जिंदगी की राहें

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Monday, February 13, 2012

"यूटोपिया" ............


सबसे पहले तो HAPPY ST. VALENTINE'S DAY!! इस प्यार महोत्सव पर मैंने कुछ शब्दों जो जोड़ा है... उम्मीद करता हूँ पसंद करेंगे...:)
और हाँ! मेरे FOLLOWERS की संख्या पिछले दिनों 200 को पार कर कर गयी, अच्छा  लगता है आप सबों से इतना प्यार पा कर... धन्यवाद् !!!

प्यार-मोहब्बत
नजदीकियां-अपनापन
जान-दिलबर-महबूबा
LIKE YOU- LOVE YOU

सिर्फ तुम - मेरी जिंदगी
ऐसे खुबसूरत शब्दों से
भरी पड़ी है दुनिया
जिसको इन खुली आँखों ने
किया अनुभव
...................!!!!

पर,
इन वास्तविक दृश्यों
को अनुभव करने के लिए
खोला दिल का दरवाजा
तो इन्ही शब्दों के साथ दिखा
दर्द-विषाद
वितृष्णा-दुराव
परेशानी-तनाव
छेड़खानी-बदतमीजी
HATE YOU - KILL YOU
जैसे भाव...!!
.

इतना अंतर..???
अंतर नहीं..

एक सिक्के के दो पहलू
प्यार जिससे है ..

उसी से तो होगी तकरार
भाव के सारे रंग उसपर ही तो बिखरेंगे
ये क्यूँ नहीं समझ पाता दिल
दिल के दरवाज़ों को खोलने से पहले
अपेक्षाओं को अम्बार में आंखें बंद कर
हकीकत से पीठ फेर कर .
....सपने देखता है
सपने पूरे तब होंगे न
....जब समझदारी के छींटे डाल कर
जागते हुए उन्हें जियेगा ..
मिलेगा तभी..प्यार का नजराना
खुशियों का छुपा खज़ाना ..
फिर बच के जायेगा कहाँ
"यूटोपिया" ............


40 comments:

vandana gupta said...

प्रेम को किसी चश्मे की जरूरत नही होती …………निरन्तर बहता है बस बीच बीच मे ये व्यवधान आते रहते हैं और जो इन्हे पार कर गया उसने ही प्रेम को पा लिया…………सुन्दर प्रस्तुति।

शिवम् मिश्रा said...

प्यार और तकरार ... दोनों जरुरी है !

"क्या यार तुम भी कमाल करते हो ...
हमें तो अपनी पूरी ज़िन्दगी कम लगती है प्यार के लिए ...
तुम इसे एक दिन में निबटने की बात करते हो ...
क्या यार तुम भी ... क्यों बेकार की बात करते हो ..."

Neelam said...

सपने पूरे तब होंगे न
....जब समझदारी के छींटे डाल कर
जागते हुए उन्हें जियेगा ..
मिलेगा तभी..प्यार का नजराना
खुशियों का छुपा खज़ाना ..bahut sunder abhivyakti Mukesh ji.
happy velentine day.

shashi purwar said...

hi mukesh .......bahut sunder dono pahaloo ko dikhaya hai , prem ki koi asha ki jaroorat nahi hoti woh to baas nirmalta se bahata rahata hai .......@ tumne bahut hi sunder shabdo ka sayoujan kiya hai .....nice . expressive ....:):):):)

shikha varshney said...

प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज नहीं एक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

रेखा said...

वाह ...बहुत खूब लिखा है आपने

विभूति" said...

दोनों ही पहलू का बहुत ही खुबसूरत वर्णन.....

Anju (Anu) Chaudhary said...

मन के मनोभावो और मंथन को दर्शाती रचना ..बेहद खूबसूरत शब्दों से सजी हैं ...



अँधेरे में रहने वालो ,अँधेरे का राज़ ना खोलो
कांच के सपने टूट ना जाएँ ,आहिस्ता -आहिस्ता बोलो|

केवल राम said...

बेहतर रचना ....!

***Punam*** said...

मुकेशजी....
आपको कमेन्ट देने में कुछ ज्यादा ही लिख जाती हूँ....
क्या लिखूं .:....
द्विविधा में हूँ...!!
जवाब मेरी किसी पोस्ट में देख लीजियेगा....!!
वैसे जो लिखा ....सही है....
हम में से कईयों के लिए....!!

लोकेन्द्र सिंह said...

प्यार के रंग में डूबी रचना... बहुत खूबसूरत...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सार्थक चिंतन..संतुलित विचार लिए पंक्तियाँ

Arun sathi said...

khoob.

