जिंदगी की राहें

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Wednesday, October 2, 2013

~: बापू :~


हैप्पी बड्डे बापू
तुमने हर समय, अपने जिंदगी के हर मोड़ पर
अहिंसा के पुजारी बन कर
सबको रास्ता दिखाया
ट्रेन से फेंके गए
पर बिना हल्ला-गुल्ला किये
गोरो को भारत से फेंक कर दिखाया
तुमने कहा
अहिंसा विज्ञान है
और विज्ञान असफल हो नहीं सकता
तभी तो बापू तुमने
अपने सोच व समझ को बांधे
अहिंसा का झण्डा थामे
बस दिखाई एक ही चाहत
कैसे हो स्वतंत्र भारत
और वो पूरा कर दिखाया
फिर भी लोगो का क्या
खूब जी भर कर गरियाते हैं
आखिर फैशन है,
इंटेलेक्चुअल दिख पाने का
बेशक, आज तक
सिर्फ अपने हक़ के लिए ही मरते हों
पर तुम्हे गरियाकर
अपना हक़ जताने की कोशिश करते हैं
बापू तुमने तो
देश के लोग जानवरों के प्रति
कितने रहमदिल हैं
इससे
देश की महानता और नैतिक विकास को
बड़े साधारण शब्दों में जोड़ कर कहा था
पर, लोग तो खून के प्यासे हो रहे
वो खून कैसा हो
इसकी कहाँ है फ़िक्र
पर फिर भी क्या बोलूं बापूू
बस कहूँगा कि
इतना भी आराम तुम पर नहीं भाता
मान लिया जन्नत में
आराम से चला रहे होगे चरखा
पर अभी कहाँ आराम बदा है
आ ही जाओ, कुछ तो करो
फिर से हम सब में
राष्ट्रीयता भर दो
देश के लिए मरने की चाहत यानि
एक चुटकी देश भक्ति दे देना बापू
बेशक अहिंसा छोड़ कर
चला ही देना लाठी
अब आ जाओ …………बापू
लव यू बापू !!
गांधी तेरी जय !
शास्त्री जी को भी नमन !
~मुकेश~