जिंदगी की राहें

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Monday, December 27, 2010

यही होता है स्पर्श!


जब बहुत देर से रोते शिशु को
मिल जाता है
ममत्वा भरा माँ का स्पर्श
वो बिना देखे खिलखिला कर
चहक उठता है ....
क्या यही होता है स्पर्श?

जब हारते हुए शख्स को
उसके मित्र  के हाथ का
हौशले से भरा स्पर्श
यह कहता हुआ मिलता है
"अबकी तू ही जीतेगा यार!"
भर देता है उसमे अदम्य साहस
और जिजीविषा
क्या यही होता है स्पर्श?

जब कष्ट प्रद दर्द से
कराहते मरीज को
मिलता है आश्वासन और
प्यार भरा स्पर्श
"तुम्हारी लम्बी जिंदगी है!"
दर्द में भी ला देती है मुस्कान!!
क्या यही होता है स्पर्श?

जब रूठे हुए प्रेमिका के ओंठो पर
माफ़ी के चाशनी से लिपटी
प्यार भरे प्रेमी के ओंठ का स्पर्श
पिघला  देती है..
उसके अभिमान का बरफ
क्या यही होता है स्पर्श?

जब शांत पत्नी के कानो के पोरों पर
होता है पति का कामुक स्पर्श
कर देता है उसको उद्वेलित
खिल उठता है उसका रोम रोम
खिल उठती है सम्पूर्ण नारी...
क्या यही होता है काफी जीने के लिए उसका स्पर्श
क्या यही होता है स्पर्श?
.
रोते हुए को सीने से लगाना
और फिर बेतहाशा आँशु बहाना
औए अंततः शुकून पा जाना
क्या यही होता है किसी अपने का स्पर्श
क्या यही होता है स्पर्श??
क्या यही होता है स्पर्श??
हाँ यही होता है स्पर्श - एक "छुअन"!!!

............................

अंत में ये कुछ पंक्तियाँ अपने ब्लोगेर्स बंधुओं के लिए:

जब  ब्लॉगर के इंद्रजाल के पन्ने पर
पाठक की होती है आँख
और थिरकती हुई उँगलियों का
की-बोर्ड पर होता है स्पर्श
चाहे जैसे भी हो विचार...
एक आंतरिक ख़ुशी से
अतिरेक ब्लॉगर की सोच
फिर से चलने लगती है............
क्या यही होता है स्पर्श??