सुनो न
हाँ संबोधित करने के लिए कहना ही होगा
सुनो न !
हाँ संबोधित करने के लिए कहना ही होगा
सुनो न !
क्यों पर क्यों, आखिर सुनाऊँ क्या
जब, तुम्हें देखने भर से
बनने लगता है मुझमे, अत्यधिक मात्रा में
अड्रेनलिन व कार्टिसोल
जो धड़कनों के प्रवाह के आयाम को
पहुंचा देता है उच्चतम स्तर पर
बेशक जिससे शायद कहीं अंदर रहता है तनाव
पर वो होता है रुमानियत भरा
जब, तुम्हें देखने भर से
बनने लगता है मुझमे, अत्यधिक मात्रा में
अड्रेनलिन व कार्टिसोल
जो धड़कनों के प्रवाह के आयाम को
पहुंचा देता है उच्चतम स्तर पर
बेशक जिससे शायद कहीं अंदर रहता है तनाव
पर वो होता है रुमानियत भरा
नहीं जानते कि वजह होती है डोपामाइन
जब उछाल मारती है ऊर्जा
उल्लास की फूटती है चिंगारी
जब तुम्हारे आगोश के आलिंगन का सुख
मिलता है तुमसे !
जब उछाल मारती है ऊर्जा
उल्लास की फूटती है चिंगारी
जब तुम्हारे आगोश के आलिंगन का सुख
मिलता है तुमसे !
खोये रहते हैं तुममे
पलछिन, घंटे, दिन, रात बीतते रहे
मेरे खयालातों में बना रहा तुम्हारा बसेरा
क्योंकि तुम ही तो हो वो वजह
जिसने बढ़ाया सेरोटोनिन मुझमें
.... है न सही
पलछिन, घंटे, दिन, रात बीतते रहे
मेरे खयालातों में बना रहा तुम्हारा बसेरा
क्योंकि तुम ही तो हो वो वजह
जिसने बढ़ाया सेरोटोनिन मुझमें
.... है न सही
उफ़्फ़ वो स्पर्श, वो आलिंगन
जिस कारण स्त्रावित होता रहा
ऑक्सीटोसिन हार्मोन
जिसने किया कुछ ऐसा कि
जिंदगी के गुलाबी बहाव में
महसूसता रहा तुम्हारे चुंबन की तीव्रता
जिस कारण स्त्रावित होता रहा
ऑक्सीटोसिन हार्मोन
जिसने किया कुछ ऐसा कि
जिंदगी के गुलाबी बहाव में
महसूसता रहा तुम्हारे चुंबन की तीव्रता
मदहोशियाँ, खुशनुमा पल
सब, सब
हाँ दिया तो तुमने
तभी तो सामीप्य की गुलाबी उम्मीदें
प्रेम से जलाता रहा देह
टेस्टोरोन व एस्ट्रोजोन की बढ़ती मात्रा
था पास, बेहद पास आने का कारण
सब, सब
हाँ दिया तो तुमने
तभी तो सामीप्य की गुलाबी उम्मीदें
प्रेम से जलाता रहा देह
टेस्टोरोन व एस्ट्रोजोन की बढ़ती मात्रा
था पास, बेहद पास आने का कारण
सुनो
मेरे अंदर का प्रेम रसायन
बहेगा हर समय
तुम्हारे वजूद के कारण
रहेंगी चाहतें प्रेम केमेस्ट्री की
मेरे अंदर का प्रेम रसायन
बहेगा हर समय
तुम्हारे वजूद के कारण
रहेंगी चाहतें प्रेम केमेस्ट्री की
सुनो
केमेस्ट्री फ़िज़िक्स से इतर
अपने जिंदगी के मैथेमेटिक्स में
मेरी उपस्थिति के शून्य को
आंकना, स्वयं को दस गुना बना कर
केमेस्ट्री फ़िज़िक्स से इतर
अपने जिंदगी के मैथेमेटिक्स में
मेरी उपस्थिति के शून्य को
आंकना, स्वयं को दस गुना बना कर
समझी न !!
~मुकेश~
(याद रहे आज हिन्दी ब्लॉग दिवस है )
3 comments:
बहुत सुन्दर
इस बेहतरीन लिखावट के लिए हृदय से आभार Appsguruji(जाने हिंदी में ढेरो mobile apps और internet से जुडी जानकारी )
Thanks For Sharing The Amazing content. I Will also share with my
friends. Great Content thanks a lot.
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