला, जो की एक अनाम से साझा काव्य संग्रह को अपने आप नाम दे रहा था . सभी २४ प्रतिभागी रचनाकार जो इस विमोचन में आये या जो किसी करणवश नहीं आ पाए, दिल से इसके बेहतरी के लिए जुड़े थे . फिर भी नागपुर से श्री अजय देव्गिरे और बस्ती से श्री अमित आनंद पाण्डेय का विमोचन में आ पाना, सुखकर था . एक महान आलोचक व दयास पर बैठे जाने-पहचाने लोगो के सामने प्रतिभागी कवियों ने ज ओ काव्य पाठ किया, जिसको सबने मुक्त-कंठ से सराहा . करीबन 130 लोगो से भरा दर्शक दीर्घा बता रहा था इस विमोचन का आयोजन सफल था. विमोचन के दिन ही श्रीमती रंजू भाटिया और श्रीमती वाणी शर्मा (प्रतिभागी रचनाकार) ने अपने ब्लाग पर कस्तूरी की समीक्षात्मक रिपोर्ट भी पेश कर दी.. जो ये मुझे दिलासा दे रहा था की मैं खुशनसीब हूँ . ये पुस्तक फ्लिप्कार्ट पर 10% और इनफी बीम पर 20% के डिस्काउंट के साथ उपलब्ध है . फ्लिप्कार्ट पर 70 से जायदा प्रति की बिक्री भी हमें दिलासा दे रही है की ...
"हम होंगे कामयाब एक दिन................"
एक मन माफिक विमोचन समारोह के सिर्फ चार दिन बाद अपने को अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन (परिकल्पना व तस्लीम के तत्वाधान में आयोजित), लखनऊ में खुद को सम्मानित होता देख अन्दर से एक मुस्कराहट भरी आवाज कह रही थी ...
"मुकेश! खुश रहना सीख!"
श्री रविन्द्र प्रभात जी एवं श्री जाकिर रजनीश के अगुआई में आयोजित इस सम्मलेन में मुझे बहुत से बड़े व जाने पहचाने ब्लागर से मिलना नसीब हुआ. मैं इतना खुश था की इस आयोजन में अपनी धर्म पत्नी अंजू और बेटे यश-रिषभ के साथ पहुंचा . पूर्णिमा वर्मन जी, रवि रतलामी जी , पाबला जी, अर्चना चावजी "दी", निवेदिता श्रीवास्तव "दी", अमित श्रीवास्तव जी, सुमित प्रताप सिंह जी, अरविन्द मिश्र जी, रंजू भाटिया जी, सुनीता शानू "दी", रागिनी मिश्रा, शिखा वार्ष्णेय, शिवम् मिश्रा, जी.पी.तिवारी जी, वंदना अवस्थी दुबे जी, आशीष राय जी, इस्मत जैदी जी, चांदी दत्त शुक्ल जी, निधि टंडन जी, निरुपमा सिंह जी, रूपचंद मयंक शास्त्री जी, संजय भास्कर, नीरज जाट, रंधीर सिंह सुमन जी, अलका सैनी जी, डॉ. राम द्विवेदी जी, आकांक्षा यादव जी, के.के यादव जी, पाखी, अविनाश वाचस्पति जी, यशवंत माथुर, शीलेश भारतवासी, डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव, सतोष त्रिवेदी जी, कुंवर कुश्मेश जी, दर्शन लाल बवेजा जी, सिंघेश्वर सिंह जी, धीरेन्द्र सिंह भदोरिया जी, डॉ. सुभाष राय जी, जैसे ब्लाग जगत के चमकते सितारों से मिलना एक दिवा स्वप्न जैसा था .
तिस पर श्रीमती रश्मिप्रभा "दी" को मिलने वाला दशक का सर्वश्रेष्ठ ब्लागर का सम्मान व शमशेर जन्मशती काव्य सम्मान को प्राप्त करने के लिए उनके अनुपस्थिति में ग्रहण करना और मंच पर उनको प्राप्त होने वाली शील्ड व प्रमाणपत्र के साथ फोटो खिंचवाना अविस्मरनीय था . क्या कहूँ, वक्त कैसे ख़ुशी देता है, ये मैं समझ सकता हूँ .
अब सब कुछ बीत चूका है, मैं धरातल पर आ चूका हूँ, फिर भी एक इल्तजा -----
"मेरे हिस्से का प्यार, थोड़ा जायदा बरसते रहना......"
42 comments:
नगीना कहाँ जानता है कि वह नगीना है .... वह तो बस समय, सहयात्रियों के संग तराशा जाता है ! नगीने की चमक ही जौहरियों की खासियत बनती है , वरना नगीना तो नगीना होता ही है - जिस तरह तुमने सम्मान की रेखा को गहरा किया है, उसे धुंधला मत करना - उंचाई और गहरी होगी
मुकेश हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें इसी तरह सफ़लता के शिखर चूमते रहो।
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी .... आपका प्रयास और आपके बड़ो के आशीर्वाद से ये संभव हुआ है .... इसमें कोई शक नहीं की आपमें प्रतिभा है ...आपकी सफलता से हमे भी अत्यंत प्रसन्नता हो रही है ...और मैं बहुत भाग्यशाली हूँ की मैं भी इस सफलता का एक हिस्सा हूँ ... रिया , ढेरों शुभ कामनाएं
बहुत बहुत बधाई .... यूं ही जगमगाते रहो ....
