जिंदगी की राहें

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Saturday, September 7, 2013

सिर्फ तुम !




पल पल
हर क्षण
जर्रे जर्रे में
तुम
सिर्फ तुम !

मेरे सपने
मेरी हसरतें
मेरी शर्तें
मेरी जरूरतें
मेरी शरारतें
मेरी रातें
मेरे फलसफे
मेरी डायरी
मेरे शब्द
मेरा दिल
मेरी धड़कन
मेरी जान
मेरी तन-मन-धन !

हर जगह तो
बसने लगी हो
तुम
सिर्फ तुम

पर
इनमें
मैं कहाँ हूँ ?
कैसे ढूँढूँ ?
कब-कब ?
कहाँ-कहाँ ?
किधर ?
उफ़्फ़!!
मैं हूँ भी ??
या नहीं ??