जिंदगी की राहें

जिंदगी की राहें

Followers

Wednesday, February 24, 2016

कवि की डायरी



देखी है कभी कवि की डायरी ?

अधिकतर कवियों के पास होती है
पुरानी, जर्द पन्नो वाली किसी कंपनी की
उपहारस्वरूप प्राप्त डायरी!

शुरूआती पन्ना
ज्यादातर कवियों का
होता है अम्मा को समर्पित
माँ का लाड़ प्यार, मार-कुटाई, सब घालमेल कर
लिख डालते हैं,.मार्मिक रचना!!

फिर, कलम घिसती है, बढती है
बढ़ता है सफ़र, जिंदगी का, दर्द का
लिखने लगता है कवि प्यार भरे नग्मे, कुछ पन्नों पर
शेर की छोटी छोटी पंक्तियाँ
छलकता झलकता प्यार, मनुहार,
प्रेम की चाशनी में डूबा!
तुम आना करूँगा इन्तजार जैसा!!

बढ़ते पन्ने, मुड़े तुड़े,
जैसे लिखा हो टूटी कलम से, या स्याही सूखने लगी हो
प्यार में दरार या जिंदगी बन गयी तन्हाई
जिंदगी से पाई बेवफाई
चल पड़ी इस विषय पर कलम, रक्ताभ स्याही
बेशक हो ज़िंदा कवि, पर उन पन्नों पर मरता है
मर मर कर जी उठता है!

अब, कवि की कलम मेहनतकश बन जी उठती है
लिखता है हल, लिखता है खेत
भूख, श्रम, श्रम शक्ति सब डालता है कविताओं में
मेहनत, मजदूरी, लाल सलाम, सब सहेजता है शब्दों में
कवि कॉमरेड बन जाता है कुछ पन्नों में!

पन्ने उलटते हैं
कवि की कलम होने लगती है वाचाल
स्त्रियों के जिस्म, उतार चढ़ाव
सेक्स, सेंसेक्स, इंडेक्स
कर देता है मिक्सिंग सब कुछ
एक ही रचना में वो चूमता है
और फिर जिस्म से उतरता हुआ
पहुँच जाता है राजनितिक पार्लियामेंट!!

पर, ऐसे पन्ने ही पाते हैं इनाम
आखिर साहित्यिक समीक्षक को भी चाहिए
कुछ तो रस!
अलहदा!!
कवि कभी कभी पन्नों पर लिख डालता है
बलात्कार
गिराता है पल्लू, दिखाता है चित्कार
तो, कभी अपनी ही जेब के अंदर से,
टपकते पैसों का करता है जिक्र!

कवि की नजर, कवि की कलम, और
उसकी वो पुरानी डायरी
बस, ऐसे ही मुद्दे दर मुद्दे
सहेजता है शब्द, सोच, भाव
कुछ शब्द कांपते हैं, कुछ बिलखते हैं
कुछ खिलखिलाते हैं, कुछ रह जाते हैं मौन!

इन सबके बीच, हर कवि ढूंढता है
कुछ कालजयी और श्रेष्ठ!!
पर, ये तलाश बस चलती रहती है
तब तक, या तो भर जाती है डायरी
या फिर कवि पा जाता है अमरत्व!

फिर कुछ श्रद्धांजलि रचना लिखी जाती है उस पर!

~मुकेश~



7 comments:

Amrita Tanmay said...

अलहदा रचा है ।

Rajendra kumar said...

आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (26.02.2016) को "कर्तव्य और दायित्व " (चर्चा अंक-2264)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

Onkar said...

सही कहा. सुन्दर प्रस्तुति

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 29 फरवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह....बेहतरीन अभिव्यक्ति.....बहुत बहुत बधाई.....

Unknown said...

sach or khubsurat prastuti...

Madhulika Patel said...

जी सच लिखा है आपने कवि का मन ऐसे ही होता है