मुकेश तुम्हें दिल से बहुत बहुत बधाई ....तुम आगे बढ़ो ....मैं तुम्हारे साथ हूँ :)))
mukesh .....bahut si shubhkamnae
jab apne hi kis sathi ko safalta ke path par chalte dekho to khud ko bhi aage barhne ka housla milta hai ..... aap aage aage barte rahiye ...ham aapke saath hai ......... aapko n aapki patni Anju ko dher sari shubhkamnae ............or han Rashmi jee ko bhi dher sari baddhaiiiyaa ..
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी ....
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी ... आप इसी तरह नए आकाश छूते रहें ... शुभकामनायें ...
Bahut bahut badhaiyaan mukesh ji...
Dil se aapka bahut bahut shukriya...
Aap aage badhte rahen hamesha.. Aur aise hi khush rahen aur muskan bikherte rahen...
Main bhi "kasturi" ke vimochan ka wo din kabhi nahi bhool sakti.. Meri zindgi ka itna bada din tha wo..
Thanks to you n anju ji... Bahut bahut aabhar ...
"Hum hongey kaamyaab"
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी !
मुझे इस संतोष इसी बात का है कि तुमको पहचानने में मुझसे गलती नहीं हुई .......प्रिय अंजू और यश -ऋषभ से मिलना तो बोनस ही था -:)
........ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयां !!!
बहुत-बहुत बधाई के साथ अनंत शुभकामनाएं ..नित नई सफलता मिले ..
शुभकामनाएँ, प्यार और अभी और बहुत आगे देखने की चाहत !
भाई हम तो दोनों जगह आपकी सफलताओ के चश्मदीद गवाह है . कस्तूरी के विमोचन अवसर पर भी परिकल्पना पुरस्कार स्थल पर भी . बस इतनी सी बात अलग है की मुझे दिल्ली में बताना पड़ा की मै आशीष , हा हा , इत्ते बड्डे बड्डे लोगों के बीच अपने आप को सामान्य नहीं कर पाया . इसलिए पार्श्व सीट हमारे कब्जे में रही . हा हा . इश्वर आपको ऐसी सफलताओं के केंद्र में रखे.
वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय कवि के सफर की तो यह शुरुआत भर है.. आशा है और आशीष है कि यह सफर अनवरत चलता रहे और अभिव्यक्तियाँ कविताओं में ढलती रहें!!
bahut badhai evam shubhakamnayen ...!!
bahut-bahut badhayee......
इस पुरस्कार के लिये बहुत बहुत बधाई..
sabheeko bahut bahut badhayee!
bahut bahut badhayiyan
हार्दिक शुभकामनायें . .तुम मुझको क्या दे पाओगे ?
बहुत बहुत बधाई आपको मुकेश जी ...आप यूँ ही हर कदम आगे बढे ..यही शुभकामना है ..
आपने समारोह का बहुत अच्छा कवरेज किया है. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. कस्तूरी टीम को बहुत बधाई और आगे के लिए शुभकामनाएँ.
दिल से इस सफलता के लिए आपको हार्दिक शुभकामनायें....:-)
A lot of congrats Mukesh ji.....:)
मेरी भी बधाई स्वीकार करो...ईश्वर तुम्हें सफलता के शिखर पर पहुँचाएँ !!
सादगी से ओतप्रोत आपका शब्द शब्द आपके सरल सुन्दर कवि मन को प्रतिबिंबित करता है ...सो सफलता तो मिलनी ही थी ....
एक से एक महान दिग्गज कविजनो से मिलना एक दिवा स्वप्न ही ... माँ शारदे की अनुकम्पा बरस रही है आप पर और भविष्य में सदा ऐसे ही बरसती रहे ...
मेरी हार्दिक शुभकामनाये ...
मेरी शुभकामनाएं मुकेश ...आप नए शिखर पर पंहुचते रहें ...
हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें... इसी तरह सफ़लता के शिखर पर जगमगाते रहिये...पूरी कस्तूरी टीम को बधाई...
mukesh bhaeeya ji badhayee aap yunhi aage badhte rahen...or hum anuj ko apna aashirwaad dete rahen..
badhaayee!
Ehsaas......
शुभकामनाएं मुकेश ...आप नए शिखर पर पंहुचते रहें ...
ढेर सारी शुभकामनायें. आप सफलता के पथ पर हमेशा अग्रसर रहें.
कितनी निष्ठा से लिखी गयी गयी रिपोर्ट .....हर शब्द सीधे दिलसे निकलता हुआ ..सच कहूं मुकेशजी ..कुछ दिन पहले आपको एक सम्मान मिला ..उसके तुरंत बाद लखनऊ में दूसरा सम्मान ....पढ़कर अंदाज़ा ही लगा रही थी ..कि आपको कितनी ख़ुशी हुई होगी ..और इस रिपोर्ट ने ....मेरी बात को सच कर दिया ......आपकी ख़ुशी का अंदाजा बखूबी लग रहा है ...इस तरह के और बहुत मौके आपके जीवन में आयें..इसी कामना के साथ .....हार्दिक अभिनन्दन !
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी...आपको हार्दिक शुभकामनायें...|
यह यात्रा ज़ारी रहे ...शुभकामनायें !
Bahut bahut badhaiyaan Mukesh ji...
Aap aage badhte rahen hamesha.. Aur aise hi khush rahen aur muskurate rahen...God bless u.
बहुत बहुत बधाई और अनंत शुभकामनाएं !!
हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें
bahut shubkamanae aur badhaiyaa apko mukesh ji
कस्तूरी के लिए सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई. ऐसे ही सदैव सफल रहो और मनचाही खुशियाँ मिले, शुभकामनाएँ.
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