जिंदगी की राहें

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Monday, October 27, 2014

बिग बॉस


था गहरी नींद में सोया
या कि
था किसी ख्बावो में खोया
यूँ कि एकदम से कड़कती आवाज
कानों में गूंजी
- बिग बॉस चाहतें हैं कि
कॉन्फेशन रूम में आयें मुकेश !!
चिहुंका मैं, ठिठका मैं
याद नहीं उठा भी कि
एवें बस पलकें झपकी
या उठा तो किस कमरे में गया मैं?
गया तो फ्रिज का दरवाजा खोला
या कि मुख्य द्वार खोल कर
कि बाहर निकलने की कोशिश
शायद हो चुकी थी देर
तभी तो, फिर से वही रौबदार आवाज
गूंजी या समझो चीखी
"मुकेश"
बिग बॉस आपके "हमिंग बर्ड" के
बेस्ट सेलर बनने की बधाई देते हैं...
अविस्मयकारी स्थिति के साथ
पलकें झपकी, होंठ थरथराये
कांपती आवाज में कह ही उठा
थैंक यू - बिग बॉस!!
फिर से वही कौंधती आवाज
आप खुश हैं, संग्रह के प्रदर्शन से
हमिंग बर्ड की उड़ान से ?
क्या आपको लगता है
जिन हाथों तक चाहते थे पहुँचाना
उन हाथों तक ये किताब पहुंची...?
एक दम से उड़ गयी नींद
खुद ब खुद आवाज रुंध गयी
भरे गले से मेरी आवाज निकली
जी, उम्मीद से बढ़ कर
मिला रेस्पोंस
पर उम्मीद फिर भी है कायम
अब आप जा सकते हैं मुकेश !
ये आवाज फिर से कौंधी पर
मेरी नींद की ठुमकती चिरैया को
एक अनूठे सपने ने उड़ा दिया था
साथ ही, मुस्कराहट तैरा दी होंठो पर
इस प्यारी सी हमिंग बर्ड ने...
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काश ये सपना भोर का होता, ये सपना सच्चा होता 😊
मोरल ऑफ़ द पोएम : जो भी इस बेवकूफी भरी रचना को पढ़े वो मेरी हमिंग बर्ड को जरुर पढ़े, जरुर आर्डर करे  :-)
इंतजार रहेगा...... :-)


4 comments:

Unknown said...

ba bebkoofiwali nahi varan pyare khyal hain....

सदा said...

खूबसूरत सा सपना .... जिसके सच होने की अनंत शुभकामनायें

shikha varshney said...

उड़ेगी हम्मिंग वर्ड ऊंचाइयों तक ... दुआ है.

Himkar Shyam said...

ख़ूबसूरत प्रस्तुति…पुस्तक के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