मौसम की आवोहवा रिश्तों
पर करती है असर !
ठंडी संवेदनाएं
और जम कर बनता बरफ
जैसा हो जाता है रिश्ता
अंधेरी सर्द भरी रात
बिलकुल घुप्प एवं ठंडी
दूरी मे रहती है गर्माहट
तो नज़दीकियाँ से हो जाती है सर्द
ये रिश्ता भी है अजीब
मौसम की आवोहवा रिश्तों
पर करती है असर !
कभी कभी रिश्तों के बीच
चलती है लू जैसी गरम हवा
ढाती है कहर
झुलसा देती है अंदर तक
क्षण भर के कडवे गरम बोल
बना देते हैं पराये
तो ग्रीष्म ऋतु की दोपहरी
के तरह
मौसम की आवोहवा रिश्तों
पर करती है असर !
ये संबंधो का अलबेला रिश्ता
सुख-दुख के दामन के बीच
खेलता है, अठखेलियाँ करता है
फिर कभी कभी यही रिश्ता
सावन के मूसलाधार बारिश
की तरह
आँखों से झर-झराने लगता
है
ला देती है अंदर तक नमी
फिर यही बरसता सावन
लाता है गर्मजोशी
रिस जाता है दर्द …..
तो सही है कहा न
मौसम की आवोहवा रिश्तों
पर करती है असर !
29 comments:
Bilkul sahi baat
100%
sachhi baat kahi hai aapne
जो दशा होती है मन की, वैसी ही तान में गाता हुआ लगता है मौसम!
जैसा मन वैसा मौसम ..सुन्दर रचना
अनुपमा पाठक जी की बात से सहमत हूँ...:))
bahut sundar rachna
संबंधों में भी मौसम बदलते हैं..... सुंदर रचना
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
sach kaha apne...sundar rachna
बदलते मौसम में बदलते रिश्ते..
बेहतरीन रचना....
waah mausam ke saath rishton ke badlav ko lekar sundar prastuti
Har mausam,har rishte man ke bhav se hi nirdharit hote hain......wah
bahut khhob ...mausam ke sath rishton ko paribhashit karti hui ek pyaari rachna ..sach 100% sach ..
सही कहा बहुत असर करती है... सुन्दर रचना
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (04-08-2013) के चर्चा मंच 1327 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
रिश्ते बर्फ की माफिक पिघल जाते हैं जब मोहब्बत की तपिष सहने का वक्त आता है !
सुन्दर रचना ... बधाई
बस एक दुआ कि दोस्ती का रिश्ता कभी ना बदले
मन के स्थिति के अनुसार ही मौसम बदलता नजर आता है ……….
बढ़िया प्रस्तुति !!
मन के स्थिति के अनुसार ही मौसम बदलता नजर आता है ……….
बढ़िया प्रस्तुति !!
हृदय को नम करती बारिश की बूँदें..
सरल सरल रिश्ते...गरल गरल सम्बन्ध
सहन सहन हरचंद..वहन वहन अनुबंध
स्वर्ण स्वर्ण समर्पण....धूल धूल उम्मीद
चाह चाह स्वीकार्य...जतन जतन नीलकंठ
rishton ko samhalna kitna asan hai..bus ..neelkanth ban jana hai...garal ko gale se neeche na lane dene ka prayas.......
mausam ki abohava rishton pe mausmi prabhaav hi chor sakti hai..maane anshkalik....
behtreen .. samvedan sheel hriday se nikle bhaav yahi ho saktehain....god bless
मौसम और र्श्तों को बाखूबी बाँधा है शब्द-सेतु से ... बहुत लाजवाब ...
मानव-मन और प्रकृति में बिंब-प्रतिबिंब संबंध का सुंदर द्योतन !
सुंदर और सटीक प्रस्तुति
nice expression mukesh true ..
खूबसूरत कविता...रिश्ते सच में मौसम की ही तरह होते हैं...| बधाई...|
प्रियंका
सटीक रचना, बधाई.
मौसम की आवोहवा रिश्तों पर करती है असर !
सच कहा
True lines..
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