जिंदगी की राहें

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Monday, December 21, 2015

मेरे गाँव के कुत्ते


मेरे गाँव के कुत्ते
मान लो, उन्हें मिल जाए ऐसा कुछ मौका
कि, शहर  का देशाटन करने पहुंचे वो
मानो न, तो होगा क्या ?
सबसे पहले तो होगा नाम परिवर्तन
वो अब नहीं कहलायेंगे कुत्ता या झबरू या पिल्ला
उन्हें या तो स्ट्रीट डॉग का तमगा मिलेगा या कोई
पशु प्रेम में  पुचकारेगा  डोगी या टाइगर कह कर !!

गाँव में जब होते थे निरीह
तब बिना बंधे भी
किसी एक दरवाजे पर टिक कर भूंकते
करते रखवाली , दिखाते स्वामिभक्ति
बेशक नहीं मिलता वक़्त पर खाना, या मिलता तो
प्रेम सिक्त सुखी रोटी या मालिक का छोड़ा निवाला
हाँ, खाना मिलता जरुर, साथ में प्यार भरी चपत भी !!

बहुतों बार उस कुत्तें ने अपने
गरीब मालिक में भरी थी गर्मी
उस ठन्डे जाड़े की रात में चिपक कर स्पर्श से
बताया था उसने अपने मालिक को हाँ, मैं हूँ तुम्हारा अभिन्न !!

बिना किसी रस्सी , चेन या पट्टे के
बिना किसी ट्रेनिंग के
वो गाँव का कुत्ता सदा रहता अपने मालिक के पीछे
याद करो, सबने देखा होगा, वोडाफोन के एड में !!

मरदूद जैसे ही पहुंचे शहर के किसी मोहल्ले में
कहीं से मिला चिकन का बचा खुचा टुकड़ा
या फिर कभी मिला बचा पकवान
पर हर वक़्त, खाते समय रहती उन्हें चिंता और डर
पीछे से पड़ने वाले वार का, स्टिक का
या फिर कोई सुन्दर बाला कह देती
उफ़, सो अगली!! भगाओ इस स्ट्रीट डॉग को !!

सच ही तो है,
ये विस्थापन, गाँव से शहर का
देता है आसान तरीका पेट भरने का, पोषण का
पर नहीं दे पाता
वो प्यार, वो मिटटी की सुगंध
वो तवज्जो, वो अपनापन !!

तभी तो,
गाँव से शहर पहुंचा हुआ "मैं"
मेरे अन्दर का भूकता कुत्ता !!
विस्थापन के दर्द को झेलते हुए !!
जी रहा है !! जीने देना !!

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2015 में प्राप्त करता "बेस्ट पोएट ऑफ़ द इयर" का अवार्ड

6 comments:

संजय भास्‍कर said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 24 दिसंबर 2015 को में शामिल किया गया है।
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

Rajesh Kumar Rai said...

विस्थापन के दर्द को उकेरती रचना।सार्थक प्रस्तुति।

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 25 दिसम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

Onkar said...

सार्थक रचना

Unknown said...

sarthak or sundar rachna...

Anonymous said...

bahut badiya.