जिंदगी की राहें

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Friday, February 15, 2013

लोकार्पण: पगडंडियाँ



(लोकार्पण के अविस्मरनीय पल)
(पगडंडियाँ कवर पेज)

कुछ मेहनत, कुछ शुभकामनायें, कुछ लोगो का साथ, कुछ काव्यात्मक सोच और रच गई, हम सबकी "पगडंडियाँ" ... साथ मे श्रीमति अंजु चौधरी, श्रीमति रंजना भाटिया और श्री शैलेश भारतवासी की अदम्य ताकत तो थी ही....... फिर क्यों नहीं होता एक सफल आयोजन।
जीवन से रूबरू होते कभी कोई रास्ता नज़र नहीं आता तब हम सब अक्सर गंतव्य तक पहुंचेंने केलिए पगडंडियाँ बना ही लेते हैं ...और सम्हाल लेते हैं अपने आपको .. वर्तमान सुरक्षित करते हुए एक प्रतीक्षारत सार्थक भविष्य की ओर मंथर किन्तु निरंतर रूप से गतिमान भी रहते हैं ..
(चेहरे की चमक बता रही, हम खुश हैं)
  (श्री आनंद द्विवेदी, नीता पोरवाल, रंजना भाटिया, नीता कोटेचा, मैं व अंजू चौधरी) 
आखिर "पगडंडियाँ" के सभी 28 रचनाकारों के उत्साह का प्रतिफल नजर आया, जब 10.02.2013 को इसके लोकार्पण के अवसर पर वरिष्ठ कथाकार श्रीमति चित्रा मुदगल, श्री विजय किशोर मानव, कवि व पूर्व संपादक "कादंबनी", श्री बलराम, कथाकार व संपादक, "लोकायत", श्री विजय राय, कवि व प्रधान संपादक, "लमही" एवं श्री ओम निश्चल, कवि-आलोचक पधारे ...

   (श्री शैयेद, न्यूज़ रीडर, आजतक, मीनाक्षी मिश्र के पति के साथ मैं और रंजू जी)
इस आयोजन को सफल करने हेतु, बहुत से रचनाकार बाहर से आए, ये उनकी प्रतिबद्धता दर्शा रही थी॥ उनमे से श्री सैयद, न्यूज़ रीडर, आजतक, श्रीमति गुंजन श्रीवास्तवा, श्रीमति गीता पंडित, श्रीमति नीता पौरवाल, श्रीमति अनुपमा त्रिपाठी, श्रीमति नीता कोटेचा, श्रीमति रेखा श्रीवास्तवा, श्रीमती सरस दरबारी, श्री कमल शर्मा, श्रीमति नीलम पूरी, श्रीमति मीनक्षी तिवारी, श्री गुरमीत सिंह, श्रीमति सुनीता शानू, श्री अशोक अरोरा, श्री आनंद द्विवेदी, श्री संतोष त्रिवेदी, श्री अविनाश वाचस्पति, श्री किशोर चौधरी, श्रीमति मीनाक्षी पंत, श्री राजीव तनेजा, श्रीमति वंदना गुप्ता, श्री खुशदीप सहगल, श्री मोहिंदर श्रीवास्तव, श्री मोहिंदर कुमार, सुश्री आराधना चतुर्वेदी "मुक्ति", श्री अभिषेक जैसे रचनाकारो को देख कर मन प्रसन्नता से भर गया॥! मेरी धर्मपत्नी श्रीमति अंजु व बहन श्रीमति रीना सिन्हा  भी मेरे साथ रह कर बता रही थी, बेशक हिन्दी की ज्यादा समझ नहीं पर आपके साथ मेरा साथ है।  मेरे मित्र श्री अनूप, श्री आदर्श व श्री राकेश मोहन भी पधारे.....  
      (सरस दरबारी दी, गुंजन श्रीवास्तव जी, नीलू नीलम जी, नीता पोरवाल, रेखा दी)
(मैं और मेरी अंजू)
 (अविनाश वाचस्पति जी, संतोष सर,पीछे किशोर चौधरी जी अपनी धर्मपत्नी के साथ)
एक बार फिर हिन्दी के किसी समारोह मे इतनी अधिक उपस्थिती देखी गई, पूरा हाल भरा हुआ था, उपस्थिती करीबन 125 लोगो की थीइस पुस्तक के साथ साथ "ए री सखी" (कवियत्री श्रीमति अंजु चौधरी) और उनके सम्पादन मे साझा कविता संग्रह "अरुणिमा" (जिसमे मैं भी शामिल हूँ) का भी लोकार्पण साथ ही हुआ...
      (श्री बलराम,श्री विजय मानव, श्री निश्छल व श्रीमती गीता पंडित )                  

