एक सुन्दर नवयुवती
थी, स्विमिंग सूट में
(अधोवस्त्र भी कह सकते हैं )
पूल में छप छप छपाक
के आवाज के साथ, कूद पड़ी
अब कर रही थी अठखेलियाँ, तैरते हुए
उड़ती तितलियों या मछलियों सी
दूर खड़ा इंस्ट्रक्टर, निहार रहा था
सुरक्षा की दृष्टि से !! है न जरुरी !!
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ
पुरुष डाक्टर के क्लिनिक में
अनुभवों की गहराती रेखाएं लिए
एक चालीस-वर्षीय महिला
बेझिझक थी लेटी
थी तनावग्रस्त बेशक
डाक्टर टटोल रहा था वक्ष
मेमोग्राफी का पहला टेस्ट था शायद
जिंदगी का भरोसा दे रहा था डॉक्टर !!
एक पूर्ण ढकी हुई स्त्री
सुन्दर सौम्य भारतीय परिधान में
गुजर रही थी मार्केट से
था कमर के पास, थोड़ा उघड़ा हुआ देह
रह गया था बचा
पल्लू के ढकने से शायद !
बींध रही थी, पता नहीं कितनी सारी
कामुक पुरुष नजरें !!
स्त्री महसूस रही थी खुद को
असहाय, नग्न और बेबस !!
किसी ने कहा
ब्यूटी लाइज ओन बीहोल्डर’स आईज
सुन्दरता तो देखने वाले के नजर में होती है
वैसे ही शायद
नग्नता भी शायद कुदृष्टि का कमाल है
मानसिक दिवालियेपन का
है न सच !!
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एक सच्चाई ऐसी भी !!