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रेम जब अधिकार में, इस विश्व को ढक ले..

वाणी गीत said...

प्रेम में तकरार बहती नाड़ी का रास्ता रोकने वाली घास फूस सी ही तो है , बहा ले गये तो सब कुछ साफ़ निर्मल , रुक गये तो गन्दगी !

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया सर!

सादर

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति ... जहां प्यार वहाँ तक्रार भी शामिल होती है ॥

Cloud said...

wah mukesh ji aap to chhupe rustam nikle .....itna kaise pata apko pyaar aur takraar ke bare me ......jo itni sunderta se prastut kiya h aapne ......badhayiii ho :)))))

Manoranjan Manu Shrivastav said...

प्रेम और तकरार या नफरत दोनों हमेशा एक साथ ही रहते हैं.
जैसे प्रेम कहने से प्रेम का अनुभव होता है
पर अगर प्रेम चोपड़ा कहो तो .......... समझ लीजिये , आप लोग खुद समझदार हैं

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुन्दर प्रस्तुति...
बधाईयाँ...

Kailash Sharma said...

बहुत खूब! बहुत सुंदर प्रस्तुति...

Aditya said...

//दिल के दरवाज़ों को खोलने से पहले
अपेक्षाओं को अम्बार में आंखें बंद कर
हकीकत से पीठ फेर कर .
....सपने देखता है

sateek baat ekdum sirji...

anuchit apekshaao ka ambaar hi kalesh ka kaaran ban jaata hai..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सुंदर रचना, बहुत अच्छी प्रस्तुति,

MY NEW POST ...कामयाबी...

अशोक सलूजा said...

प्यार और नफ़रत...ये जीवन है ..इसी में जिंदगी कटती है ....!सुंदर रचना !
शुभकामनाएँ !

avanti singh said...

bahut hi sundar likhte hai aap,kaee rachnayen padhi abhi,kafi pasnd aaeen,aise hi likhte rhen bdhaai....

avanti singh said...

bahut hi sundar likhte hai aap,kaee rachnayen padhi abhi,kafi pasnd aaeen,aise hi likhte rhen bdhaai....

sangita said...

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।धन्यवाद मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा उत्त्साह वर्धन हेतु|

vidya said...

eutopia!!!!
असंभव को संभव करना ???
कोशिश तो की ही जा सकती है...

बेहतरीन रचना...
अदभुद सोच...
फोलोवेर की संख्या जल्द ५००...और ज्यादा...
पहुंचे..
शुभकामनाएँ.

Amrita Tanmay said...

अंतर्स्पर्शी रचना |

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) said...

kya baat hai mukesh ji ,pura Research
hi kar daala aapne to prem aur takraar ..........bahut achha raha vishleshan prem ka ......badhai

दर्शन कौर धनोय said...

प्यार जिससे होती हैं तकरार भी तो उसी से होती हैं ..यह प्यार का ही एक रूप हैं .....

विभा रानी श्रीवास्तव said...

प्यार-मोहब्बत
नजदीकियां-अपनापन
जान-दिलबर-महबूबा
LIKE YOU- LOVE YOU

दर्द-विषाद
वितृष्णा-दुराव
परेशानी-तनाव
छेड़खानी-बदतमीजी
HATE YOU - KILL YOU

एक सिक्के के दो पहलू
प्यार जिससे है ..
उसी से तो होगी तकरार

बहुत खूब..... अति सुन्दर....

रश्मि प्रभा... said...

इसे सही मायनों में सूक्ष्मता कहते हैं ....

KAVITA said...

बहुत बढ़िया प्रेमपगी रचना..

Udan Tashtari said...

सुंदर प्रस्तुति...बहुत खूब

निवेदिता श्रीवास्तव said...

प्यार जिससे है ..
उसी से तो होगी तकरार
यही तो है ज़िन्दगी का मूलमंत्र ...)

महेन्‍द्र वर्मा said...

अच्छे भाव, सुंदर शब्द संयोजन।

मेरा साहित्य said...

prem yahi hai shayad
sunder kavita
rachana

Saras said...

प्यार गुस्सा तकरार, यह सब एक ही अहसास के पहलू हैं ...अलग अलग स्टेजेस पर
बहुत सुन्दरता से पिरोया है इन्हें

डॉ. जेन्नी शबनम said...

pyar aur pyar mein takraar sikke ke do pahloo ho sakte hain, par takraar jab sanyam mein rahe aur rishte ko mahatva de. bahut achchhi rachna. badhai.