घिरी है घटाएं सकुचाई हैं पगडंडियाँ

प्राण प्रण से सहेज रही राह की दुश्वारियां

सृजन के उत्सव संग अंतस की बोलियाँ

वृष्टि से सृष्टि तृप्त ..दृष्टि आस्मानियाँ

                     (मेरी बहन श्रीमती रीना सिन्हा, पत्नी अंजू,  नीलू सरस दी, आदि )
             (अशोक अरोरा जी, नीता कोटेचा, राजीव तनेजा जी )
आप सब की उपस्थिती और शुभकामनाओं के कारण, हम बहुत खुश हैं... धन्यवाद ... मुकेश !!
                   (श्रीमती चित्र मुदगल जी के साथ हम दोनों )

33 comments:

Unknown said...

bahut bahut shubhkamnay .... bahut man tha ke is moke par main bhee waha aa pati parantu kuch jaruri karyo ke karan aana sambhav nhi ho paya . bahut achcha lag raha hain sabko ek sath dekhna :)) aane wali sabhi pustake bhi kasturie , pagdandiyo ki tarah Hit ho ..........shubhkamnaye

अरुण चन्द्र रॉय said...

bahut bahut shubhkamna mitra

संजय भास्‍कर said...

यादगार झलकियाँ शानदार पुस्तकों का विमोचन .......... बधाई ही बधाई

संजय भास्‍कर said...

साझा करने हेतु ...बधाई एवं शुभकामनायें ...मुकेश जी

Anupama Tripathi said...

कुशल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई ...!!
आभार पगडंडियाँ में मेरी भी कवितायें लीं आपने ...भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनायें ॥

रंजू भाटिया said...

बहुत बहुत बधाई सफल आयोजन के लिए ..आगे भी यह कारवां यूँ ही चलता रहे ..:)शुभकामनाओं के साथ :)

संतोष त्रिवेदी said...

...मुकेश भाई ! यह सब आपका प्यार था ।
.
.पुस्तक - प्रकाशन की बधाई !

shalini rastogi said...

हरिक शुभकामनाएँ !

nayee dunia said...

bahut -bahut badhai mukesh ji

Unknown said...

hardik shubhkamnaye,shandar jhalkiyan
jordar prstuti,smarniy nazara,punasch punasch adhayee

रविकर said...

हमारी तरफ से असीम शुभकामनायें-

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ!:-)
~सादर!!!

Unknown said...

heartiest congratulations on this success ..God Bless You ...

mukti said...

आप सभी रचनाकारों को खूब सारी बधाइयाँ ! पहली बार मेरा किसी पुस्तक के लोकार्पण में जाना हुआ और बहुत अच्छा लगा.

Gunjan said...

बहुत ही खुबसूरत विवरण प्रस्तुत किया है आपने उस खुबसूरत शाम का ............ कार्यक्रम में शामिल न होते हुए भी वहीँ होने का अहसास हुआ .... शुक्रिया आपका
"कुछ पगडंडियाँ होती ही ऐसी हैं .. जो राह चलते मुसाफ़िर के संग हो लेती हैं .. उन्हें केवल सही दिशा का बोध ही नहीं करतीं .. संग संग चल अकेले मुसाफिर को एक कारवां बना देती हैं "
................ कुछ ऐसी ही है हमारी "पगडंडियाँ" ............
मुकेश जी , अंजू जी, अंजना जी , हिन्द युग्म एवं शैलेश भारतवासी जी का तहे दिल से शुक्रिया हमको अपने कारवां में शामिल करने के लिए ....
एक से भले दो .. दो से भले चार .. तू अकेला कहाँ मुसाफिर .. हम हैं और रहेंगे हमेशा तेरे साथ :)

सभी रचनाकारों को अनंत शुभकामनायें .. ये कारवां यूँ ही चलता रहे

Gunjan said...

बहुत ही खुबसूरत विवरण प्रस्तुत किया है आपने उस खुबसूरत शाम का ............ कार्यक्रम में शामिल न होते हुए भी वहीँ होने का अहसास हुआ .... शुक्रिया आपका
"कुछ पगडंडियाँ होती ही ऐसी हैं .. जो राह चलते मुसाफ़िर के संग हो लेती हैं .. उन्हें केवल सही दिशा का बोध ही नहीं करतीं .. संग संग चल अकेले मुसाफिर को एक कारवां बना देती हैं "
................ कुछ ऐसी ही है हमारी "पगडंडियाँ" ............
मुकेश जी , अंजू जी, अंजना जी , हिन्द युग्म एवं शैलेश भारतवासी जी का तहे दिल से शुक्रिया हमको अपने कारवां में शामिल करने के लिए ....
एक से भले दो .. दो से भले चार .. तू अकेला कहाँ मुसाफिर .. हम हैं और रहेंगे हमेशा तेरे साथ :)

सभी रचनाकारों को अनंत शुभकामनायें .. ये कारवां यूँ ही चलता रहे .. आमीन

Anju (Anu) Chaudhary said...

यादगार पल ....जो कभी मानस से नहीं हटेगें

Gunjan said...

