पिछले दस फ़रवरी को विश्व पुस्तक मेले के दौरान पगडंडियाँ (साझा कविता संग्रह) जिसका सह संपादन मैंने अंजू चौधरी और रंजू भाटिया के साथ मिल कर किया था, का लोकार्पण वरिष्ठ कथाकार श्रीमति चित्रा मुदगल, श्री विजय किशोर मानव, कवि व पूर्व संपादक "कादंबनी", श्री बलराम, कथाकार व संपादक, "लोकायत", श्री विजय राय, कवि व प्रधान संपादक, "लमही" एवं श्री ओम निश्चल, कवि-आलोचक ने किया।
जहाँ हिंदी के कविताओं का जायदा बड़ा बाजार नहीं है फिर भी इस पुस्तक को लोगो ने ऑनलाइन खूब ख़रीदा और "इंडिया टुडे" तक ने कहा की ये पुस्तक बेस्ट सेलर बनने के और अग्रसर है।
इस पुस्तक के लोकार्पण की खबर को लोकायत पत्रिका (जो मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में बिकने वाली बेहतरीन पत्रिका है) ने एक पुरे पेज पर दिया
इसके आलावा "मेरी दिल्ली" और "दैनिक प्रभात चक्र", "दिशाएं", "बी पी इन टाइम्स" जैसे समाचार पत्र ने इस समाचार को प्रमुखता से जगह दी, जो हम जैसे नौसिखिये रचनाकारों के लिए प्रसन्नता का विषय था।
यह पुस्तक सारी प्रमुख ऑनलाइन बिज़नस साइट्स पर २० % डिस्काउंट के बाद १२०/- रूपये में उबलब्ध है .
अब कुछ अपनी बात, पिछले दिनों 17.04.2013 को शोभना वेलफेयर सोसाइटी (जिसके संयोजक सुमित प्रताप सिंह हैं) के तत्वाधान में गांधी पीस फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली में आयोजित "शोभना सम्मान 2012" में "शोभना काव्य सृजन सम्मान 2012" का पुरस्कार मुझे भी प्राप्त हुआ !!
उस से पहले होली के पूर्व संध्या पर एक शाम कवियों के नाम (टीवी चैनल वन) पर 26.03.2013 को रात 8 से 9 बीच मैंने भी कविता पाठ किया .
एक पत्रिका "ट्रू मीडिया" में मेरी एक रचना "लाइफ इन मेट्रो" को भी स्थान मिला
इतना सब कुछ आप सबको बता कर मैं खुश हो रहा हूँ ....
आप सबकी शुभकामनायें मेरे साथ रहेंगी, बस यही उम्मीद है ........