वेलेंटाइन डे
शब्द विदेशी
याद भी विदेशी
लेकिन एक साधारण दिन में असाधारण अहसास
वो भी बिलकुल देशी...
क्योंकि मोहब्बत का
प्रेम का, प्यार का साथ
देता है खुबसूरत विश्वास.....
एक दूसरे के प्रति चाहत हो जाती है उस दिन खास...
वैसे ये मुआ प्रेम है क्या?
हमारी देशी सोच कहती है
सब कुछ समर्पित कर देना
बिना सोचे सब कुछ खो देना
और फिर चहकते रहना.
किसी दूसरे के लिए सिर्फ जीना....है न...
प्रेम - अपने अन्दर
समेटे रखता है पूरी कायनात
जिंदगी की अनगिनत सच्चाई
होती है उस में लिपटी..
ये है वीरान जिंदगी में
खिला ऐसा फुल
जो महकाता है ब्रह्माण्ड
पर हाँ! इस खास दिन का प्रेम
बन गया ग्लोबल प्रेम
क्यूंकि इस प्रेम में उपस्थित
सेक्स व देहिक सोंदर्य
हो गया है लौकिक और फिजिकल !!
अगर इस दिन
हो जाए हमारी सोच निर्मल
बन जाये हमारा प्यार पवित्र गंगा जल
बिलकुल कोमल जैसे नदी की कल कल...
फिर हमारा कथन
होगा सच्चा चरितार्थ करता हुआ
"यू आर माय वैलेंटाइन ..."