जिंदगी की राहें

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Friday, August 29, 2014

प्रेम

( दिल्ली एअरपोर्ट से ली गयी फोटो )
ये प्रेम भी न 
ऐसे लगता है जैसे 
मेट्रो का दरवाजा 
सामने खुलने वाला हो 
या मेट्रो क्यों 
नए वाले लाल डीटीसी का दरवाजा ही 
दरवाजा के खुलते ही 
सामने खड़े पथिक के सामने 
हलकी से मनचली ए.सी. की हवा 
खूब सारी गर्मी के बाद झुमा देती है जैसे !!

ये प्रेम भी न
अजीब है कुछ
ऐसे सोचो जैसे
खूब सारी प्यास लगी हो, और
मुंह में लिया हो
वो सबसे सस्ती वाली लोली पॉप
या फिर उल्टा ही सोच लो, क्या जाता है
पेट में गैस
और जस्ट पिया हो
'इनो' का एक ग्लास !!

ये प्रेम ही तो है
जब चौबीस घंटे का व्रत
और फिर एक ग्लास शरबत
खूब सारी चीनी वाली .........
शायद मिल जाता है प्रेम
प्रेम ही है न ....... !!
__________________
प्रेम ही होगा ........... 


(विनोद कुमार शुक्ल, कैलाश वाजपेयी, केदारनाथ सिंह ....के साथ) 

(भारतीय ज्ञानपीठ के आयोजन कविता समय (05.08.2014) इंडिया हेबिनेट सेंटर से ....... जिसमें केदारनाथ सिंह, कैलाश वाजपेयी, अशोक वाजपेयी, विनोदकुमार शुक्ल, राजेश जोशी, ऋतुराज, विजय कुमार, मदन कश्यप, नीलेश रघुवंशी और सुमन केशरी ने कविता पाठ किया !! )

15 comments:

Yogi Saraswat said...


​बहुत बढ़िया तुलना

shashi purwar said...

bahut sundar , prem ke rang hai anek ,

आशीष अवस्थी said...

सुंदर लेखन , मुकेश भाई धन्यवाद !
इससे पहले की पोस्ट जो आपने प्रकाशित की थी , उसकी प्रस्तुति का सूत्र ये है , कृपया देख लें -
"जिंदगी के राहों में उम्र डगर" { I.A.S.I.H - पोस्ट्स न्यूज़ - अंक ११ }
धन्यवाद !
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अरुण चन्द्र रॉय said...

sundar

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (30-08-2014) को "गणपति वन्दन" (चर्चा मंच 1721) पर भी होगी।
--
श्रीगणेश चतुर्थी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Onkar said...

एक अलग सी रचना

सु-मन (Suman Kapoor) said...

वाह ..बहुत खूब ...प्रेम की चाशनी से सराबोर

डॉ. मोनिका शर्मा said...

वाह सुन्दर ढंग से परिभाषित प्रेम |

Neelam Sharma said...

प्रेम ...ताउम्र जिया जाने वाला सच!

Unknown said...

प्रेम का अध्य्यन आपके नजरिये से तो बहुत ही मजेदार हो गया...:)

shikha varshney said...

यानि प्रेम सुकून है....

Unknown said...

bahut sunder prem ko bhinn tareeke se prastut kiya.....

Himkar Shyam said...

प्रेममय...बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाई

Unknown said...

sundar...prem ke rang dikhlati rachna

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर ढंग से परिभाषित प्रेम |