कुछ टॉफियों के रैपर से
निकाल कर गटक ली थी
लाल पिली नारंगी टॉफियाँ
फिर सहेज लिए रैपर्स, जिसमे था
स्वाद, खुशियाँ, प्यार
आज पुराने किताबों से झांकते
ये चटक रंगों के रैपर्स
एक पल को बोल गये ''धप्पा"
पलकें झपकाते हुए
मुस्काते चेहरे के साथ
हूँ अब तक विस्मृत !!
~मुकेश~
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