बहुत ही खुबसूरत विवरण प्रस्तुत किया है आपने उस खुबसूरत शाम का ............ कार्यक्रम में शामिल न होते हुए भी वहीँ होने का अहसास हुआ .... शुक्रिया आपका
"कुछ पगडंडियाँ होती ही ऐसी हैं .. जो राह चलते मुसाफ़िर के संग हो लेती हैं .. उन्हें केवल सही दिशा का बोध ही नहीं करतीं .. संग संग चल अकेले मुसाफिर को एक कारवां बना देती हैं "
................ कुछ ऐसी ही है हमारी "पगडंडियाँ" ............
मुकेश जी , अंजू जी, अंजना जी , हिन्द युग्म एवं शैलेश भारतवासी जी का तहे दिल से शुक्रिया हमको अपने कारवां में शामिल करने के लिए ....
एक से भले दो .. दो से भले चार .. तू अकेला कहाँ मुसाफिर .. हम हैं और रहेंगे हमेशा तेरे साथ :)

सभी रचनाकारों को अनंत शुभकामनायें .. ये कारवां यूँ ही चलता रहे .. आमीन

Gunjan said...

बहुत ही खुबसूरत विवरण प्रस्तुत किया है आपने उस खुबसूरत शाम का ............ कार्यक्रम में शामिल न होते हुए भी वहीँ होने का अहसास हुआ .... शुक्रिया आपका
"कुछ पगडंडियाँ होती ही ऐसी हैं .. जो राह चलते मुसाफ़िर के संग हो लेती हैं .. उन्हें केवल सही दिशा का बोध ही नहीं करतीं .. संग संग चल अकेले मुसाफिर को एक कारवां बना देती हैं "
................ कुछ ऐसी ही है हमारी "पगडंडियाँ" ............
मुकेश जी , अंजू जी, अंजना जी , हिन्द युग्म एवं शैलेश भारतवासी जी का तहे दिल से शुक्रिया हमको अपने कारवां में शामिल करने के लिए ....
एक से भले दो .. दो से भले चार .. तू अकेला कहाँ मुसाफिर .. हम हैं और रहेंगे हमेशा तेरे साथ :)

सभी रचनाकारों को अनंत शुभकामनायें .. ये कारवां यूँ ही चलता रहे .. आमीन

Gunjan said...

बहुत ही खुबसूरत विवरण प्रस्तुत किया है आपने उस खुबसूरत शाम का ............ कार्यक्रम में शामिल न होते हुए भी वहीँ होने का अहसास हुआ .... शुक्रिया आपका
"कुछ पगडंडियाँ होती ही ऐसी हैं .. जो राह चलते मुसाफ़िर के संग हो लेती हैं .. उन्हें केवल सही दिशा का बोध ही नहीं करतीं .. संग संग चल अकेले मुसाफिर को एक कारवां बना देती हैं "
................ कुछ ऐसी ही है हमारी "पगडंडियाँ" ............
मुकेश जी , अंजू जी, अंजना जी , हिन्द युग्म एवं शैलेश भारतवासी जी का तहे दिल से शुक्रिया हमको अपने कारवां में शामिल करने के लिए ....
एक से भले दो .. दो से भले चार .. तू अकेला कहाँ मुसाफिर .. हम हैं और रहेंगे हमेशा तेरे साथ :)

सभी रचनाकारों को अनंत शुभकामनायें .. ये कारवां यूँ ही चलता रहे .. आमीन

Bodhmita said...

kya baat hai dada.... na jane kab mai bhi in utsavon me shamil ho paungi... sabhi ko anant koti badhaiyan...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

Anju said...

बहुत अच्छा लगा........

Saras said...

एक यादगार दिन रहा मुकेश ...बहुत स्नेह ...बहुत अपनापन मिला ....बहुत बहुत बधाई इस सफल आयोजन के लिए

डॉ. जेन्नी शबनम said...

बहुत बहुत बधाई मुकेश. लोकार्पण की बहुत अच्छी तस्वीर है और सफल आयोजन की ख़ुशी दिख रही है. बहुत इच्छा थी पर आना संभव न हो सका. सभी को बहुत शुभकामनाएँ.

शिवम् मिश्रा said...

सभी रचनाकारों को अनंत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!

Rohit Singh said...

सच में आने का मन था..पर आफिस की वजह से नहीं आ सका...पर इतने लोग थे सो आयोजन को बेहतर तो होना ही था....किताब के लोकार्पन की बधाई।

Unknown said...

Bahut hi achcha varnan kiya aapne Mukesh G !

Aditi Poonam said...

भव्य लोकार्पण की झलकियाँ साझा
करने हेतु बधाई व् शुभकामनाएं

वाणी गीत said...

मेल कही पीछे रह गयी थी , इसलिए देर से देख पायी .
एक बार फिर से बहुत बधाई और शुभकामनायें !

Blogvarta said...

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Anand Kashyap said...

ahut bahut shubhkamnay. Mukesh bhai bahut man tha ke us moke par main bhee waha rehta, parantu harek khawaish sambhav nahi ho ki poora ho.
khair Mukesh Bhai, Neelu di aur sabhi ko badhai ki unki rachnayein Publish ho rahi hain..........
Kaaash mere paas bhi samay rehta kuch likhne ko.......
I am jealous.........
thanks

Divine Anand said...

सभी रचनाकारों को मेरी ढ़ेरों शुभकामनाएँ.