'मृत्यु'
मैं लिखूंगा एक नज्म तुम पर भी,
और
अगर न लिख पाया तो न सही
कोशिश तो होगी ही
तुम्हारे आगमन से
जीवन के अवसान में
शब्दों के पहचान की!!
मैं लिखूंगा एक नज्म तुम पर भी,
और
अगर न लिख पाया तो न सही
कोशिश तो होगी ही
तुम्हारे आगमन से
जीवन के अवसान में
शब्दों के पहचान की!!
तेज गति से चलता रुधिर
जब एकाएक होने लगे शिथिल
नब्जों में पसरने लगे
शान्ति का नवदीप
जैसे एक भभकता दीया
भक्क से बुझने से पहले
चुंधिया कर फैला दे
दुधिया प्रकाश !!
जर्द से चेहरे पर
एक दम से
दिखे, सुनहली लालिमा !
मौसम और समय के पहर से इतर
दूर से जैसे आती हो आवाज
एक मरियल से कुत्ते के कूकने की !!
जब एकाएक होने लगे शिथिल
नब्जों में पसरने लगे
शान्ति का नवदीप
जैसे एक भभकता दीया
भक्क से बुझने से पहले
चुंधिया कर फैला दे
दुधिया प्रकाश !!
जर्द से चेहरे पर
एक दम से
दिखे, सुनहली लालिमा !
मौसम और समय के पहर से इतर
दूर से जैसे आती हो आवाज
एक मरियल से कुत्ते के कूकने की !!
समझ लेना विदा का वक्त
बस आ ही चुका है !
बेशक न कहें - गुडबाय!
पर नजरों में तो पढ़ ही सकते हो
- मृत्यु का एक प्रेम गीत !!
बस आ ही चुका है !
बेशक न कहें - गुडबाय!
पर नजरों में तो पढ़ ही सकते हो
- मृत्यु का एक प्रेम गीत !!
इतना तो कहोगे न -
"अब तक की बेहतरीन कविता" !!
"अब तक की बेहतरीन कविता" !!
3 comments:
बहुत खूब ... सुन्दर अभिव्यक्ति
संवेदनशील रचना , मुकेश जी
सुन्दर रचना
Post a Comment