मित्रता का दम भरता हूँ
तभी तो फेसबुक की दुनिया में
चार हजार सात सौ छयासी मित्र
हैं फ्रेंड लिस्ट में
तभी तो फेसबुक की दुनिया में
चार हजार सात सौ छयासी मित्र
हैं फ्रेंड लिस्ट में
बेशक नहीं करता सबों से संवाद
फिर भी उनके लाईक्स के क्लिक्स में
देखता रहता हूँ
सुदामा की तरह कृष्णा सा प्यार
फिर भी उनके लाईक्स के क्लिक्स में
देखता रहता हूँ
सुदामा की तरह कृष्णा सा प्यार
हाँ! सच है, बचपन व जवानी में
जिन दोस्तों के दिल पर राज करता था
नहीं रहा उनके लिए खास, तभी तो
नहीं दिखते आस-पास,
न ही सपने में होते हैं करीब
जिन दोस्तों के दिल पर राज करता था
नहीं रहा उनके लिए खास, तभी तो
नहीं दिखते आस-पास,
न ही सपने में होते हैं करीब
तभी तो मैं ढूंढता हूँ, इन्ही
चार हजार सात सौ छयासी मित्रों के
स्माईलिस,
जिससे अकेलापन दूर करता हूँ
चार हजार सात सौ छयासी मित्रों के
स्माईलिस,
जिससे अकेलापन दूर करता हूँ
तभी तो फेसबुक भी कहता है
बहुत सोशल हो गया हूँ
बहुत सोशल हो गया हूँ
हूँ न .......!!
~मुकेश~