कभी सुना
आवाजें मर गई ?
आवाजें मर गई ?
आवाज तो,
सन्नाटे को चीरती है
बहते मौन हवाओं के बीच
हमिंग बर्ड की तरह..
आवर्ती गति के साथ आगे बढ़ती है
सन्नन्नन्न की गूँजती आवाज़ !!
.
सुनो!
अगर मेरे जाने के बाद
कभी भी
सुनना चाहो मेरी आवाज
मेरी स्मृतियों की खनखनाहट से
तो, लगा देना अपनी कान
फिर उस गुड-गुड करते शोर को
ब्रेल लिपि सी कुछ लिपिबद्ध कर के
अनुभव करने की करना कोशिश
सन्नाटे को चीरती है
बहते मौन हवाओं के बीच
हमिंग बर्ड की तरह..
आवर्ती गति के साथ आगे बढ़ती है
सन्नन्नन्न की गूँजती आवाज़ !!
.
सुनो!
अगर मेरे जाने के बाद
कभी भी
सुनना चाहो मेरी आवाज
मेरी स्मृतियों की खनखनाहट से
तो, लगा देना अपनी कान
फिर उस गुड-गुड करते शोर को
ब्रेल लिपि सी कुछ लिपिबद्ध कर के
अनुभव करने की करना कोशिश
देखना..
मेरी आवाज और मैं
मिलेंगे, बहुत पास ही
बस महसूस करना
और उन पलों में एक बार फिर
जी लेना मुझे...
मेरी आवाज और मैं
मिलेंगे, बहुत पास ही
बस महसूस करना
और उन पलों में एक बार फिर
जी लेना मुझे...
~मुकेश~
8 comments:
बहुत खूब… सुंदर रचना।
बहोत-सुंदर मन को छू जाती है बहोत सुंदर अभिव्यक्ति...
वाह....बहुत ही खुबसूरत !!
sahaz abhiwyakti....behud bhavpurn..
utam-**
बहुत बढ़िया व सुन्दर रचना , मुकेश भाई धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )
One of ur best creation !
आवाज़ों का अपना एक अलग ही शोर है
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